रायपुर: राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग (Department of Revenue and Disaster Management) ने छत्तीसगढ़ के सभी जिला कलेक्टर को पत्र जारी कर भीषण गर्मी को देखते हुए लू से बचने के लिए आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. कोरोना के कहर के बाद अब छत्तीसगढ़ में लू की लहर (Heat wave in chhattisgarh) ने भी सितम बरसाना शुरू कर दिया है. यही वजह है कि राज्य सरकार ने अलर्ट जारी कर सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं.
राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव रीता शांडिल्य ने राज्य के सभी जिला कलेक्टरों को पत्र जारी कर दिया है. राहत आयुक्त ने इस संबंध में सभी कलेक्टर्स को अपने अपने जिले में एक वरिष्ठ अधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही प्रतिदिन लू से प्रभावितों की जानकारी लेने और राजस्व आपदा प्रबंधन विभाग को यह जानकारी को अपडेट करने के लिए भी निर्देश दिए हैं. राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से कलेक्टरों को अपने जिलों में लू से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए भी आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.
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मौसम विभाग ने लू के लिए किया अलर्ट
मौसम विभाग (weather department) ने प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में तापमान और बढ़ने की संभावना जताई है. गर्मी के मौसम में लोगों को लू से प्रभावित होने की संभावना रहती है. तेज गर्मी के दुष्प्रभाव और शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर भी नजर रखने कहा गया है. शरीर की जैविक क्रियाओं को लेकर जिस तरह से गर्मी प्रभावित करता है इस स्थिति को लू लगना या हीट स्ट्रोक के नाम से भी जाना जाता है. छत्तीसगढ़ में वैसे भी 45 से 46 डिग्री तक गर्मी रहती है.
लू के विभिन्न लक्षण
- सिर में भारीपन और दर्द का अनुभव होना
- तेज बुखार के साथ मुंह का सूखना
- चक्कर और उल्टी आना
- कमजोरी के साथ शरीर में दर्द होना
- शरीर का तापमान अधिक होने पर पसीना आना
- भूख कम लगना और बेहोश होना
लू लगने का प्रमुख कारण
तेज धूप में ज्यादा देर तक रहने के कारण शरीर में पानी की कमी हो जाती है. इससे बचाव के लिए है ध्यान रखना जरूरी है कि अधिक पसीना आने की स्थिति में ओआरएस घोल का सेवन करें.
- घर से अधिक देर तक बाहर ना निकलें.
- धूप में निकलने से पहले सर और कानों कपड़े से अच्छी तरह से बांध लें.
- पानी अधिक मात्रा में पीये.
- अधिक समय तक धूप में ना रहें.
- गर्मी के दौरान नरम मुलायम और सूती का कपड़े पहने.
- चक्कर आने मितली आने पर छायादार स्थान पर आराम करें.
- शीतल पेय या फलों का रस, लस्सी, मठा का अधिक सेवन करें.
- उल्टी, सिर दर्द, तेज बुखार की दशा में मरीज को तत्काल इलाज कराना जरूरी है.