रायपुर : छत्तीसगढ़ में दिल की मरीजों की संख्या आपको चौंका सकती है. 2009 में 1 साल में मात्र 40 मरीजों का प्रोसीजर किया गया था.वहीं साल 2024 में 1 साल में 2000 से ज्यादा मरीज का प्रोसीजर किया गया है. जो साबित करता है कि इन 15 सालों में दिल के मरीजों की संख्या कितने गुना बढ़ चुकी है. इतना ही नहीं प्रदेश का सबसे बड़े शासकीय अस्पताल में लगभग 200 से ज्यादा दिल के मरीज रोज आ रहे हैं. उनमें से 15 मरीज भर्ती हो रहे हैं, तो वहीं 15 मरीजों का प्रोसीजर भी किया जा रहा है.
कम उम्र के लोगों को भी हार्ट अटैक की शिकायत :चौंकाने वाली बात है कि ज्यादातर हार्ट अटैक कम उम्र के या फिर युवा को आ रहे हैं. इसके अलावा जो किसी तरह का नशा तंबाकू या शराब का सेवन नहीं करते हैं उन्हें भी हार्ट अटैक हो रहा है. ज्यादा खुश होना और ज्यादा गमगीन होना भी हार्ट अटैक का कारण बन रहा है. जो चिंता का विषय है. यह शासकीय अस्पताल के आंकड़े हैं यदि दूसरे और निजी अस्पताल या संस्थाओं के आंकड़ों को शामिल किया जाए तो आंकड़ा कई गुना बढ़ सकता है.छत्तीसगढ़ में हाल ही एक फिल्मी कलाकार एवं बीजेपी नेता राजेश अवस्थी की हार्ट अटैक से मौत हो गई. राजेश अवस्थी की उम्र मात्र 41 साल थी.फिर भी हार्ट अटैक ने उन्हें हम लोगों के बीच से छीन लिया.
कम लोगों को हार्ट अटैक का खतरा क्यों ?: आखिर कम उम्र में लोगों को हार्ट अटैक क्यों हो रहा है. इसकी क्या वजह है, इससे बचाव के क्या उपाय हैं.क्या इससे बचा जा सकता है. फिर ऐसी कोई जांच है जिससे पता चल सके कि आपका दिल स्वस्थ है या नहीं. आपको उन लक्षणों को भी जानना जरुरी है जिससे ये पता चल सके कि आपको हार्ट अटैक आ सकता है. ऐसे सारे सवालों का जवाब जानने की कोशिश की ईटीवी भारत ने. इसके लिए ईटीवी भारत ने छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े डॉक्टर भीमराव अंबेडकर अस्पताल के डिपार्टमेंट ऑफ कार्डियोलॉजी के हेड डॉक्टर स्मित श्रीवास्तव से बात की. आइये जानते हैं कि उन्होंने इस बातचीत के दौरान क्या कहा.
सवाल : हार्ट से संबंधित प्रतिदिन कितने मरीज आ रहे हैं और साल में यह आंकड़ा कितना है?
जवाब : प्रतिदिन लगभग 200 मरीज ओपीडी में पहुंच रहे हैं. उनमें से 15 मरीज भर्ती हो रहे हैं. वहीं 15 मरीजों का प्रोसीजर हो रहा है.पुराने आंकड़ों की बात की जाए तो साल 2009 में 1 साल में मात्र 40 प्रोसीजर हुआ थे. लेकिन पिछले साल के आंकड़े पर नजर डाले तो लगभग 2000 प्रोसीजर हुए हैं.
सवाल : पहले होने वाले हार्ट अटैक और अब होने वाले हार्ट अटैक में किस तरह का अंतर है ,किस तरह के लक्षण या ब्लॉकेज देखने को मिलते हैं?
जवाब : सबसे बड़ा अंतर तो यही देखने को मिल रहा है कि महिला विशेषकर 35 वर्ष से कम आयु के युवा काफी संख्या में आ रहे हैं. पहले 60 साल के ऊपर आते थे. यह परिवर्तन शायद बदलती जीवन शैली की वजह से आया है. किसी भी रूप में तंबाकू का सेवन इसकी बड़ी वजह है. इसके अलावा डायबिटीज ,हाइपरटेंशन, शुगर ऐसी बड़ी बीमारी है , इसके कारण भी युवाओं को हार्ट अटैक आ रहा है.
