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बिजली को लेकर छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में रार, हो सकती है बत्ती गुल

तेलंगाना को मई 2016 से मडवा के दोनों संयंत्रों से हर महीने 4. 21 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली की सप्लाई की जा रही है. दोनों राज्यों के बीच हर महीने 1000 मेगावाट बिजली देने का एमओयू हुआ है.

बिजली को लेकर छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में रार, हो सकती है बत्ती गुल
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Published : Aug 3, 2019, 10:39 AM IST

रायपुरः छत्तीसगढ़ और इसके पड़ोसी राज्य तेलंगाना के बीच बिजली को लेकर अब टकराव के स्थिति बन गई है. एक समझौते के तहत छत्तीसगढ़, तेलंगाना को बिजली की सप्लाई करती है. दोनों राज्यों के बीच हर महीने 1000 मेगावाट बिजली देने का एमओयू हुआ था.

बिजली को लेकर छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में रार, हो सकती है बत्ती गुल

2016 से हो रहा सप्लाई
छत्तीसगढ़ पावर कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि तेलंगाना को मई 2016 से मडवा के दोनों संयंत्रों से हर महीने 4. 21 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली की सप्लाई की जा रही है. दोनों राज्यों के बीच हर महीने 1000 मेगावाट बिजली देने का एमओयू हुआ है. छत्तीसगढ़ की ओर से लगातार तेलंगाना को बिजली की सप्लाई की जा रही है, लेकिन बिजली सप्लाई के बदले में तेलंगाना पावर कंपनी और तेलंगाना राज्य सरकार पैसा देने के लिए अब आनाकानी कर रही है.

दो हजार करोड़ का बकाया
अब तक छत्तीसगढ़ पावर कंपनीज का तेलंगाना पर 2 हजार करोड़ का बकाया हो चुका है. लगातार नोटिस के बाद भी छत्तीसगढ़ पावर कंपनी को तेलंगाना से यह रकम नहीं मिल पा रही है. ऐसे में अब पावर सप्लाई में कटौती करने जैसे कदम भी उठाए जा सकते हैं.

दिया गया अल्टीमेटम
बिजली कंपनी के अधिकारियों की माने तो तेलंगाना पावर कंपनी के अधिकारी आर्थिक संकट का हवाला देते हुए लगातार भुगतान को टाल रहे हैं लेकिन अब छत्तीसगढ़ पावर कंपनी ने अपने बकाया भुगतान को लेकर सख्ती बरतना शुरू कर दिया है. भुगतान नहीं होने पर अब छत्तीसगढ़ की ओर से होने वाली पावर सप्लाई में भी कटौती करने का अल्टीमेटम दे दिया गया है. यही नहीं जरूरत पड़ने पर बिजली सप्लाई भी रोकी जा सकती है.

रायपुरः छत्तीसगढ़ और इसके पड़ोसी राज्य तेलंगाना के बीच बिजली को लेकर अब टकराव के स्थिति बन गई है. एक समझौते के तहत छत्तीसगढ़, तेलंगाना को बिजली की सप्लाई करती है. दोनों राज्यों के बीच हर महीने 1000 मेगावाट बिजली देने का एमओयू हुआ था.

बिजली को लेकर छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में रार, हो सकती है बत्ती गुल

2016 से हो रहा सप्लाई
छत्तीसगढ़ पावर कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि तेलंगाना को मई 2016 से मडवा के दोनों संयंत्रों से हर महीने 4. 21 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली की सप्लाई की जा रही है. दोनों राज्यों के बीच हर महीने 1000 मेगावाट बिजली देने का एमओयू हुआ है. छत्तीसगढ़ की ओर से लगातार तेलंगाना को बिजली की सप्लाई की जा रही है, लेकिन बिजली सप्लाई के बदले में तेलंगाना पावर कंपनी और तेलंगाना राज्य सरकार पैसा देने के लिए अब आनाकानी कर रही है.

दो हजार करोड़ का बकाया
अब तक छत्तीसगढ़ पावर कंपनीज का तेलंगाना पर 2 हजार करोड़ का बकाया हो चुका है. लगातार नोटिस के बाद भी छत्तीसगढ़ पावर कंपनी को तेलंगाना से यह रकम नहीं मिल पा रही है. ऐसे में अब पावर सप्लाई में कटौती करने जैसे कदम भी उठाए जा सकते हैं.

