रायपुर : छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस पर राजधानी में हो रहे राज्योत्सव में मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक, सांसद, नेता सहित पूरे प्रदेश से लोग पहुंचे. कार्यक्रम से भाजपा ने दूरी बना रखी है. दूसरे दिन तक भाजपा का कोई भी नेता कार्यक्रम में शामिल नहीं हुआ, लेकिन इसी बीच दूसरे दिन ही भाजपा के एक वरिष्ठ नेता जो सत्ता में रहते हुए भी अपनी पार्टी के खिलाफ कई बार अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहे वो शनिवार को राज्योत्सव के मंच पर नजर आए. उनके मंच पर आते ही एक बार फिर छत्तीसगढ़ की राजनीति में भाजपा और उससे उनके रिश्ते को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. एक बार फिर इन्होंने कांग्रेस सरकार के नेतृत्व में आयोजित राज्योत्सव कार्यक्रम में मंच साझा किया.
हम बात कर रहे हैं भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं राष्ट्रीय जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंदकुमार साय की, जो राज्योत्सव के दौरान वे मंच पर बैठे हुए थे. साथ ही उन्होंने पूरे कार्यक्रम का लुफ्त भी उठाया.
कार्यक्रम में पहुंचे साय
साय ने ETV भारत से खास बातचीत के दौरान छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस पर प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि राज्योत्सव का यह कार्यक्रम बहुत अच्छा है. यहां आकर उन्हें अच्छा लग रहा है. कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ की विधा और लोक कलाओं को प्रदर्शित किया गया है.
हम तो नजदीक आ गए हैं : साय
भाजपा के कर्यक्रम से दूरी के सवाल पर उन्होंने कहा कि जो दूरी बनाए हैं, उनसे पूछिए. हम तो नजदीक आ गए हैं. साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि भाजपा के लोग इस कार्यक्रम से दूरी बनाए हुए हैं. उन्होंने कहा कि भारत के विकास में छत्तीसगढ़ की अहम भूमिका अदा करें. इस उदेश्य से छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण किया गया था.
बस्तर दौरे पर जाएंगे साय
साय ने कहा कि मुझे लगता है कि विकास की प्रक्रिया निरंतरता में रहती है, पूरी नहीं होती, लेकिन हम अभी काफी पीछे हैं. हमें आगे बढ़ने की जरूरत है. बस्तर में स्वतंत्रता नहीं है. साय ने बताया कि वे रविवार से बस्तर के प्रवास पर जा रहे हैं, जहां वे बस्तर की परिस्थितियों के बारे में जानकारी लेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार चाहे कोई भी हो. हमें बस्तर को ठीक करना है और पूरे छत्तीसगढ़ में शांति का वातावरण निर्मित कर प्रदेश को प्रगति के रास्ते पर ले जाना है.