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Easter 2023: ईस्टर संडे को हुआ था प्रभु यीशु का पुनर्जन्म

प्रभु यीशु के पुनर्जन्म के तौर पर हर साल गुड फ्राइडे के तीसरे दिन रविवार को ईस्टर मनाया जाता है. इसे ईस्टर संडे भी कहते हैं. आज ईस्टर मनाया जा रहा है. इस दिन चर्च को खास तरीके से सजाया जाता है. मोमबत्तियां जलाकर यीशु को याद किया जाता है.

Easter 2023
ईस्टर 2023
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Published : Apr 3, 2023, 10:58 AM IST

Updated : Apr 9, 2023, 8:21 AM IST

रायपुर: गुड फाइडे के तीसरे दिन प्रभु यीशु फिर से जिंदा हो गए थे. ऐसी मान्यता है कि इस दिन को यीशु के पुनर्जन्म के तौर पर ईसाई मनाते हैं. इस दिन लोगों को अंडा गिफ्ट देने की परंपरा है. हर साल गुड फाइडे के बाद वाले रविवार को Easter संडे मनाया जाता है. इसे ईस्टर डे भी कहा जाता है.

पूरे 40 दिन तक मनाया जाता है ईस्टर: प्रभु यीशु के पुनर्जन्म की खुशी में ईसाई ईस्टर मनाते हैं. ये 40 दिनों तक मनाया जाता है. कहा जाता है कि प्रभु यीशु गुड फ्राइडे के तीसरे दिन पुनर्जीवित हुए थे. इसी घटना को ईस्टर संडे के नाम से जाना जाता है. क्रिसमस के बाद ईस्टर, ईसाई समुदाय का सबसे बड़ा पर्व है. ये दोनों ही पर्व ईसा मसीह के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है.

सूली पर चढ़ाया गया था यीशु को: बाइबल के अनुसार हजारों साल पहले Good Friday के दिन ईसाह मसीह को येरुशलम की पहाड़ियों पर सूली पर चढ़ा दिया गया था. गुड फ्राइडे के बाद तीसरे दिन पड़ने वाले संडे को ईसाह मसीह दोबारा जिंदा हो गए थे. ईसा मसीह करीब 40 दिनों तक अपने शिष्यों के साथ धरती पर रहे. इसके बाद यीशु हमेशा के लिए स्वर्ग चले गए. इसलिए ईस्टर का जश्न पूरे 40 दिनों तक मनाया जाता है. ईस्टर पर्व को ईसाई धर्म के लोग बड़ी धूमधाम से मनाते हैं.

Good Friday 2023: इसी दिन प्रभु यीशु को सूली पर चढ़ाया गया

ऐसे मनाते हैं ईस्टर: ईस्टर के पहले सप्ताह को Easter Week कहा जाता है. इस दौरान ईसाई धर्म के लोग प्रार्थना और व्रत करते हैं. इसाई धर्म के कई लोग ईस्टर के दिन अपने घरों को मोमबत्तियों से रोशन करते हैं. इस दिन अंडे का खास महत्व होता है. अंडे सजाकर एक दूसरे को गिफ्ट किया जाता है.

रायपुर: गुड फाइडे के तीसरे दिन प्रभु यीशु फिर से जिंदा हो गए थे. ऐसी मान्यता है कि इस दिन को यीशु के पुनर्जन्म के तौर पर ईसाई मनाते हैं. इस दिन लोगों को अंडा गिफ्ट देने की परंपरा है. हर साल गुड फाइडे के बाद वाले रविवार को Easter संडे मनाया जाता है. इसे ईस्टर डे भी कहा जाता है.

पूरे 40 दिन तक मनाया जाता है ईस्टर: प्रभु यीशु के पुनर्जन्म की खुशी में ईसाई ईस्टर मनाते हैं. ये 40 दिनों तक मनाया जाता है. कहा जाता है कि प्रभु यीशु गुड फ्राइडे के तीसरे दिन पुनर्जीवित हुए थे. इसी घटना को ईस्टर संडे के नाम से जाना जाता है. क्रिसमस के बाद ईस्टर, ईसाई समुदाय का सबसे बड़ा पर्व है. ये दोनों ही पर्व ईसा मसीह के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है.

सूली पर चढ़ाया गया था यीशु को: बाइबल के अनुसार हजारों साल पहले Good Friday के दिन ईसाह मसीह को येरुशलम की पहाड़ियों पर सूली पर चढ़ा दिया गया था. गुड फ्राइडे के बाद तीसरे दिन पड़ने वाले संडे को ईसाह मसीह दोबारा जिंदा हो गए थे. ईसा मसीह करीब 40 दिनों तक अपने शिष्यों के साथ धरती पर रहे. इसके बाद यीशु हमेशा के लिए स्वर्ग चले गए. इसलिए ईस्टर का जश्न पूरे 40 दिनों तक मनाया जाता है. ईस्टर पर्व को ईसाई धर्म के लोग बड़ी धूमधाम से मनाते हैं.

Good Friday 2023: इसी दिन प्रभु यीशु को सूली पर चढ़ाया गया

ऐसे मनाते हैं ईस्टर: ईस्टर के पहले सप्ताह को Easter Week कहा जाता है. इस दौरान ईसाई धर्म के लोग प्रार्थना और व्रत करते हैं. इसाई धर्म के कई लोग ईस्टर के दिन अपने घरों को मोमबत्तियों से रोशन करते हैं. इस दिन अंडे का खास महत्व होता है. अंडे सजाकर एक दूसरे को गिफ्ट किया जाता है.

Last Updated : Apr 9, 2023, 8:21 AM IST
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