रायपुर : छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा दिन व दिन बढ़ते ही जा रहा है. प्रदेश में 11 सितंबर तक 55,680 कोरोना से संक्रमित मरीज मिल चुके हैं. इनमें से अबतक 493 लोगों की मौत भी हो चुकी है. कभी देश में सबसे बेहतर रिकवरी रेट देने वाले प्रदेश छत्तीसगढ़ में आज कोरोना की रोकथाम के तमाम कोशिश नाकाम होते जा रही है. प्रदेश में 1 सितंबर के बाद से हर दिन 2 हजार से ज्यादा मरीज मिल रहे हैं. बीते दस दिनों का आंकड़ा देखा जाए तो, ये आंकड़ा 2 हजार 371 के रेश्यो से बढ़ रहा है.
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में हर दिन का रेश्यो करीब 700 का है. 11 सिबंतर रात 11 बजे तक प्रदेश में एक्टिव मरीजों की संख्या 29,332 है. इससे भी बुरी खबर ये है कि जुलाई में जहां रिकवरी रेट 78.4 प्रतिशत थी, वो 11 सितंबत को घटकर 38 फिसदी पर आ गई है. इसके अलावा बढ़ते दिन से हिसाब से डेथ रेश्यो भी लगातार बढ़ते ही जा रहा है.
38 प्रतिशत हो गया है रिकवरी रेट
बात रिकवरी रेट की बात करे तो, 11 सितंबर को जारी रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में 89.3%, तमिलनाडु में 87.7%, दिल्ली में 86.3%, पश्चिम बंगाल में 85.6%, राजस्थान में 82.7%, गुजरात में 81.8%, आंध्र प्रदेश में 80.1%, हरियाणा में 78.1%, ओडिशा में 78.0%, असम में 77.4%, मध्य प्रदेश में 75.7%, कर्नाटका में 74.9%, केरल में 74.2%, जम्मू-कश्मीर में 72.9%, झारखंड में 71.2%, महाराष्ट्र में 70.7% और छत्तीसगढ़ में 38 प्रतिशत है. छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस का फैलाव सबसे ज्यादा बीते 10 दिनों में होना बताया जा रहा है. 1 सितंबर से 10 सितंबर तक 23,710 कोरोना संक्रमित मरीज मिल चुके हैं. जिसे प्रतिदिन के हिसाब से बांटा जाए तो, रोजाना लगभग 2371 की केस सामने आ रहे हैं.
पढ़ें : SPECIAL: कोरोना ने बदली लोगों की जिंदगी, साफ-सफाई और पर्सनल हाईजीन को लेकर हुए सीरियस
हर दिन औसतन 2500 मरीज
इधर, बढ़ते आंकड़े और घटते रिकवरी रेट को लेकर कोविड-19 नोडल अधिकारी ओपी सुंदरानी का कहना है कि प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों और डेथ रेश्यो का आंकड़ा इसीलिए भी ज्यादा दिख रहा है कि पहले कम संक्रमित मरीज आ रहे थे और अब अब रोजाना 2 हजार से 2 हजार 500 मरीज सामने आ रहे हैं.
पढ़ें : SPECIAL: कोविड मरीजों के शव को सम्मानपूर्वक मुक्तिधाम तक पहुंचाते हैं ये कोरोना वॉरियर्स
जल्द सुधरेंगे हालात
ओपी सुंदरानी के मुताबिक पहले के मुकाबले रिकवरी रेट थोड़ा कम हो गया है, लेकिन जैसे ही मरीज कम होने लगेंगे रिकवरी रेट में सुधार होने लगेगा. डॉक्टर ओपी सुंदरानी बताते हैं, अभी जो लोग आ रहे हैं वो या तो सांस में तकलीफ होने की वजह से या 5 से 6 दिन तबीयत खराब होने के बाद ठीक नहीं होने की वजह से आखिर में डॉक्टर के पास आ रहे हैं, ऐसे में डॉक्टरों के सामने उन्हें ठीक करने की परेशानी और बढ़ जाती है.
लोगों की लापरवाही!
पहले लोग सर्दी-खांसी होने पर ही डॉक्टर के पास चले जाते थे, इस वजह से वह जल्दी ठीक हो जाते थे. बहरहाल कारण जो भी हो आंकड़े और सरकारी इंतजाम लोगों को डरा रहे हैं.