रायपुर: सभी कक्षाओं के परीक्षा के बाद अब छत्तीसगढ़ में नए शिक्षा सत्र 2023-24 की तैयारी चल रही है. शिक्षण सत्र 2023-24 के पहले दिन छात्रों को किताबें और स्कूल ड्रेस दिए जाएंगे. सभी स्कूलों में साफ-सफाई मरम्मत का भी काम जारी है.
नलों से नहीं आ रहा पानी: संतोषी नगर और मठपुरैना के कुछ शासकीय स्कूलों में सुबह से लेकर शाम तक ताले लगे हुए हैं. ऐसे में सवाल ये उठता है कि जब सफाई का काम चल रहा है, तो इन स्कूलों पर सुबह से लेकर शाम तक ताले क्यों लगाए हैं. संतोषी नगर इलाके का एक स्कूल डॉ राम मनोहर लोहिया उच्चतर माध्यमिक शाला स्कूल में बाथरूम के नल से ना तो पानी आ रहा है, बेंच की सफाई हुई है. वहीं कक्षाओं में बिजली की भी कोई व्यवस्था नहीं है. स्कूल खोलने को केवल 3 दिन है. लेकिन मरम्मत के नाम पर यहां पर एक भी काम अभी तक नहीं हुआ है. इसके साथ ही बारिश का पानी भी स्कूल की जमीन पर जमा हुआ है.
शिक्षा विभाग ने भी नहीं दी कोई सही जानकारी: शहर के गिने-चुने स्कूलों के अलावा अंदर के स्कूलों की जानकारी शिक्षा विभाग तक शायद नहीं गई है. सहायक जिला परियोजना समग्र शिक्षा अधिकारी इंदिरा गांधी का कहना है कि "मरम्मत का काम तो काफी प्रगति पर है. सभी स्कूलों में मरम्मत का काम कराया जा चुका है. कुछ एक स्कूल बचे हैं जहां पर मरम्मत का काम चल रहा है और हम उम्मीद करते हैं कि 17 या 18 तारीख तक हमारा मत का काम भी हो जाएगा."
"शिक्षा विभाग की ओर से इन लोगों को अलग से अनुदान राशि दी जाती है. स्कूल प्रबंधन को निर्देश दिया क्या है कि इस बार जो राशि उन्हें दी गई है, या मुख्यमंत्री योजना दीर्घ मरम्मत लघु मरम्मत के अंतर्गत छोटे-मोटे कार्यों के लिए राशि की स्वीकृति दी गई है. दीवारों पर पानी ना रिसाव और मरम्मत का काम हो प्लांटेशन का काम है. नलों का काम है, आदि कामों के लिए राशि दी गई है. सभी स्कूलों को निर्देश दिए गए कि लापरवाही का काम ना हो." -इंदिरा गांधी, सहायक जिला परियोजना अधिकारी, शिक्षा विभाग
"शिक्षण सत्र की तैयारी को लेकर अधिकारी इंदिरा गांधी का कहना है कि "16 जून से नए शिक्षण सत्र शुरू होने वाला है, जिसमें शाला प्रवेश उत्सव मनाया जाएगा. उत्सव 10 दिन तक चलेगा. 15 मई से ही सारा शिक्षा विभाग इसकी तैयारी कर रहा है. राज्य स्तर पर हमें निर्देश दिया गया है कि सभी स्कूलों में रंगाई पुताई सब सफाई का काम किया जाए. जेएन पांडे मल्टीपरपज स्कूल में 16 तारीख को इस उत्सव में मुख्यमंत्री शिरकत करेंगे. मुख्य बात यह है कि इस उत्सव में शाला त्यागी बच्चे हैं या जो प्रश्नकाल के दौरान शाला नहीं आ पाए हैं. ऐसे बच्चों को भी इन्हें जोड़ा जा रहा है. सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी इसमें जोड़ा गया है." -इंदिरा गांधी, सहायक जिला परियोजना अधिकारी, शिक्षा विभाग
होंगे अलग अलग कार्यक्रम: 10 दिन तक अलग-अलग कार्यक्रम होंगे. जिसमें पहले शालाओं का अवलोकन शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री द्वारा किया जाएगा. नव प्रवेश ही बच्चों का स्वागत होगा और इस बीच में उन्हें मिलने वाली विभिन्न सुविधाओं का भी वितरण किया जाएगा. बच्चों को टीका चावल लगाकर उनका स्वागत किया जाएगा. बच्चों के हाथ और पैर का प्रिंट लेकर दीवारों पर लगाया जाएगा उनसे गीत गवाय जाएंगे.