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रायपुर : ऊंट की मौत, इलाज में लापरवाही का आरोप

पशु चिकित्सालय में इलाज के लिए पहुंचे एक ऊंट की मौत हो गई.

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Published : Apr 9, 2019, 5:41 PM IST

ऊंठ की हुई मौत

रायपुर : पशु चिकित्सालय में इलाज के लिए पहुंचे एक ऊंट की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि पशु चिकित्सालय के डॉक्टरों ने समय पर इलाज नहीं किया, जिसकी वजह से ऊंट ने दम तोड़ दिया.
पीपल फॉर एनिमल्स की कस्तूरी लाल ने बताया कि ऊंट के मालिक ने काफी दिन पहले ऊंट को अवारा छोड़ दिया था. जिसकी जानकारी पीपल फॉर एनिमल्स के सदस्य को मिली, जिसके बाद सदस्य मौके पर पहुंची तो देखा ऊंट बीमार है और घायल अवस्था में है. इसके बाद संयुक्त संचालक चिकित्सा विभाग ने रायपुर से संपर्क किया.

ऊंठ की हुई मौत


रेस्कयू की टीम ने ऊंट को गाड़ी में छोड़ कर चले गए
इस मामले में पीपल फॉर एनिमल्स की सदस्य का कहना है कि, ऊंट को लगभग रात में 3 बजे अस्पताल लाया गया. जहां पर संयुक्त संचालक, चिकित्सा विभाग पंडरी की रेस्क्यू की टीम ऊंट को गाड़ी में छोड़ कर चले गए.

टाइम पर इलाज नहीं किए जाने से ऊंट की मौत
बाद में संयुक्त संचालक ने बताया कि डॉक्टर ऊंट को एडमिट करने के लिए तैयार नहीं थे. इसके बाद संयुक्त संचालक ने इलाज में असमर्थता जताए जाने के बाद उच्च अधिकारियों को भी इस घटना से अवगत कराया. लेकिन बावजूद इसके ऊंट को इलाज नहीं किया गया. इसके कारण गाड़ी में ऊंठ की मौत हो गई.

वहीं पशु प्रेमी नितिन सिंघवी ने इस मामले में लापरवाही की बात जताते हुए कहा कि लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

पशु चिकित्सा विभाग के ज्वाइन डायरेक्टर अंजना नायडू का कहना है कि, विभाग की ओर से कोई लापरवाही नहीं की गई है. साथ ही जैसे ही ऊंठ को उठाया गया, तो उसमें वजन होने के कारण उसे उतारा नहीं सकें. बाद में कुछ लोगों की मदद से ऊंठ को बाहर निकाला गया. उन्होंने बताया की ऊंठ बीमार हालत में था और उसे लाते समय पर इलाज भी दिया गया था. लेकिन उसी की जान नहीं बचाई सकी.

रायपुर : पशु चिकित्सालय में इलाज के लिए पहुंचे एक ऊंट की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि पशु चिकित्सालय के डॉक्टरों ने समय पर इलाज नहीं किया, जिसकी वजह से ऊंट ने दम तोड़ दिया.
पीपल फॉर एनिमल्स की कस्तूरी लाल ने बताया कि ऊंट के मालिक ने काफी दिन पहले ऊंट को अवारा छोड़ दिया था. जिसकी जानकारी पीपल फॉर एनिमल्स के सदस्य को मिली, जिसके बाद सदस्य मौके पर पहुंची तो देखा ऊंट बीमार है और घायल अवस्था में है. इसके बाद संयुक्त संचालक चिकित्सा विभाग ने रायपुर से संपर्क किया.

ऊंठ की हुई मौत


रेस्कयू की टीम ने ऊंट को गाड़ी में छोड़ कर चले गए
इस मामले में पीपल फॉर एनिमल्स की सदस्य का कहना है कि, ऊंट को लगभग रात में 3 बजे अस्पताल लाया गया. जहां पर संयुक्त संचालक, चिकित्सा विभाग पंडरी की रेस्क्यू की टीम ऊंट को गाड़ी में छोड़ कर चले गए.

टाइम पर इलाज नहीं किए जाने से ऊंट की मौत
बाद में संयुक्त संचालक ने बताया कि डॉक्टर ऊंट को एडमिट करने के लिए तैयार नहीं थे. इसके बाद संयुक्त संचालक ने इलाज में असमर्थता जताए जाने के बाद उच्च अधिकारियों को भी इस घटना से अवगत कराया. लेकिन बावजूद इसके ऊंट को इलाज नहीं किया गया. इसके कारण गाड़ी में ऊंठ की मौत हो गई.