दिया गया अल्टीमेटम
बिजली कंपनी के अधिकारियों की माने तो तेलंगाना पावर कंपनी के अधिकारी आर्थिक संकट का हवाला देते हुए लगातार भुगतान को टाल रहे हैं लेकिन अब छत्तीसगढ़ पावर कंपनी ने अपने बकाया भुगतान को लेकर सख्ती बरतना शुरू कर दिया है. भुगतान नहीं होने पर अब छत्तीसगढ़ की ओर से होने वाली पावर सप्लाई में भी कटौती करने का अल्टीमेटम दे दिया गया है. यही नहीं जरूरत पड़ने पर बिजली सप्लाई भी रोकी जा सकती है.

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(इस ख़बर की फिड लाईव यू से भेजी गई है, ये रिपोर्ट अपनी एक्सक्लुसिव है। बाईट और पीटीसी है। काउंटर बाईट तेलंगाना सरकार के जवाबदारों या तेलंगाना पॉवर कम्पनी के किसी बड़े अधिकारी की बाईट हैदराबाद से करवानी होगी)

बिजली को लेकर छत्तीसगढ़ और पड़ोसी राज्य तेलंगाना के बीच टकराव के हालात बन रहे हैं। दरअसल दोनों राज्यों के बीच बिजली को लेकर हुए एमओयू के अनुसार तेलंगाना को छत्तीसगढ़ पावर कंपनी की ओर से बिजली दी जाती रही है। लेकिन बिजली के एवज में तेलंगाना पावर कंपनी ने छत्तीसगढ़ को लंबे समय से भुगतान रोक दिया है। अब यह भुगतान बढ़ कर दो हजार करोड़ तक पहुंच गया है, लगातार नोटिस के बाद भी छत्तीसगढ़ पावर कंपनी को तेलंगाना से यह रकम नहीं मिल पा रही है। ऐसे में अब पावर सप्लाई में कटौती करने जैसे कदम भी उठाए जा सकते हैं। पेश है स्पेशल रिपोर्ट
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वीओ

छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के बीच बिजली को लेकर हुए एमओयू के अनुसार छत्तीसगढ़ से हर महीने बिजली लेने वाले तेलंगाना के हाथ राशि के भुगतान के लिए नहीं खुल रहे हैं। छत्तीसगढ़ पावर कंपनी की ओर से बकाया भुगतान के लिए तेलंगाना सरकार से लेकर लगातार प्रयास कर रही है, लेकिन इसके बाद भी छत्तीसगढ़ को बकाया राशि का भुगतान नहीं हो रहा है। छत्तीसगढ़ पावर कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि तेलंगाना को मई 2016 से मडवा के दोनों संयंत्रों से हर महीने 4. 21 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली की सप्लाई की जा रही है। दोनों राज्यों के बीच हर महीने 1000 मेगावाट बिजली देने का एमओयू हुआ है। छत्तीसगढ़ की ओर से लगातार तेलंगाना को बिजली की सप्लाई की जा रही है, लेकिन बिजली सप्लाई के एवज में तेलंगाना पावर कंपनी और तेलंगाना राज्य सरकार पैसा देने के लिए अब आनाकानी कर रही है। तेलंगाना पर अब तक छत्तीसगढ़ पावर कंपनीज का 2 हजार करोड़ का बकाया हो चुका है। हाल ही में केवल 100 करोड़ रुपए ही भुगतान दिया गया है, तेलंगाना से पैसे नहीं मिलने की वजह से अब छत्तीसगढ़ पॉवर
कंपनी के कई तरह के भुगतान भी अटके हुए हैं। कई बार पत्र व्यवहार होने के बाद भी तेलंगाना की ओर से भुगतान नहीं किया जा रहा है।

बाईट- शैलेंद्र शुक्ला, चैयरमैन, छत्तीसगढ़ पॉवर कम्पनी

बिजली कंपनी के अधिकारियों की माने तो तेलंगाना पावर कंपनी के अधिकारी आर्थिक संकट का हवाला देते हुए लगातार भुगतान को टाल रहे हैं । लेकिन अब छत्तीसगढ़ पावर कंपनी ने अपने बकाया भुगतान को लेकर सख्ती बरतना शुरू कर दिया है। भुगतान नहीं होने की दिशा में अब छत्तीसगढ़ की ओर से होने वाली पावर सप्लाई में भी कटौती करने का अल्टीमेटम दे दिया गया है। यही नहीं जरूरत पड़ने पर बिजली सप्लाई भी रोकी जा सकती है।

पीटीसी

मयंक ठाकुर, ईटीवी भारत, रायपुरConclusion:
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