रायपुर: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की आज 73वीं पुण्यतिथि है. 30 जनवरी 1948 को दिल्ली के बिड़ला हाउस में प्रार्थना सभा के लिए जाते हुए महात्मा गांधी की हत्या कर दी गई थी. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राज्यपाल अनुसुइया उइके ने बापू को नमन किया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि देश के लिए गांधी जी के बलिदान और त्याग को हमेशा याद रखा जाएगा.
सीएम भूपेश बघेल ने महात्मा गांधी की पुण्यतिथि और शहीद दिवस के अवसर पर सभी शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने अपने संदेश में कहा कि देश के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले वीर बलिदानियों का ऋण कभी नहीं चुकाया जा सकता. उन्होंने कहा कि भारत की आजादी के लिए महात्मा गांधी ने अतुल्य योगदान दिया है. उन्होंने पूरी दुनिया को दिखाया कि निर्भीकता से सत्य और अहिंसा के मार्ग पर डटे रहकर किस तरह बड़ा लक्ष्य हासिल किया जाता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि बापू ने भारतीय समाज की बुनियाद को समझा और अंतिम व्यक्ति तक चिंता की. राज्य सरकार भी गांधी जी के दिखाए गए मार्ग पर चलते हुए काम कर रही है. सशक्त इरादों के साथ आगे बढ़ने के लिए बापू के विचार हमें सदा प्रेरित करते रहेंगे.
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राज्यपाल अनुसुइया उइके ने किया नमन
राज्यपाल अनुसुइया उइके ने भी महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की है. उन्होंने अपने संदेश में लिखा कि महात्मा गांधी ने मातृभूमि की सेवा के लिए सर्वस्व अर्पित कर दिया. उनके आदर्श और विचार आज भी मानव जीवन को खुशहाल, स्वस्थ, समृद्ध, संवेदनशील, शोषण मुक्त, विवेकपूर्ण और मानवीय गुणों से परिपूर्ण बनाने के लिए प्रासंगिक हैं. इस समय देश और दुनिया में व्याप्त अनेक समस्याओं का निदान महात्मा गांधी के विचारों से हो सकता है. हमें उनके आदर्शों को अपने व्यवहार और आचरण में उतारने की जरूरत है.
स्वास्थ्य मंत्री ने किया नमन
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने भी ट्वीट कर महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर उन्हें नमन किया है. उन्होंने लिखा है कि बापू ने भारत को अपने अधिकारों के लिए सत्य, अहिंसा और सविनय अवज्ञा के साथ लड़ना सिखाया.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने किया नमन
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु देव साय ने भी ट्वीट कर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को नमन किया है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि महात्मा गांधी जी ने एक स्वच्छ समाज का सपना देखा था. उनके सपने को पूर्ण करने के लिये हम सभी बापू के सिद्धांत और आदर्शों का अनुसरण कर देश की उन्नति में भागीदार बनें. उन्होंने लिखा कि बापू ने अपना पूरा जीवन सत्य और अहिंसा के लिए समर्पित कर दिया था. उनकी शिक्षाएं आज भी सभी के लिए प्रासंगिक हैं.
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कैसे हुई थी महात्मा गांधी की हत्या?
30 जनवरी 1948 की शाम को दिल्ली के बिड़ला भवन में महात्मा गांधी प्रार्थना सभा के लिए जा रहे थे. उसी दौरान नाथूराम गोडसे ने बापू के सीने को गोली से छलनी कर दिया था. नाथूराम गोडसे ने बापू की हत्या की साजिश की पटकथा मध्य प्रदेश के ग्वालियर में रची थी. गांधी की हत्या करने में गोडसे की मदद डॉक्टर परचुरे और उनके परचित गंगाधर दंडवत ने की. ग्वालियर में शिंदे की छावनी वो जगह थी, जहां से पिस्टल खरीदी गई थी और यहीं पर नाथूराम को महात्मा गांधी की जान लेने का प्रशिक्षण भी दिया गया था. नाथूराम गोडसे ने ग्वालियर में स्वर्ण रेखा नदी के किनारे बंदूक चलाने की ट्रेनिंग ली. जब नाथूराम गोडसे ने बंदूक चलाने का प्रशिक्षण ले लिया, तो उसके बाद 29 जनवरी की सुबह वो ग्वालियर रेलवे स्टेशन से ट्रेन पकड़कर दिल्ली के लिए रवाना हो गया.