रायपुर: कांग्रेस के युवा विधायक विकास उपाध्याय ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र भेज कर प्रदेश के सभी निजी स्कूलों द्वारा ली जाने वाली 3 महीने की फीस माफ किए जाने की मांग की थी. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्राइवेट स्कूलों को निर्देश दिए हैं कि दबाव डालकर फीस न ली जाए. सीएम ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है. विकास उपाध्याय ने खत में लिखा था कि इससे प्रदेश के लाखों परिवारों को राहत मिलेगी.
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लॉकडाउन के दौरान अनेक निजी शालाओं द्वारा स्कूल फीस जमा करने संबंधी संदेश पालकों को लगातार भेजे जा रहे हैं, ऐसे समय में फीस भुगतान के लिए दबाव डालना उचित नहीं है।
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सभी शालाओं को लॉकडाउन की अवधि में स्कूल फीस वसूली स्थगित रखने के निर्देश दिये गए हैं।
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सभी शालाओं को लॉकडाउन की अवधि में स्कूल फीस वसूली स्थगित रखने के निर्देश दिये गए हैं।लॉकडाउन के दौरान अनेक निजी शालाओं द्वारा स्कूल फीस जमा करने संबंधी संदेश पालकों को लगातार भेजे जा रहे हैं, ऐसे समय में फीस भुगतान के लिए दबाव डालना उचित नहीं है।
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सभी शालाओं को लॉकडाउन की अवधि में स्कूल फीस वसूली स्थगित रखने के निर्देश दिये गए हैं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लिखे पत्र में विधायक विकास उपाध्याय ने कहा है कि पूरे विश्व में आए कोरोना के संकट से छत्तीसगढ़ राज्य भी पूरी तरह से प्रभावित हुआ है. शासन ने इस संक्रमण को रोकने सबसे पहले सभी स्कूलों को बंद कराने का निर्णय लिया था. जिसके कारण पिछले महीने से सभी स्कूल पूरी तरह से बंद हैं. आगे भी स्कूल को बंद की यथावत स्थिति में ही रखने की जरूरत पड़ेगी.
इसे लेकर सीएम ने ट्वीट किया है कि, 'लॉकडाउन के दौरान अनेक निजी शालाओं द्वारा स्कूल फीस जमा करने संबंधी संदेश पालकों को लगातार भेजे जा रहे हैं, ऐसे समय में फीस भुगतान के लिए दबाव डालना उचित नहीं है. सभी शालाओं को लॉकडाउन की अवधि में स्कूल फीस वसूली स्थगित रखने के निर्देश दिये गए हैं.
फीस माफ करने की मांग की थी
इस बीच सभी पलकों की लॉकडाउन के कारण माली हालत ठीक नहीं है. इसके बावजूद स्कूल प्रबंधन मोबाइल में मेसेज कर और फोन कर स्कूल की फीस और अमानवीय तरीके से स्कूल के ट्रेवल की फीस भी जमा करने का दवाब डाल रहा है. विधायक ने मुख्यमंत्री से निवेदन किया था कि उन पलकों को राहत दी जाये और मार्च माह से लेकर मई माह तक की उनकी सम्पूर्ण फीस को माफ कर दिया जाए.