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घर से बिछड़ी 6 वर्षीय बालिका को बाल दिवस पर मिले परिजन, छत्तीसगढ़ से पहुंच गई थी अनूपपुर

बाल दिवस के दिन एक परिवार की खुशिया दुगुनी हो गईं, छत्तीसगढ़ के किरगी रोड कोटा की रहने वाली 6 साल की बीना झारिया 1 महिने पहले भटककर मध्य प्रदेश के अनूपपुर पहुंच गई थी. अनूपपुर रेलवे स्टेशन पर घूम रही बालिका को बाल कल्याण समिति ने अपने संरक्षण में लिया और परिजनों की तलाश में जुट गई. एक सामाजिक कार्यकर्ता की मदद से बालिका के परिजनों का पता चला, जिसके बाद बाल दिवस के दिन बालिका को उसकी दादी के सुपुर्द कर दिया गया.

छत्तीसगढ़ न्यूज
बालिका को बाल दिवस पर मिले परिजन
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Published : Nov 15, 2022, 12:46 AM IST

अनूपपुर/रायपुर: बाल दिवस के दिन एक परिवार में खुशियों की ठिकाना नहीं रहा. किरगी रोड कोटा छत्तीसगढ़ की 6 वर्षीय बालिका बीना झारिया और उनकी दादी के लिए बाल दिवस खुशियां लेकर आया. विगत एक माह से घर से भटक कर अनूपपुर पहुंच गई बीना को बाल दिवस पर पुनः अपना घर मिल गया. 6 वर्षीय बालिका बीना एक माह पहले अनूपपुर रेलवे स्टेशन के पास भटकते हुए मिली थी. जिस पर संज्ञान लेते हुए बाल कल्याण समिति ने बालिका को संरक्षण में लेकर वन स्टॉप सेन्टर में रखा था.

काउंसलिंग के बाद घर का चला पता: अनूपपुर कलेक्टर सोनिया मीना के निर्देशन में संचालित बाल कल्याण समिति द्वारा जिले में बाल कल्याण के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में एक बालिका रेलवे स्टेशन पर भटकते हुए मिली, जिसे बाल कल्याण समिति में लाया गया. टीम ने बालिका की काउंसलिंग शुरु कर उसके परिवार वालों की जानकारी प्राप्त करने का प्रयास किया, बालिका सही तरीके से अपने परिजनों का पता नहीं बता पा रही थी, जिस पर समिति द्वारा बालिका के परिजनों को तलाश करने के लिए विभिन्न प्रयास किए गए.

25 वर्ष पहले परिवार से बिछड़ा बुजुर्ग, पुलिस ने परिवार से मिलाया

परिवार के साथ जन्मदिन मनाएगी बालिका: बालिका से लगातार बातचीत कर उसके परिवार का पता लगाने का प्रयास किया जाता रहा. बालिका से मिली जानकारी के आधार पर परिजनों और घर का पता लगाने के प्रयास किए गए. कोटा के सामाजिक कार्यकर्ता बजरंग जायसवाल की मदद से पतासाजी करने पर परिजनों से सम्पर्क हो गया. कोटा पुलिस के सहयोग से बच्ची बीना को बाल दिवस पर दादी के सुपुर्द कर दिया गया, लंबे वक्त बाद बालिका को देखकर परिजनों की खुशी और दुगुनी हो गई, क्योंकि 15 नवंबर को बालिका बीना का जन्म दिन भी है, और वहा अपने परिजनों के साथ जन्म दिन मनाएगी.

अनूपपुर/रायपुर: बाल दिवस के दिन एक परिवार में खुशियों की ठिकाना नहीं रहा. किरगी रोड कोटा छत्तीसगढ़ की 6 वर्षीय बालिका बीना झारिया और उनकी दादी के लिए बाल दिवस खुशियां लेकर आया. विगत एक माह से घर से भटक कर अनूपपुर पहुंच गई बीना को बाल दिवस पर पुनः अपना घर मिल गया. 6 वर्षीय बालिका बीना एक माह पहले अनूपपुर रेलवे स्टेशन के पास भटकते हुए मिली थी. जिस पर संज्ञान लेते हुए बाल कल्याण समिति ने बालिका को संरक्षण में लेकर वन स्टॉप सेन्टर में रखा था.

काउंसलिंग के बाद घर का चला पता: अनूपपुर कलेक्टर सोनिया मीना के निर्देशन में संचालित बाल कल्याण समिति द्वारा जिले में बाल कल्याण के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में एक बालिका रेलवे स्टेशन पर भटकते हुए मिली, जिसे बाल कल्याण समिति में लाया गया. टीम ने बालिका की काउंसलिंग शुरु कर उसके परिवार वालों की जानकारी प्राप्त करने का प्रयास किया, बालिका सही तरीके से अपने परिजनों का पता नहीं बता पा रही थी, जिस पर समिति द्वारा बालिका के परिजनों को तलाश करने के लिए विभिन्न प्रयास किए गए.

25 वर्ष पहले परिवार से बिछड़ा बुजुर्ग, पुलिस ने परिवार से मिलाया

परिवार के साथ जन्मदिन मनाएगी बालिका: बालिका से लगातार बातचीत कर उसके परिवार का पता लगाने का प्रयास किया जाता रहा. बालिका से मिली जानकारी के आधार पर परिजनों और घर का पता लगाने के प्रयास किए गए. कोटा के सामाजिक कार्यकर्ता बजरंग जायसवाल की मदद से पतासाजी करने पर परिजनों से सम्पर्क हो गया. कोटा पुलिस के सहयोग से बच्ची बीना को बाल दिवस पर दादी के सुपुर्द कर दिया गया, लंबे वक्त बाद बालिका को देखकर परिजनों की खुशी और दुगुनी हो गई, क्योंकि 15 नवंबर को बालिका बीना का जन्म दिन भी है, और वहा अपने परिजनों के साथ जन्म दिन मनाएगी.

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