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इस बार भव्य तरीके से मनाई जाएगी हरेली, होगा सार्वजनिक अवकाश - cg news

हरेली त्यौहार के लिए भूपेश सरकार ने अवकाश घोषित कर दिया है. राजधानी में पहली बार छत्तीसगढ़ के प्रमुख त्यौहार हरेली को भव्य रूप से मनाने की तैयारी है.

भव्य तरीके से मनाई जाएगी हरेली
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Published : Jul 26, 2019, 10:15 AM IST

Updated : Jul 26, 2019, 10:50 AM IST

रायपुर: राजधानी में पहली बार छत्तीसगढ़ के प्रमुख त्यौहार हरेली को भव्य रूप से मनाने की तैयारी है. इस त्यौहार की जिम्मेदारी संस्कृति विभाग को दी गई है. एक अगस्त को हरेली पर जिले में पारंपरिक गेंड़ी, नारियल फेंक के साथ स्थानीय खेल आयोजित होंगे. सभी प्रभारी मंत्री अपने-अपने जिले के कार्यक्रम में शामिल होंगे.

भव्य तरीके से मनाई जाएगी हरेली

हरेली पर सार्वजनिक अवकाश
बता दें कि हरेली त्यौहार के लिए भूपेश सरकार ने पहले ही अवकाश घोषित कर दिया है. छत्तीसगढ़ के गठन के बाद से आज तक इस त्यौहार को इतने बड़े स्तर पर नहीं मनाया गया है. इस बार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हरेली पर छुट्टी की घोषणा की है. साथ ही, रंगारंग आयोजन करने के निर्देश दिए हैं. संस्कृति विभाग द्वारा आयोजनों की रूपरेखा बनाई जा रही है. इन आयोजनों में मंत्री व विधायक शामिल होंगे.

गाय-बैलों की होती है पूजा
सीएम बघेल विभिन्न आयोजनों में कह चुके हैं कि यह किसानों की सरकार है. कृषि प्रधान छत्तीसगढ़ में त्योहारों की शुरुआत हरेली से होती है. इस दिन किसान खेती में उपयोग होने वाले सभी औजारों की पूजा करते हैं. साथ ही गाय-बैलों की भी पूजा की जाती है. गेंड़ी सहित कई तरह के पारंपरिक खेल हरेली के लिए आकर्षण होते हैं.

घर-घर जाकर चौखट पर कील गाड़ा जाता है
इस दिन कुलदेवता और ग्राम देवता की भी पूजा की जाती है. गाय-बैलों को बीमारी से बचाने के लिए बरगंडा व नमक खिलाया जाता है. घर में बारिश के दिनों में संक्रमण न फैले, इसलिए दरवाजों पर नीम की पत्तियां लगाते हैं. लोहार घर-घर जाकर चौखट पर कील गाड़ते हैं, जिससे घर के सदस्य अनिष्ट से दूर रहें. इसके बदले में उन्हें गांव के लोग भेंट देते हैं. इस दिन गुड़ का चीला भी बनाकर खाते हैं.

रायपुर: राजधानी में पहली बार छत्तीसगढ़ के प्रमुख त्यौहार हरेली को भव्य रूप से मनाने की तैयारी है. इस त्यौहार की जिम्मेदारी संस्कृति विभाग को दी गई है. एक अगस्त को हरेली पर जिले में पारंपरिक गेंड़ी, नारियल फेंक के साथ स्थानीय खेल आयोजित होंगे. सभी प्रभारी मंत्री अपने-अपने जिले के कार्यक्रम में शामिल होंगे.

भव्य तरीके से मनाई जाएगी हरेली

हरेली पर सार्वजनिक अवकाश
बता दें कि हरेली त्यौहार के लिए भूपेश सरकार ने पहले ही अवकाश घोषित कर दिया है. छत्तीसगढ़ के गठन के बाद से आज तक इस त्यौहार को इतने बड़े स्तर पर नहीं मनाया गया है. इस बार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हरेली पर छुट्टी की घोषणा की है. साथ ही, रंगारंग आयोजन करने के निर्देश दिए हैं. संस्कृति विभाग द्वारा आयोजनों की रूपरेखा बनाई जा रही है. इन आयोजनों में मंत्री व विधायक शामिल होंगे.

गाय-बैलों की होती है पूजा
सीएम बघेल विभिन्न आयोजनों में कह चुके हैं कि यह किसानों की सरकार है. कृषि प्रधान छत्तीसगढ़ में त्योहारों की शुरुआत हरेली से होती है. इस दिन किसान खेती में उपयोग होने वाले सभी औजारों की पूजा करते हैं. साथ ही गाय-बैलों की भी पूजा की जाती है. गेंड़ी सहित कई तरह के पारंपरिक खेल हरेली के लिए आकर्षण होते हैं.

