रायपुर : राजधानी रायपुर में दो दिवसीय धर्म संसद (Dharma Sansad 2021 in Raipur) का आयोजन किया गया है. भाठागांव के रावणभाठा मैदान में आयोजित धर्म संसद के पहले दिन शोभायात्रा और कलशयात्रा निकाली गई. इसमें देशभर के सैकड़ों साधु-संत शामिल हुए. बता दें कि धर्म संसद ने सनातन धर्मियों को इस सनातन धर्म के बारे में समझाने के लिए यह आयोजन किया है. इस दौरान अन्य राज्यों से आए संतों के बीच विचार-विमर्श भी किया जाएगा.
सनातन धर्म को जन-जन तक पहुंचाना है उद्देश्य : महंत
आयोजन के दौरान ईटीवी भारत से खास बातचीत में महंत रामसुंदर दास (Mahant Ramsundar Das) ने बताया कि छत्तीसगढ़ को पूर्व काल में कौशल प्रांत कहा जाता था. माता कौशल्या की यह जन्मभूमि है. भगवान श्रीराम का ननिहाल है. यहां दो दिवसीय धर्म संसद का आयोजन रावणभाठा मैदान में किया गया है. इसमें भारत के अलग-अलग धार्मिक स्थानों से धर्माचार्य आए हैं. दो दिनों तक यहां चर्चा होगी. भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म को जन-जन तक पहुंचाने और उसकी पुनर्स्थापना के लिए यह आयोजन किया गया है.
नौजवानों में जागृति पैदा करना मुख्य उद्देश्य : उपासने
सच्चिदानंद उपासने (Sachidanand Upasane) ने बताया कि देश-प्रदेश के नौजवानों में धर्म के प्रति जागृति पैदा करने के उद्देश्य से यह आयोजन किया जा रहा है. राजधानी में यह दो दिवसीय धर्म संसद इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि छत्तीसगढ़ में तेजी से धर्मांतरण किया जा रहा है. लव जिहाद की घटनाएं हो रही हैं. इन सब चीजों को देखकर देश के संत-महात्मा यहां आए हैं. समाज के प्रमुख लोगों को भी इसमें बुलाया गया है. उनके साथ बैठकर बताएंगे कि ऐसी ताकतें जो हिंदू धर्म पर डाका डालने की कोशिश कर रही हैं, उनसे सजग रहने की आवश्यकता है.
यूपी-महाराष्ट्र और अयोध्या समेत कई जगहों से आए हैं संत
आज के इस आयोजन में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह (Former Chief Minister Raman Singh) भी मौजूद रहे. इसके अलावा विधायक विकास उपाध्याय समेत कई नेता मौजूद रहे. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे. दो दिवसीय इस आयोजन में कल देश के विभिन्न धार्मिक स्थलों से पहुंचे संत अपने विचार रखेंगे. यहां उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली,अयोध्या और अलग-अलग जगह से संत बड़ी संख्या में पहुंचे हैं.