रायपुर: ओपन स्कूल का उद्देश्य शिक्षा का दूर दूर तक प्रचार और प्रसार करना है. यह एक ऐसे माध्यम हैं, जिसमें पढ़ने वालों को किसी स्कूल या स्थान पर जाने की आवश्यकता नहीं होती. कोई भी छात्र या छात्रा घर बैठकर ही पढ़ाई कर सकता है और व्यवसायिक जॉब के साथ उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकता है. इसी जरूरत को पूरा करने के लिए ओपन स्कूल की शुरुआत की गई. ओपन स्कूल के कक्षा 12वीं की परीक्षा 28 मार्च से शुरू होगी. तो वहीं कक्षा दसवीं की परीक्षा 1 अप्रैल से शुरू होकर 2 मई को खत्म होगी. छात्र छत्तीसगढ़ राज्य ओपन स्कूल की वेबसाइट sos.cg.nic.in पर जाकर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
ओपन स्कूल में कोई भी व्यक्ति ले सकता है प्रवेश: ओपन स्कूल या ओपन यूनिवर्सिटी एक ऐसा संस्थान है, जहां कोई भी व्यक्ति प्रवेश ले सकता है. किसी भी उम्र का व्यक्ति वहां जाकर शिक्षा ग्रहण कर सकता है. उस व्यक्ति को किसी स्कूल या कॉलेज जाने की जरूरत भी नहीं पड़ती. वह व्यक्ति अपने घर पर किसी भी इंटरनेट कैसे में भी जाकर ऑनलाइन फॉर्म भर सकता है. उच्च शिक्षा के पाठ्यक्रम में प्रवेश लेकर पढ़ाई कर सकता है. उसे केवल परीक्षा के समय ही परीक्षा देने आसपास के केंद्र में जाना होता है.
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फॉर्म और किताबों के शुल्क एक साथ होते हैं जमा: ओपन स्कूल में एग्जाम देने से पहले जो सिलेबस की किताबें होती हैं, वह फॉर्म भरने के समय किताबों का शुल्क भी दे दिया जाता है. उन्हीं शुल्क के बदले किताब या तो पोस्ट द्वारा विद्यार्थियों के घर भेजी जाती है या फिर वह केंद्र में आकर अपनी किताबें ले सकते हैं. इसके अतिरिक्त यदि अध्ययन केंद्र या परीक्षा केंद्र की बात की जाए तो फॉर्म भरते वक्त विद्यार्थी को अध्ययन केंद्र या परीक्षा केंद्र को लिखने कहा जाता है. यह केंद्र किसी भी स्कूल में दिए जाते हैं. यह सप्ताह में एक दिन रविवार को खुलते हैं.
स्कूल में ही अध्ययन केंद्र खोलता है ओपन बोर्ड: ओपन स्कूल का एक मुख्यालय होता है. जहां बार-बार जा पाना हर किसी के लिए संभव नहीं होता. इसलिए हर राज्य का एक मुख्य केंद्र होता है. जिसे रीजनल सेंटर कहते हैं. रीजनल सेंटर में भी बार-बार जाना आसान नहीं होता. इसलिए बड़े राज्यों के बडे़ शहरों में कुछ स्कूल में ही ओपन बोर्ड का अध्ययन केंद्र खोल दिया जाता है. जहां जाकर विद्यार्थी व उनके परिजन अपनी समस्या का समाधान करवा सकते हैं.