घर-घर जाकर चौखट पर कील गाड़ा जाता है
इस दिन कुलदेवता और ग्राम देवता की भी पूजा की जाती है. गाय-बैलों को बीमारी से बचाने के लिए बरगंडा व नमक खिलाया जाता है. घर में बारिश के दिनों में संक्रमण न फैले, इसलिए दरवाजों पर नीम की पत्तियां लगाते हैं. लोहार घर-घर जाकर चौखट पर कील गाड़ते हैं, जिससे घर के सदस्य अनिष्ट से दूर रहें. इसके बदले में उन्हें गांव के लोग भेंट देते हैं. इस दिन गुड़ का चीला भी बनाकर खाते हैं.

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रायपुर.छत्तीसगढ़ राज्य में पहली बार छत्तीसगढ़ के प्रमुख त्यौहार हरेली को भव्य स्तर पर मनाने की तैयारी है। दरअसल छत्तीसगढ़ में नई कांग्रेस सरकार छत्तीसगढ़ियाँ सरकार होने की छबि के साथ ही लोगों के सामने इमेज बना रही है। यही वजह है कि इसकी जिम्मेदारी संस्कृति विभाग को दी गई है। एक अगस्त को हरेली पर जिलों में पारंपरिक गेंड़ी, नारियल फेंक के साथ स्थानीय खेल आयोजित होंगे। सभी प्रभारी मंत्री अपने-अपने जिलों के कार्यक्रमों में शामिल होंगे।
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छत्तीसगढ़ियाँ त्यौहार जैसे हरेली, पोला जैसे त्योहारों कप अब राज्य सरकार बड़े स्तर पर मनाने जा रही है। हरेली त्यौहार वाले दिन को भूपेश सरकार पहले ही अवकाश घोषित कर चुकी है। जबकि मांग के बावजूद पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने इस दिन को अवकाश घोषित नहीं किया था। छत्तीसगढ़ के गठन के बाद से आज तक इस त्यौहार को इतने बड़े स्तर पर नहीं मनाया गया है।  राज्य बनने के बाद अब तक कभी हरेली को इतने भव्य रूप में नहीं मनाया गया है। इस बार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हरेली पर छुट्टी की घोषणा की है। साथ ही, रंगारंग आयोजन करने के निर्देश दिए हैं। संस्कृति विभाग द्वारा आयोजनों की रूपरेखा बनाई जा रही है। इन आयोजनों में मंत्री व विधायक शामिल होंगे।

बाईट- रविन्द्र चौबे, संसदीय मंत्री, छत्तीसगढ़

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बता दें कि सीएम बघेल विभिन्न आयोजनों में कह चुके हैं कि यह किसानों की सरकार है। दरअसल कृषि प्रधान छत्तीसगढ़ में त्योहारों की शुरुआत हरेली से होती है। इस दिन किसान खेती में उपयोग होने वाले सभी औजारों की पूजा करते हैं। गाय-बैलों की भी पूजा की जाती है। गेंड़ी सहित कई तरह के पारंपरिक खेल भी हरेली के आकर्षण होते हैं। इसी कड़ी में किसानों व छत्तीसगढ़ के प्रमुख त्योहार को बड़ा स्वरूप देने की तैयारी है। हरेली को भव्य स्तर पर मनाएं जाने को लेकर छत्तीसगढ़ियाँ समाज मे बेहद खुशी है। समाज के पदाधिकारियों ने कहा है कि पिछ्ली सरकार ने हमारे तीज त्योहारों को भी त्योहार ना समझ कर हमारी संस्कृति से खिलवाड़ किया था। समाज के पदाधिकारी कहते है किहरेली में किसान खेती में उपयोग होने वाले औजारों की पूजा करते हैं। इस दिन कुलदेवता और ग्राम देवता की भी पूजा की जाती है। गाय-बैलों को बीमारी से बचाने के लिए बरगंडा व नमक खिलाया जाता है। घर में बारिश के दिनों का संक्रमण न फैले, इसलिए दरवाजे पर नीम की पत्तियां लगाते हैं। लोहार घर-घर जाकर चौखट पर कील गड़ाते हैं, जिससे घर के सदस्य अनिष्ट से दूर रहें। इसके बदले में उन्हें गांव के लोग भेंट देते हैं। इस दिन गुड़ का चीला भी बनाकर खाते हैं।

बाईट- अमित बघेल, पदाधिकारी, छत्तीसगढ़ियाँ क्रांतिसेना

Conclusion:फाइनल वीओ

जब कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई थी तब सभी विधायकों ने हरेली को बड़े स्वरूप में मनाने का सुझाव दिया थे । प्रदेश के लोग पहले भी इस पर अवकाश की मांग करते रहे, लेकिन भाजपा सरकार ने कभी इस पर ध्यान नहीं दिया। हमें इसका राजनीतिक माइलेज लेना चाहिए, इसलिए एक अगस्त के आयोजन को बड़ा स्वरूप देना चाहिए। बस्तर व सरगुजा के विधायकों ने अपने-अपने इलाके में परंपरा के अनुसार मनाने का सुझाव दिया। यह पहला मौका होगा, जब हरेली के उत्सव में ग्रामीणों व किसानों के साथ सरकार शामिल होगी।

मयंक ठाकुर, ईटीवी भारत, रायपुर
Last Updated : Jul 26, 2019, 10:50 AM IST
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