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आदिवासियों के अधिकारों के लिए संघर्ष करने वाले शहीद गैंदसिंह को नमन - शहीद गैंदसिंह को श्रद्धांजलि

राज्यपाल अनुसुइया उइके और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर छत्तीसगढ़ के वीर सपूत, परलकोट विद्रोह के नायक ठाकुर गैंदसिंह को नमन किया है.

Nayak Thakur Gandsingh
नायक ठाकुर गैंदसिंह
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Published : Jan 20, 2021, 12:55 PM IST

रायपुर: अन्याय और अनीति के खिलाफ संघर्ष करने वाले शहीद गैंदसिंह के शहादत दिवस पर उन्हें प्रदेशभर में श्रद्धांजलि दी जा रही है. राज्यपाल अनुसुइया उइके, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत अन्य लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. देश की आजादी के लिए संघर्ष करते-करते गैंदसिंह 20 जनवरी 1825 को शहीद हो गए थे.

राज्यपाल अनुसुइया उइके ने कहा कि छत्तीसगढ़ के वीर सपूत, परलकोट विद्रोह के नायक ठाकुर गैंदसिंह जी के शहादत दिवस पर उन्हें सादर नमन. उनका अन्याय और अनीति के खिलाफ किया गया संघर्ष सदैव अविस्मरणीय रहेगा.

cm bhupesh baghel tweet
भूपेश बघेल का ट्वीट

युगों तक याद रखा जाएगा बलिदान: सीएम बघेल

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ के इस महान सपूत को 20 जनवरी सन् 1825 को परलकोट के महल के सामने फांसी दी गई थी. मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद गैंदसिंह ने अंग्रेजों के शोषण के विरुद्ध आवाज उठाई और बस्तर के आदिवासियों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया. बस्तर के अबूझमाड़ में क्रांति की मशाल जलाने वाले शहीद गैंदसिंह को उनकी पुण्यतिथि पर गर्व और सम्मान के साथ याद किया जाता है. उनका बलिदान युगों तक याद किया जाएगा.

Governor anusiya uike tweet
राज्यपाल का ट्वीट

रायपुर: अन्याय और अनीति के खिलाफ संघर्ष करने वाले शहीद गैंदसिंह के शहादत दिवस पर उन्हें प्रदेशभर में श्रद्धांजलि दी जा रही है. राज्यपाल अनुसुइया उइके, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत अन्य लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. देश की आजादी के लिए संघर्ष करते-करते गैंदसिंह 20 जनवरी 1825 को शहीद हो गए थे.

राज्यपाल अनुसुइया उइके ने कहा कि छत्तीसगढ़ के वीर सपूत, परलकोट विद्रोह के नायक ठाकुर गैंदसिंह जी के शहादत दिवस पर उन्हें सादर नमन. उनका अन्याय और अनीति के खिलाफ किया गया संघर्ष सदैव अविस्मरणीय रहेगा.

cm bhupesh baghel tweet
भूपेश बघेल का ट्वीट

युगों तक याद रखा जाएगा बलिदान: सीएम बघेल

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ के इस महान सपूत को 20 जनवरी सन् 1825 को परलकोट के महल के सामने फांसी दी गई थी. मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद गैंदसिंह ने अंग्रेजों के शोषण के विरुद्ध आवाज उठाई और बस्तर के आदिवासियों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया. बस्तर के अबूझमाड़ में क्रांति की मशाल जलाने वाले शहीद गैंदसिंह को उनकी पुण्यतिथि पर गर्व और सम्मान के साथ याद किया जाता है. उनका बलिदान युगों तक याद किया जाएगा.

Governor anusiya uike tweet
राज्यपाल का ट्वीट
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