सवाल : नशा न करने वालों को भी हार्ट अटैक आ रहे हैं , उनकी तत्काल मौत भी हो रही है , इसकी क्या वजह है ?
जवाब : हार्ट अटैक के बाद तत्काल करने वालों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है लगभग 50% मरीज की मौत हार्ट अटैक आने के 1 घंटे के भीतर हो जा रही है. देखने को मिल रहा है जो तंबाकू का सेवन करते हैं किसी नशा के शिकार है, इसकी वजह से उनकी नस अचानक ब्लॉक हो जाती है. वहीं 35 वर्ष से पहले और 65 वर्ष से आगे वालों मरीज दोनों में फर्क होता है. 65 वर्ष की आयु वाले मरीजों में हार्ट की नस धीरे-धीरे बंद होती है. ऐसे में हार्ट को तैयारी करने का मौका मिल जाता है, वह बाइपास खोल लेता है ,जिससे नस खुल जाती है. हार्ट को तुरंत नुकसान नहीं होता है. लेकिन जब यंग एज में हार्ट अटैक होता है, तो उससे निपटने के लिए हार्ट तैयार नहीं रहता है.जिस वजह से हार्ट अटैक आने पर मरीज की तत्काल मृत्यु होने की संभावना ज्यादा होती है.
सवाल : नशा ना करने वालों का भी हार्ट क्यों फेल हो रहा है?
जवाब : साउथ स्टेशन इंडियन प्राइस अनुवांशिक कारण से यहां पर लोग जल्दी डायबिटीज के मरीज हो रहे हैं. ब्लड प्रेशर हो रहे हैं. यह सभी हार्ट अटैक के कारक है नशा न करने वालों में भी इन अनुवांशिक कर्म से हार्ट अटैक होने की संभावना है.वहीं पश्चिम देश से 10 वर्ष पूर्व हार्ट अटैक होने की संभावना यहां ज्यादा है.
सवाल : स्वस्थ रहने के लिए लोग जिम जाते हैं, लेकिन जिम जाने वालों की भी हार्ट अटैक से मौत हो रही है?
जवाब :जिम जाने से हार्ट अटैक हो रहा है ऐसा नहीं है ,लेकिन जिम जाने के बाद कुछ सावधानियां बरतनी होती है, विशेषकर खाने पीने का ध्यान रखना पड़ता है, पहले दिन बहुत ज्यादा एक्सरसाइज ना करें, बूस्टर डाइट या स्टेरॉयड का सेवन न करे हैं, इससे हार्ट अटैक की संभावना ज्यादा होती है।
सवाल : बॉडी बनाने के लिए कुछ पाउडर का इस्तेमाल भी किया जाता है ,क्या वह भी घातक है?
जवाब : यदि आप कोई भी तरह का शॉर्टकट लेंगे ,तो उसकी कीमत देनी पड़ेगी, उसका शरीर कीमत देता है. कभी-कभी दिल को इसकी कीमत चुकानी पड़ती है। वह हार्ट अटैक के रूप में होती है.
सवाल : हार्ट अटैक आने के क्या लक्षण है?
जवाब : आज हार्ट अटैक आने के बाद 50% लोगों को आधे घंटे के अंदर ही मौत हो जा रही है.लक्षण की बात की जाए तो सीने के बीच में संकुचन हो रहा हो,सांस नहीं ले पा रहे हैं, दम घुट रहा है ,पसीना आ रहा है ,उल्टी हो रही है, जबड़े से लेकर नाभी तक कहीं भी यदि दर्द हो रहा है. थकावट लग रही है , चलने में असमर्थ हो रहे हैं. यह सारे लक्षण हार्ट अटैक के हो सकते हैं.
सवाल : यदि किसी को हार्ट अटैक आया तो तत्काल राहत देने के लिए कोई दवाई है क्या?
