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परिवहन विभाग की स्कूलों को चेतावनी, बसों को जांच के लिए नहीं लाए तो होगी कार्रवाई - chhattisgarh

पुलिस और परिवहन विभाग के दो बार फिटनेस शिविर आयोजित करने के बाद भी स्कूल प्रबंधकों ने न वाहन भेजा और न ही उनका फिटनेस टेस्ट करवाया. 21 जुलाई रविवार को परिवहन विभाग ने अंतिम और तीसरी बार चेतावनी के साथ शिविर आयोजित की.

परिवहन विभाग की स्कूलों को चेतावनी
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Published : Jul 21, 2019, 4:02 PM IST

रायपुरः केंद्र से मिले आदेश के बाद से ही परिवहन विभाग स्कूली वाहनों को लेकर सतर्क हो गया है. लगातार स्कूली बसों की जांच चल रही है. रविवार 21 जुलाई को तीसरी बार बसों के फिटनेस जांच करने को लेकर एक शिविर आयोजित की गई, इस शिविर में 200 बसें आई है.

परिवहन विभाग की स्कूलों को चेतावनी

पुलिस और परिवहन विभाग के दो बार फिटनेस शिविर आयोजित करने के बाद भी स्कूल प्रबंधकों ने न वाहन भेजा और न ही उनका फिटनेस टेस्ट करवाया. 21 जुलाई रविवार को परिवहन विभाग ने अंतिम और तीसरी बार चेतावनी के साथ शिविर आयोजित की.

इसमें जिन बसों को जांच के लिए नहीं लाया जाएगा उन पर कार्रवाई की जाएगी. साथ ही उन बसों के प्रबंधकों से भी जवाब तलब किया जाएगा. राजधानी के अधिकतर स्कूल बसों में सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन नहीं किया जाता.

कोर्ट के निर्देश के बाद सभी बसों में यह सिस्टम होना चाहिए कि बच्चों की सुरक्षा के लिए भीतर कैमरा लगा हो, ताकि एक-एक सप्ताह की रिकॉर्डिंग मिल सके. इन सभी नियमों को किनारे कर बसें अपने हिसाब से चलाई जा रही हैं.
परिवहन निरीक्षक रामकुमार ध्रुव ने बताया कि जिन स्कूलों की गाड़ियां नहीं आई है इनमें कई बड़े नामी स्कूल भी शामिल हैं. उनकी सूची तैयार की गई है, कलेक्टर के माध्यम से उन सभी स्कूल के प्रबंधकों को नोटिस भेजा जाएगा जिन्होंने अपने स्कूल में अटैच वाहनों की जांच नहीं कराई है.

रायपुरः केंद्र से मिले आदेश के बाद से ही परिवहन विभाग स्कूली वाहनों को लेकर सतर्क हो गया है. लगातार स्कूली बसों की जांच चल रही है. रविवार 21 जुलाई को तीसरी बार बसों के फिटनेस जांच करने को लेकर एक शिविर आयोजित की गई, इस शिविर में 200 बसें आई है.

परिवहन विभाग की स्कूलों को चेतावनी

पुलिस और परिवहन विभाग के दो बार फिटनेस शिविर आयोजित करने के बाद भी स्कूल प्रबंधकों ने न वाहन भेजा और न ही उनका फिटनेस टेस्ट करवाया. 21 जुलाई रविवार को परिवहन विभाग ने अंतिम और तीसरी बार चेतावनी के साथ शिविर आयोजित की.

इसमें जिन बसों को जांच के लिए नहीं लाया जाएगा उन पर कार्रवाई की जाएगी. साथ ही उन बसों के प्रबंधकों से भी जवाब तलब किया जाएगा. राजधानी के अधिकतर स्कूल बसों में सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन नहीं किया जाता.

कोर्ट के निर्देश के बाद सभी बसों में यह सिस्टम होना चाहिए कि बच्चों की सुरक्षा के लिए भीतर कैमरा लगा हो, ताकि एक-एक सप्ताह की रिकॉर्डिंग मिल सके. इन सभी नियमों को किनारे कर बसें अपने हिसाब से चलाई जा रही हैं.
परिवहन निरीक्षक रामकुमार ध्रुव ने बताया कि जिन स्कूलों की गाड़ियां नहीं आई है इनमें कई बड़े नामी स्कूल भी शामिल हैं. उनकी सूची तैयार की गई है, कलेक्टर के माध्यम से उन सभी स्कूल के प्रबंधकों को नोटिस भेजा जाएगा जिन्होंने अपने स्कूल में अटैच वाहनों की जांच नहीं कराई है.

Intro:रायपुर । केंद्र से मिले आदेश के बाद से ही परिवहन विभाग स्कूली वाहनों को लेकर सतर्क हो गया है लगातार स्कूली बसों की जांच चल रही है उनका फिटनेस टेस्ट किया जा रहा है रविवार 21 जुलाई को तीसरी बार बसों के फिटनेस जांच करने को लेकर शिविर आयोजित की गई इस शिविर में अब तक जांच नहीं हो पाई 200 से अधिक बसें आई है




Body:बिना फिटनेस की टेस्ट की दौड़ रही है पुलिस और परिवहन विभाग ने दो बार फिटनेस शिविर आयोजित कर चुका है नोटिस के बावजूद स्कूल प्रबंधकों ने न वाहन भेजा और ना ही उनका फिटनेस टेस्ट करवाया 21 जुलाई रविवार को परिवहन विभाग के द्वारा अंतिम और तीसरी बार चेतावनी के साथ या शिविर आयोजित की गई है


इसमें जिन बसों को जांच के लिए नहीं लाया जाएगा उन पर कार्यवाही की जाएगी साथ ही उन बसों के प्रबंधकों से भी जवाब तलब किया जाएगा राजधानी के अधिकतर स्कूल बसों में सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन नहीं किया जा रहा है शिकायत है कि पुलिस और आरटीओ की जांच टीम इसको गंभीर ता से नहीं लेती कोर्ट के निर्देश के बाद सभी बसों को जी यह सिस्टम होना चाहिए बच्चों की सुरक्षा के लिए भीतर कैमरा लगा होना चाहिए उनसे एक-एक सप्ताह का रिकॉर्डिंग सिस्टम होना चाहिए लेकिन इन सभी नियमों को दरकिनार कर स्कूली बसें अपने हिसाब से चलाई जा रही हैं ।




Conclusion:फिलहाल आरटीओ और पुलिस का अमला अभी केवल इतना देखा है कि उपकरण लगे हैं या नहीं रामकुमार ध्रुव परिवहन निरीक्षक ने बताया कि जिन स्कूलों की गाड़ियों नहीं आई है इनमें कई बड़े नामी स्कूल भी शामिल हैं उनकी सूची तैयार की गई है कलेक्टर के माध्यम से उन सभी स्कूल के प्रबंधकों को नोटिस भेजा जा रहा है जिन्होंने अपने स्कूल में अटैच वाहनों की जांच नहीं कराई

बाइट - रामकुमार ध्रुव
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