रायपुर: दुर्ग में किसान की आत्महत्या और रायगढ़ के धान संग्रहण केंद्र में हजारों क्विंटल धान खराब होने की खबरों के बीच भाजपा ने छत्तीसगढ़ सरकार को जमकर घेरा है. किसान की आत्महत्या के मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने कृषि मंत्री रविंद्र चौबे से इस्तीफे की मांग की है. भाजपा ने आरोप लगाया है कि दुर्ग प्रदेश का सबसे महत्वपूर्ण जिला है. जहां से खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू आते हैं. इसके बाद भी वहां का ये हाल है.
भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष शिवरतन शर्मा ने आरोप लगाया है कि नकली खाद और कीटनाशकों को लेकर राज्य सरकार का कोई नियंत्रण नहीं रह गया है. सरकार के संरक्षण पर ही धड़ल्ले से नकली कीटनाशकों का धंधा पूरे प्रदेश में चल रहा है. कृषि मंत्री रविंद्र चौबे इसके लिए पूर्व सरकार पर आरोप लगा रहे हैं. वे दो साल से कृषि मंत्री हैं लेकिन पिछली सरकार को ही दोष दे रहे हैं. प्रदेश के जांजगीर से लेकर दुर्ग तक उनके खुद बेमेतरा इलाके में भी लगातार किसानों को नकली कीटनाशकों की सप्लाई की जा रही है. नैतिकता के नाते उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.
एक नवंबर से धान खरीदी की मांग
प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय और प्रदेश उपाध्यक्ष शिवरतन शर्मा ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार किसानों से किया वादा नहीं निभा रही है और धोखा कर रही है. शिवरतन शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार लगातार प्रदेश के किसानों को गुमराह कर रही है, सबसे ज्यादा कड़वा अनुभव किसानों का धान खरीदी के दौरान रहा है. बीजेपी ने एक दिसंबर की बजाए नवंबर से धान खरीदी शुरू करने की मांग की है.
1 नवंबर से शुरू करने की मांग
भाजपा ने कहा कि किसानों को पिछले 2 वर्षों में बोनस की राशि नहीं दी गई है. इसके विरोध में भारतीय जनता पार्टी 7 अक्टूबर को प्रदेश के हर ब्लॉक में धरना प्रदर्शन करने जा रही है. धरना प्रदर्शन के बाद तहसीलदारों को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा, जिसमें किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए धान खरीदी 1 दिसंबर की जगह 1 नवंबर से शुरू करने की मांग होगी.
किसानों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार
बीजेपी ने कहा कि सरकार की धान खरीदी की व्यवस्था भी पूरी तरह से चौपट रही है. शिवरतन शर्मा ने कहा कि किसानों को टोकन जारी होने के बाद भी सरकार ने धान की खरीदी में टालमटोल किया है. किसानों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया गया. समूचे प्रदेश में अफरा-तफरी का माहौल रहा है, उस कटु अनुभवों से इस बार किसानों को न गुजरना पड़े, यही भाजपा की मांग है.
'किसानों को भुगतान हो'
उन्होंने कहा कि अफसोस की बात है कि पिछले सीजन में हुई धान खरीदी का पैसा किसानों के खाते में नहीं आ पाया है, जिसकी वजह से उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जबकि भाजपा के शासन के दौरान 24 घंटे के अंदर भुगतान की व्यवस्था थी. बीजेपी ने कहा कि कृषि सुधार कानून में यह स्पष्ट व्यवस्था है कि फसल की कीमत 72 घंटे में किसानों के खाते में पहुंच जाए. इसका सम्मान करते हुए किसानों को राशि का भुगतान किया जाए.
गिरदावरी के बहाने किसानों का रकबा घटाने की साजिश
भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार अब गिरदावरी रिपोर्ट बनाने के बहाने प्रदेश सरकार किसानों के रकबा हटाने की साजिश कर रही है. उनका आरोप है कि इसके पीछे बहुत बड़ा खेल है. किसानों का रकबा 1 इंच भी घटाने का भाजपा पुरजोर विरोध करेगी.