रायपुर: छत्तीसगढ़ कांग्रेस के सियासी घमासान (Chhattisgarh Congress Crisis) की गूंज दिल्ली में सुनाई दी. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दिल्ली दौरे पर पहुंचे. मंगलवार को राहुल गांधी से उनकी लंबी चर्चा हुई. पहले यह कयास लगाए जा रहे थे कि ढाई-ढाई साल के सीएम फॉर्मूले पर चर्चा के लिए भूपेश बघेल के साथ ही टी एस सिंहदेव को दिल्ली तबल किया गया है. लेकिन मंगलवार को राहुल गांधी से बैठक के बाद नेृतत्व परिवर्तन की बात से इनकार कर दिया गया. मंगलवार को भूपेश बघेल दिल्ली में ही रूक गए. बुधवार को उन्होंने के सी वेणुगोपाल से मुलाकात की है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मंगलवार को ही वापस होने वाले थे, लेकिन यूपी की रणनीति पर चर्चा की वजह से उनकी वापसी टल गई है. सीएम बघेल अब वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा के बाद राजधानी रायपुर लौट आए हैं.
किस-किस से मिले सीएम भूपेश
दिल्ली में सीएम भूपेश बघेल की कांग्रेस संगठन के कुछ अन्य वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की है. बताया जा रहा है कि यूपी चुनाव की रणनीति समेत छत्तीसगढ़ में संगठनात्मक मुद्दों पर भी वरिष्ठ नेताओं से चर्चा हुई है. आलाकमान के निर्देशों के तहत यूपी चुनाव को लेकर वरिष्ठ नेताओं से रायशुमारी के चलते वापसी का कार्यक्रम टला.
भूपेश की कुर्सी को खतरा नहीं, लेकिन ताकतवर होंगे सिंहदेव!
मंगलवार को क्या हुआ?
दिल्ली में मंगलवार को सीएम भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को तलब किया गया. राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर अंपायर की भूमिका निभाई. राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी पी एल पुनिया की मौजूदगी में भूपेश और सिंहदेव से चर्चा की. दिल्ली में हुई बैठक को लेकर सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ की विभिन्न योजनाओं और विकास के मुद्दे पर चर्चा हुई है. वहीं पुनिया ने कहा कि छत्तीसगढ़ में नेतृत्व परिवर्तन पर कोई चर्चा नहीं हुई.
दरअसल, दिसंबर 2018 में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद बघेल और टीएस सिंह देव (Ts singhdeo) के साथ ही ताम्रध्वज साहू मुख्यमंत्री पद के प्रमुख दावेदार थे. नई सरकार के गठन के बाद से ही मुख्यमंत्री पद के लिए ढाई साल के फॉर्मूले की चर्चा शुरू हो गई थी. 17 दिसंबर साल 2018 को बघेल ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, तब सिंह देव और साहू ने भी मंत्री पद की शपथ ली थी.