रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र के 10वें दिन सदन में मंत्री रविंद्र चौबे ने अपने संबंधित विभागों के अनुदान मांगें सदन में रखी. जिसे ध्वनि मत से पारित किया गया. अनुदान मांगों में विधान मंडल, कृषि, पशुपालन, मछली पालन, जल संसाधन विभाग से संबंधित अनुदान शामिल थे.
शुक्रवार को विधानसभा में कृषि, जल संसाधन, पशुपालन, मछली पालन और संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 7785 करोड़ 76 लाख रुपए सदन में अनुदान मांगे रखी. जिससे ध्वनि मत से पारित किया गया. पारित अनुदान मांगों में
- राज्य विधान मंडल के लिए 70 करोड़ 49 लाख 30 हजार रुपए.
- कृषि विभाग के लिए 4604 करोड़ 53 लाख 98 हजार रुपए.
- पशुपालन विभाग के लिए 473 करोड़ 82 लाख 39 हजार रुपए.
- मछली पालन विभाग के लिए 82 करोड़ 38 लाख 40 हजार रूपए.
- कृषि अनुसंधान और शिक्षा से संबंधी व्यय के लिए 255 करोड़ रुपए
- जल संसाधन विभाग के लिए 1139 करोड़ 47 लाख 58 हजार रुपए
- लघु सिंचाई निर्माण कार्य के लिए 453 करोड़ 98 लाख 36 हजार रुपए
- जल संसाधन विभाग से संबंधित नाबार्ड से सहायता प्राप्त परियोजनाओं के लिए 699 करोड़ 6 लाख रुपए.
- विदेशों से सहायता प्राप्त परियोजनाओं के लिए 7 करोड़ रुपए शामिल है.
अनुदान मांगों की चर्चा में विधानसभा सदस्य धनेन्द्र साहू, सत्यनारायण शर्मा, प्रकाश नायक, शैलेष पाण्डेय, धर्मजीत सिंह, ममता चंद्राकर, रामकुमार यादव, उत्तरी जांगड़े और आशीष छाबड़ा ने भाग लिया.
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कोविड काल मे भी चुनौती को अवसर में बदला
मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 95 प्रतिशत आबादी कृषि पर आधारित है. उन्होंने कहा कि किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए लाख की खेती और मछली पालन को कृषि का दर्जा दिया जाना है. इसके लिए बजट में प्रावधान किया गया है. कृषि बजट में गतवर्ष की तुलना में 13 प्रतिशत की वृद्धि की गई है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में पिछले दो साल में खेती किसानी के लिए खाद, बीज, कृषि ऋण, खेती का रकबा और उत्पादन में वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में भी कृषि क्षेत्र में भी विकास की गति को जारी रखते हुए कोविड चुनौती को अवसर में बदला गया. कोरोना काल में किसानों के खाते में 23 हजार 555 करोड़ रुपए किसानों के खाते में हस्तांतरित किया गया है.
गौठानो में मल्टीयूटीलिटी सेंटर बनाए जाएंगे
प्रदेश के किसानों की सुविधा के लिए सभी प्राथमिक समितियों में चबूतरों में शेड बनाया जाएगा, इसके साथ ही किसान कुटीर भी बनाए जाएंगे. जहां किसानों के लिए बैठने, पेयजल आदि की व्यवस्था होगी. उन्होंने कहा कि किसानों, ग्रामीणों, पशुपालकों और महिला स्व सहायता समूहों को लाभ पहुंचाने के लिए प्रदेश के सभी गौठानों को मल्टीयूटिलिटी सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा. रविंद्र चौबे ने कहा कि छत्तीसगढ़ के विभिन्न कृषि उत्पादों को प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर एक ही छत के नीचे बेचने के लिए सी मार्ट योजना का भी बजट में प्रावधान किया गया है. सिंचाई सुविधाओं में विस्तार के लिए नदियों के किनारे जहां जल स्त्रोत उपलब्ध है वहां मेगा लिफ्ट ऐरिगेशन सिस्टम तैयार किया जाएगा.