वहीं पशु प्रेमी नितिन सिंघवी ने इस मामले में लापरवाही की बात जताते हुए कहा कि लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

पशु चिकित्सा विभाग के ज्वाइन डायरेक्टर अंजना नायडू का कहना है कि, विभाग की ओर से कोई लापरवाही नहीं की गई है. साथ ही जैसे ही ऊंठ को उठाया गया, तो उसमें वजन होने के कारण उसे उतारा नहीं सकें. बाद में कुछ लोगों की मदद से ऊंठ को बाहर निकाला गया. उन्होंने बताया की ऊंठ बीमार हालत में था और उसे लाते समय पर इलाज भी दिया गया था. लेकिन उसी की जान नहीं बचाई सकी.

Intro:रायपुर ।पशु चिकित्सालय उपचार के लिए पहुचे एक ऊंट की मौत हो गई बताया जा रहा है कि पशु चिकित्सालय के डॉक्टरों के द्वारा समय पर उचित इलाज नहीं किया गया जिसकी वजह से ऊंट ने दम तोड़ दिया।

पीपल फॉर एनिमल्स की कस्तूरी लाल ने बताया कि कुछ दिनों से कुमारी नदी के तट में एक ऊंट को उसके मालिक द्वारा छोड़े जाने की जानकारी उन्हें 1 दिन पूर्व ही मिली थी ।जब वह मौके पर पहुंची तो देखा ऊंट बीमार और घायल अवस्था में है। जिस जिसके बात उन्होंने संयुक्त संचालक चिकित्सा विभाग रायपुर से संपर्क किया उन्होंने पहले तो संयुक्त संचालक में ड्राइवर ना होने की बात है । बाद में लोगों के दबाव के चलते रेस्क्यू वाहन मुहैया कराया ।

कस्तूरी का कहना है कि ऊंट को लगभग 3:45 बजे राज्य जिला स्तरीय अस्पताल पंडरी लाया गया जहां पर संयुक्त संचालक चिकित्सा विभाग पंडरी की रेस्क्यू की टीम ऊंट को वाहन में छोड़ कर चले गए बाद में संयुक्त संचालक ने उन्होंने बताया कि राज्य स्तरीय अस्पताल के चिकित्सक ऊंट को एडमिट करने के लिए तैयार नहीं है और या तो खुद को कहीं और ले जाओ या उच्च अधिकारियों से बात करें

कस्तूरी ने बताया कि संयुक्त संचालक द्वारा इलाज में असमर्थता जताए जाने के बाद उच्च अधिकारियों को भी इस घटना से अवगत कराया जाए लेकिन बावजूद उसके ऊंट को उचित उपचार नहीं दिया गया जिसके चलते वाहन में ही बने रहने के कारण उसकी मौत हो गई
बाइट कस्तूरी बल्लाल सदस्य पीपल फॉर एनिमल्स

पशु प्रेमी नितिन सिंघवी ने इस मामले में लापरवाही की बात कही है और लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की उच्च अधिकारियों से मांग की है
बाइट नितिन संघवी पशु प्रेमी

वह इस पूरे मामले पर पशु चिकित्सा विभाग के ज्वाइन डायरेक्टर अंजना नायडू का कहना है कि विभाग की ओर से कोई लापरवाही नहीं की गई है साथ ही जैसे ही उठाया उसे वाहन से उतारने प्रयास किया गया क्योंकि उसका वजन बहुत ज्यादा था तो उसे उतारा नहीं जा सका बाद में कुछ लोगों की मदद से उसको वहां से बाहर निकाला गया अंजना ने यह भी कहा कि काफी बीमार हालत में था और उसे लाते समय पर उपचार भी दिया गया था बावजूद उसी की जान बचाई नहीं जा सकती
बाइट अंजना नायडू ज्वाइन डायरेक्टर पशु चिकित्सा विभाग

बहाल इस पूरे सिस्टम के चलते एक बेजुबान जानवर की आज मौत हो गई इस पूरे मामले में किसकी लापरवाही है कौन दोषी है यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा लेकिन यह जरूर है कि हो सकता था इस समय पर स्पॉट को उचित उपचार दिया जाता है तो उसकी जान बचाई जा सकती थी


Body:नो


Conclusion:
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