जवाब : पहले आपको यह समझना होगा कि हार्ट अटैक आया है या नहीं आया है. यदि हार्ट अटैक है तो खून को पतला करने वाली दवाई जैसे एस्पिरिन देना चाहिए. साथ ही कोलेस्ट्रॉल को कम करने वाली दवा एटोरवास्टेटिन या रोसुवास्टेटिन बड़ी मात्रा में दी जाती है. इससे हार्ट अटैक होने वाले नुकसान को हम कम कर सकते हैं.
सवाल : हार्ट अटैक के दौरान सीने को पुश किया जाता है , क्या इससे भी आराम लग सकता है?
जवाब : छाती को पुश करने का काम कार्डियक अरेस्ट के दौरान किया जाता है. जब हार्ट बिल्कुल काम करना बंद कर देता है और स्थिर हो गया हो ,तो उस समय हमें हार्ट को शुरू करने के लिए छाती पर मुक्का मारा जाता है, या छाती पर कंप्रेशन देते हैं . या बिजली के झटके देकर हार्ट को शुरू करने की कोशिश करते हैं.वह हार्ट अटैक में भी अपनाया जाता है, लेकिन कार्डियक अरेस्ट अपने आप में एक अलग चीज है. उसका इलाज भी इस प्रकार से किया जा सकता है.
सवाल : ऐसा कोई टेस्ट जिसे कर कर हम जान सके कि हमारा दिल स्वस्थ है या नहीं?
जवाब : 30-35 वर्ष के आयु के बाद युवाओं को हर दो-तीन साल में एक बार ट्रेडमिल टेस्ट (TMT) पट्टे पर दौड़ने वाली जांच करा लेना चाहिए.इस जांच में किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता है. यह काफी सुरक्षित है. इससे हमें आने वाले दो-तीन साल के बारे में पता चल जाता है ,कि हममें हार्ट अटैक होने की संभावना है या नहीं, लोगों में पता चल जाएगा.
सवाल : इमोशन का भी क्या हार्ट पर असर पड़ता है, जैसे कि किसी को अत्यधिक खुशी होना या दुखी होना या अन्य कोई घटना की जानकारी लगना.
जवाब : वैज्ञानिक की दृष्टि से इसे ताकोत्सुबो कार्डियोमायपैथी और स्ट्रेस कार्डियोमायपैथी कहते है, जिसमें कोई व्यक्ति बहुत ज्यादा ट्रेस में चला जाए या फिर अचानक से बहुत ज्यादा भावुक हो जाए ,इससे भले ही हार्ट में ब्लॉकेज नही होगा ,लेकिन उसमें हार्ट अटैक जैसे ही लक्षण आएंगे. हार्ट फेल जाएगा, साइज बढ़ जाएगी ,और वह फेल होने लगेगा. ऐसे में ताकोत्सुबो कार्डियोमायपैथी या स्ट्रेस कार्डियोमायपैथी हो सकता है और इसमें अच्छी बात यह होती है इसमें रिकवरी के चांसेस काफी अच्छे होते हैं.
सवाल : दिनचर्या के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ,जिससे हार्ट अटैक की बीमारी से बचा जा सके?
जवाब : जो प्राचीन काल से चली आ रही जीवन शैली है ,उसे अपनाना चाहिए. प्रतिदिन आधे से 1 घंटे कसरत ओर सैर के लिए समय निकालना चाहिए. ज्यादा हैवी कसरत ना करें.तंबाकू का सेवन न करें . शराब का सीमित सेवन करें.ज्यादा चर्बी वाली चीज ना ले. कोशिश करें कि रात को 9:10 बजे के बाद जागे ना. भोजन को भी सात आठ बजे तक कर लेना चाहिए. जो हमारे अंदर साइकिल बनी हुई है ,उसके साथ यदि हम चलेंगे हम सभी स्वस्थ रहेगा. उससे हम अगर विपरीत जाएंगे तो उससे हमारे शरीर को नुकसान होता है.उससे विकार उत्पन्न होते हैं, और वह विकार मिलकर हमारे शरीर के किसी ने किसी और अंग को डैमेज करते हैं ,चाहे वह हार्ट ही क्यों न हो.
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