ETV Bharat / state

VIDEO: मां बमलेश्वरी का 'आशीर्वाद' लेने पहुंचे बादल, नजारा देख सीएम भी बोल उठे वाह ! - मां बमलेश्वरी का मंदिर

छत्तीसगढ़ के कई जिलों में बारिश हो रही है. इस दौरान डोंगरगढ़ की मां बमलेश्वरी मंदिर में बादल नीचे घिर आए. जिसके बाद सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट करते हुए लिखा 'जय माँ बम्लेश्वरी. बादलों का यह दृश्य देखिये. डोंगरगढ़ की पहाड़ियों में 1400 फीट ऊपर स्थित माँ बम्लेश्वरी का आशीष पाने पहुंचे ये बादल. अद्भुत!'.

cloud in maa bamleshwari temple
माँ बम्लेश्वरी मंदिर में छाए बादल
author img

By

Published : Jun 11, 2021, 1:39 PM IST

Updated : Jun 11, 2021, 4:08 PM IST

राजनांदगांव: डोंगरगढ़ में मां बमलेश्वरी विराजी हैं. छत्तीसगढ़ के लोगों की गहरी आस्था मां बमलेश्वरी में है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक वीडियो सोशल मीडिया में शेयर किया है. वीडियो में देखा जा सकता है कि माता का मंदिर बादलों से घिरा है. छत्तीसगढ़ के कई जिलों में बारिश हो रही है. इसी दौरान ये खूबसूरत नजारा मंदिर में देखने को मिला.

मां बमलेश्वरी का आशीर्वाद लेने पहुंचे बादल

सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट किया कि. जय माँ बम्लेश्वरी. बादलों का यह दृश्य देखिये. डोंगरगढ़ की पहाड़ियों में 1400 फीट ऊपर स्थित माँ बम्लेश्वरी का आशीष पाने पहुंचे ये बादल. अद्भुत!.

सीएम का ट्वीट-

  • जय माँ बम्लेश्वरी

    बादलों का यह दृश्य देखिये।

    डोंगरगढ़ की पहाड़ियों में 1400 फीट ऊपर स्थित माँ बम्लेश्वरी का आशीष पाने पहुंचे ये बादल।

    अद्भुत! pic.twitter.com/GOReIkkyp2

    — Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) June 11, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पढ़ें- बस्तर के रास्ते रायुपर पहुंचा मानसून, 24 से 48 घंटों का रेड अलर्ट

मंदिर का इतिहास

डोंगरगढ़ स्थित मां बमलेश्वरी मंदिर का अपना ही अलग इतिहास है. मंदिर 12वीं सदी के आस-पास का बताया जाता है. माता रानी का मंदिर 14 सौ फीट ऊपर पहाड़ी में स्थित है. वहीं एक छोटा मंदिर नीचे भी स्थित है. तकरीबन 11 सौ सीढ़ियां चढ़कर जाने के बाद माता रानी के दर्शन होते हैं. ऐसी मान्यता है कि यहां सच्चे मन से मांगी गई हर मुराद मां पूरी कर देती है. यहीं वजह है कि नवरात्र पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु माता के श्री चरणों में आशीर्वाद लेने भक्त यहां पहुंचते हैं.

राजा ने कराया था मंदिर का निर्माण

मंदिर के संबंध में मान्यता है कि कामाख्या नगरी में राजा वीर सिंह का शासन था. यहां संतान की कामना के लिए उन्होंने मां भगवती और शिवजी की उपासना की थी. इसके फलस्वरूप उन्हें 1 साल के अंदर पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई. वीरसेन के पुत्र का नाम मदन सेन रखा गया. मां भगवती और भगवान शिव के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए राजा ने मां बमलेश्वरी का मंदिर बनवाया. वहीं बाद में मदन सेन के पुत्र काम सेन ने राजगद्दी संभाली.

राजनांदगांव: डोंगरगढ़ में मां बमलेश्वरी विराजी हैं. छत्तीसगढ़ के लोगों की गहरी आस्था मां बमलेश्वरी में है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक वीडियो सोशल मीडिया में शेयर किया है. वीडियो में देखा जा सकता है कि माता का मंदिर बादलों से घिरा है. छत्तीसगढ़ के कई जिलों में बारिश हो रही है. इसी दौरान ये खूबसूरत नजारा मंदिर में देखने को मिला.

मां बमलेश्वरी का आशीर्वाद लेने पहुंचे बादल

सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट किया कि. जय माँ बम्लेश्वरी. बादलों का यह दृश्य देखिये. डोंगरगढ़ की पहाड़ियों में 1400 फीट ऊपर स्थित माँ बम्लेश्वरी का आशीष पाने पहुंचे ये बादल. अद्भुत!.

सीएम का ट्वीट-

  • जय माँ बम्लेश्वरी

    बादलों का यह दृश्य देखिये।

    डोंगरगढ़ की पहाड़ियों में 1400 फीट ऊपर स्थित माँ बम्लेश्वरी का आशीष पाने पहुंचे ये बादल।

    अद्भुत! pic.twitter.com/GOReIkkyp2

    — Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) June 11, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पढ़ें- बस्तर के रास्ते रायुपर पहुंचा मानसून, 24 से 48 घंटों का रेड अलर्ट

मंदिर का इतिहास

डोंगरगढ़ स्थित मां बमलेश्वरी मंदिर का अपना ही अलग इतिहास है. मंदिर 12वीं सदी के आस-पास का बताया जाता है. माता रानी का मंदिर 14 सौ फीट ऊपर पहाड़ी में स्थित है. वहीं एक छोटा मंदिर नीचे भी स्थित है. तकरीबन 11 सौ सीढ़ियां चढ़कर जाने के बाद माता रानी के दर्शन होते हैं. ऐसी मान्यता है कि यहां सच्चे मन से मांगी गई हर मुराद मां पूरी कर देती है. यहीं वजह है कि नवरात्र पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु माता के श्री चरणों में आशीर्वाद लेने भक्त यहां पहुंचते हैं.

राजा ने कराया था मंदिर का निर्माण

मंदिर के संबंध में मान्यता है कि कामाख्या नगरी में राजा वीर सिंह का शासन था. यहां संतान की कामना के लिए उन्होंने मां भगवती और शिवजी की उपासना की थी. इसके फलस्वरूप उन्हें 1 साल के अंदर पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई. वीरसेन के पुत्र का नाम मदन सेन रखा गया. मां भगवती और भगवान शिव के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए राजा ने मां बमलेश्वरी का मंदिर बनवाया. वहीं बाद में मदन सेन के पुत्र काम सेन ने राजगद्दी संभाली.

Last Updated : Jun 11, 2021, 4:08 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.