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DGP की अभिभावकों को दो टूक, 'जिसे टीसी ले जाना है ले जाए'

पुलिस विभाग के अधिकारियों द्वारा पढ़ाए जाने की खबर के बाद अभिभावकों ने अपना विरोध दर्ज कराया है. वहीं डीजीपी ने भी साफ कर दिया है कि जिसे इस स्कूल में अपने बच्चों को पढ़ाना है पढ़ाए, नहीं तो वो टीसी लेकर जा सकता है.

DGP की अभिभावकों को दो टूक, 'जिसे टीसी ले जाना है ले जाए'
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Published : Jun 14, 2019, 8:21 AM IST

रायपुर : पुलिस विभाग द्वारा खोले जा रहा पुलिस स्कूल का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. स्कूल में एडमिशन को लेकर अभिभावक और पुलिस विभाग आमने सामने आ गया है. गुरुवार को अभिभावकों ने स्कूल पहुंचकर हंगामा किया था, जिसके बाद DGP ने साफ कहा कि, 'जिसे टीसी ले जाना है ले जाए.'

देखें वीडियो

इस मामले में जहां एक और दिल्ली की नामी शिक्षण संस्था डीएवी के साथ एमओयू समाप्त करने और पुलिस विभाग के अधिकारियों द्वारा पढ़ाए जाने की खबर के बाद अभिभावकों ने अपना विरोध दर्ज कराया है. वहीं डीजीपी ने भी साफ कर दिया है कि जिसे इस स्कूल में अपने बच्चों को पढ़ाना है पढ़ाए, नहीं तो वो टीसी लेकर जा सकता है.

डीजीपी की इस दो टूक के बाद अब कहीं ना कहीं उन अभिभावकों को बड़ा झटका लगा है, जिन्हें उम्मीद थी कि उनके विरोध के बाद हो सकता है कि पुलिस विभाग कोई ठोस निर्णय ले और दिल्ली की नामी शिक्षण संस्था डीएवी के साथ एमओयू आगे जारी रखे, लेकिन उनकी इस उम्मीदें खत्म होती नजर आ रही हैं.

डीएवी का नाम जुड़ने से करवाया एडमिशन
दरअसल, पुलिस विभाग की ओर से बैरनबाजार में एक स्कूल भवन बनवाकर वहां पुलिस स्कूल शुरू कराया गया है. स्कूल में अंग्रेजी माध्यम में 8वीं तक पढ़ाई होगी. इस स्कूल में आरक्षक से लेकर एसपी स्तर तक के अधिकारी शिक्षक के रूप में छात्रों को पढ़ाएंगे इसके लिए डीजीपी द्वारा आदेश भी जारी कर भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. साथ ही स्कूल से डीएवी संस्था का नाम जुड़ने से सैकड़ों पालकों ने अपने बच्चों को दूसरे स्कूलों से निकलवाकर पुलिस स्कूल में एडमिशन करवाया था.

रायपुर : पुलिस विभाग द्वारा खोले जा रहा पुलिस स्कूल का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. स्कूल में एडमिशन को लेकर अभिभावक और पुलिस विभाग आमने सामने आ गया है. गुरुवार को अभिभावकों ने स्कूल पहुंचकर हंगामा किया था, जिसके बाद DGP ने साफ कहा कि, 'जिसे टीसी ले जाना है ले जाए.'

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इस मामले में जहां एक और दिल्ली की नामी शिक्षण संस्था डीएवी के साथ एमओयू समाप्त करने और पुलिस विभाग के अधिकारियों द्वारा पढ़ाए जाने की खबर के बाद अभिभावकों ने अपना विरोध दर्ज कराया है. वहीं डीजीपी ने भी साफ कर दिया है कि जिसे इस स्कूल में अपने बच्चों को पढ़ाना है पढ़ाए, नहीं तो वो टीसी लेकर जा सकता है.

डीजीपी की इस दो टूक के बाद अब कहीं ना कहीं उन अभिभावकों को बड़ा झटका लगा है, जिन्हें उम्मीद थी कि उनके विरोध के बाद हो सकता है कि पुलिस विभाग कोई ठोस निर्णय ले और दिल्ली की नामी शिक्षण संस्था डीएवी के साथ एमओयू आगे जारी रखे, लेकिन उनकी इस उम्मीदें खत्म होती नजर आ रही हैं.

डीएवी का नाम जुड़ने से करवाया एडमिशन
दरअसल, पुलिस विभाग की ओर से बैरनबाजार में एक स्कूल भवन बनवाकर वहां पुलिस स्कूल शुरू कराया गया है. स्कूल में अंग्रेजी माध्यम में 8वीं तक पढ़ाई होगी. इस स्कूल में आरक्षक से लेकर एसपी स्तर तक के अधिकारी शिक्षक के रूप में छात्रों को पढ़ाएंगे इसके लिए डीजीपी द्वारा आदेश भी जारी कर भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. साथ ही स्कूल से डीएवी संस्था का नाम जुड़ने से सैकड़ों पालकों ने अपने बच्चों को दूसरे स्कूलों से निकलवाकर पुलिस स्कूल में एडमिशन करवाया था.

Intro:नहीं पढ़ाना है तो टीसी लेकर जा सकते हैं डीजीपी

रायपुर। पुलिस विभाग द्वारा खोले जा रहा है स्कूल का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है । इस मामले को लेकर अभिभावक और पुलिस विभाग आमने सामने आ गया है। और इसका हल इतने आसानी से निकलता नजर नहीं आ रहा है।

इस मामले में जहां एक और दिल्ली की नामी शिक्षण संस्था डीएवी के साथ एमओयू समाप्त करने और पुलिस विभाग के अधिकारियों द्वारा पढ़ाए जाने की खबर के बाद अभिभावकों ने अपना विरोध दर्ज कराया है वहीं डीजीपी ने भी साफ कर दिया है कि जिसे इस स्कूल में अपने बच्चों को पढ़ाना है पढ़ाये , नहीं तो वह टीसी लेकर जा सकता है।
व्हाइट डीएम अवस्थी डीजीपी

डीजीपी की इस दो टूक के बाद अब कहीं ना कहीं उन अभिभावकों को बड़ा झटका लगा है जिन्हें उम्मीद थी कि आज उनके विरोध के बाद हो सकता है कि पुलिस विभाग कोई ठोस निर्णय लेती और दिल्ली की नामी शिक्षण संस्था डीएवी के साथ एमओयू आगे जारी रखती लेकिन उनकी इस उम्मीदों पर अब विराम लग गया है

बतादें कि पुलिस विभाग की ओर से बैरनबाजार में एक स्कूल भवन बनवाकर वहां पुलिस स्कूल शुरू कराया गया। वहां अंग्रेजी माध्यम में 8 वीं तक पढ़ाई होगी। इस स्कूल में आरक्षक से लेकर एसपी स्तर तक के अधिकारी शिक्षक के रूप में छात्रों को पढ़ाएंगे इसके लिए डीजीपी द्वारा आदेश भी जारी कर भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।डीएवी संस्था का नाम जुडऩे से वहां की पढ़ाई और बेहतर हो सकती है। यह सब देखकर सैकड़ों पालकों ने दूसरे स्कूलों से हटाकर अपने बच्चों का एडमिशन पुलिस स्कूल में कराया।

अब जानकारी आ रही है कि डीएवी संस्था ने 30 लाख फंड न मिलने से अपना हाथ वापस खींच लिया है। ऐसे में चिंतित पालक अब वहां टीसी, फीस वापस लेकर अपने पुरानी संस्था में एडमिशन कराना चाहते हैं।
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