रायपुर: महादेव सट्टा एप केस में छत्तीसगढ़ में लगातार ईडी की कार्रवाई जारी है. इस खेल में खुलासे भी हो रहे हैं. बीते दिनों रायपुर में ईडी की तरफ से गिरफ्तार किए गए नितिन टिबरेवाल और अनिल अग्रवाल की बुधवार को रिमांड पूरी हो गई थी. जिसके बाद ईडी ने दोनों को रायपुर की विशेष अदालत में पेश किया. पेशी के बाद दोनों आरोपियों को 22 जनवरी तक ईडी की रिमांड पर भेज दिया गया है.
ईडी को पांच दिनों की और रिमांड मिली: महादेव सट्टा एप में नितिन टिबरेवाल और दूसरे आरोपी का नाम अनिल अग्रवाल से लगातार ईडी पूछताछ कर रही है. 12 जनवरी को इन दोनों को पूछताछ के लिए ईडी ने दफ्तर में बुलाया था. जिसके बाद इनकी गिरफ्तारी हुई थी. उस दिन ईडी ने दोनों को कोर्ट में पेश किया था. जिसके बाद दोनों आरोपियों को 17 जनवरी तक ईडी रिमांड पर भेज दिया गया था. आज फिर कोर्ट ने दोनों आरोपियों को 22 जनवरी तक ईडी की रिमांड में भेज दिया है. ईडी के वकील के मुताबिक दोनों महादेव सट्टा एप के मास्टरमाइंड रवि उप्पल और शुभम सोनी को लेकर पूछताछ में नितिन टिबरेवाल और अनिल अग्रवाल का नाम सामने आया था. जिसके बाद इनसे पूछताछ की गई थी.
"नितिन टिबरेवाल और अनिल अग्रवाल को पांच दिनों की पूछताछ के बाद बुधवार को ईडी ने कोर्ट में दोबारा पेश किया. अजय सिंह राजपूत की स्पेशल कोर्ट में ईडी ने दोनों आरोपियों से पूछताछ के लिए 5 दिनों की रिमांड मांगी थी. जिसे अदालत ने मंजूर कर लिया. अब 22 जनवरी को इन दोनों आरोपियों को फिर से कोर्ट में पेश किया जाएगा. दोनों आरोपी ईडी को सहयोग नहीं कर रहे हैं. सीडीआर के कुछ डाक्यूमेंट्स है जिनकी मैचिंग करानी है.": धीरेंद्र नंदे, वकील, ईडी
मनी लॉन्ड्रिंग और पैसों की लेयरिंग का आरोप: ईडी के वकील धीरेंद्र नंदे ने बताया कि नितिन टिबरेवाल पर पैसों की लेयरिंग करने का आरोप है. विकास छापरिया मुख्य रूप से पैसों की लेयरिंग करता था. जिसमें नितिन टिबरेवाल के शामिल होने की बात सामने आ रही है. नितिन टिबरेवाल विकास छापरिया की कंपनी में निवेश करता था. विकास छापरिया की कंपनी में नितिन टिबरेवाल भी शेयर होल्डर था और दुबई में प्रॉपर्टी खरीद रखा था.
ब्लैक मनी को व्हाइट मनी में कन्वर्ट करने का खेल: ईडी के वकील ने बताया कि अनिल अग्रवाल के भाई अमित अग्रवाल भी इस खेल में शामिल है. महादेव ऐप से संबंधित जो पैसा उसके भाई अमित अग्रवाल के माध्यम से आता था, उसे अनिल अग्रवाल इन पैसों को अपने अकाउंटेंट के माध्यम से ब्लैक मनी को व्हाइट मनी में बदलने का काम करता था. ई़डी को अब तक जांच में ढाई करोड रुपए का घोटाला दिखा है. जिसमें अनिल अग्रवाल और नितिन टिबरेवाल के शामिल होने की आशंका है. आरोपी अनिल अग्रवाल की पत्नी पर भी अनिल दम्मानी के साथ जमीन खरदीने का आरोप है