रायपुर: प्रदेश में बढ़ते कोरोना वायरस संक्रमण के बीच राजधानी के लिए राहत की खबर है. छत्तीसगढ़ सरकार ने जिला प्रशासन को लॉकडाउन की अनुमति दी थी. बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्रशासन ने एक हफ्ते का सख्त लॉकडाउन लागू किया था. लॉकडाउन के दौरान राजधानी में भारी पुलिस बल तैनात किया गया था. संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए प्रशासन ने यह कदम उठाए थे. जिसके बाद से संक्रमण की रफ्तार थोड़ी धीमी हुई है.
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सितंबर महीने के अंतिम हफ्ते की जाए तो आए दिन 400 से 600 के बीच नए मरीजों की पहचान हो रही थी. हाल के दिनों में कोरोना संक्रमण की रफ्तार पर लगाम लगा है. रायपुर में 5 अक्टूबर को 270 मामले सामने आए थे. 6 अक्टूबर को 377, 7 अक्टूबर 391, 8 अक्टूबर को 306 और 9 अक्टूबर को 336 मामले सामने आए थे. कम मरीजों की पहचान होने से अंदाजा लगाया जा रहा है कि प्रशासन का लॉकडाउन काफी कारगर साबित हुआ है.
डॉक्टर भी मान रहे लॉकडाउन का असर
ICMR (भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद) के सदस्य डॉक्टर राकेश गुप्ता ने बताया कि लॉकडाउन बेहद असरकारक रहा, जिला प्रशासन ने 7 दिनों का लॉकडाउन लगाया था. कहीं ना कहीं इससे चेन टूटी है. संक्रमण के मामले कम आ रहे हैं. लोग सतर्क रहेंगे तो मामले और कम भी हो सकते हैं. मेकाहारा के डॉक्टर स्मित श्रीवास्तव ने बताया कि यह राहत की बात है कि राजधानी में अब मामले कम सामने आ रहे हैं. और इसमें कहीं ना कहीं लॉकडाउन की एक अहम भूमिका रही है.
अभी भी सावधानी की है जरूरत
एक्सपर्ट्स की मानें तो अभी भी कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा बरकरार है. यदि लोग गाइडलाइंस का पालन नहीं करते हैं तो दोबारा संक्रमण के मामले बढ़ सकते हैं. इसलिए जरूरी है कि लोग गाइडलाइंस का पालन करें. जहां भी जाए वहां पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें. हर वक्त अपने चेहरे पर मास्क लगाकर रखे और हर थोड़ी देर में सैनिटाइज करते रहें.