रायपुरः केंद्र से मिले आदेश के बाद से ही परिवहन विभाग स्कूली वाहनों को लेकर सतर्क हो गया है. लगातार स्कूली बसों की जांच चल रही है. रविवार 21 जुलाई को तीसरी बार बसों के फिटनेस जांच करने को लेकर एक शिविर आयोजित की गई, इस शिविर में 200 बसें आई है.
पुलिस और परिवहन विभाग के दो बार फिटनेस शिविर आयोजित करने के बाद भी स्कूल प्रबंधकों ने न वाहन भेजा और न ही उनका फिटनेस टेस्ट करवाया. 21 जुलाई रविवार को परिवहन विभाग ने अंतिम और तीसरी बार चेतावनी के साथ शिविर आयोजित की.
इसमें जिन बसों को जांच के लिए नहीं लाया जाएगा उन पर कार्रवाई की जाएगी. साथ ही उन बसों के प्रबंधकों से भी जवाब तलब किया जाएगा. राजधानी के अधिकतर स्कूल बसों में सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन नहीं किया जाता.
कोर्ट के निर्देश के बाद सभी बसों में यह सिस्टम होना चाहिए कि बच्चों की सुरक्षा के लिए भीतर कैमरा लगा हो, ताकि एक-एक सप्ताह की रिकॉर्डिंग मिल सके. इन सभी नियमों को किनारे कर बसें अपने हिसाब से चलाई जा रही हैं.
परिवहन निरीक्षक रामकुमार ध्रुव ने बताया कि जिन स्कूलों की गाड़ियां नहीं आई है इनमें कई बड़े नामी स्कूल भी शामिल हैं. उनकी सूची तैयार की गई है, कलेक्टर के माध्यम से उन सभी स्कूल के प्रबंधकों को नोटिस भेजा जाएगा जिन्होंने अपने स्कूल में अटैच वाहनों की जांच नहीं कराई है.