रायपुर: राजधानी में पहली बार छत्तीसगढ़ के प्रमुख त्यौहार हरेली को भव्य रूप से मनाने की तैयारी है. इस त्यौहार की जिम्मेदारी संस्कृति विभाग को दी गई है. एक अगस्त को हरेली पर जिले में पारंपरिक गेंड़ी, नारियल फेंक के साथ स्थानीय खेल आयोजित होंगे. सभी प्रभारी मंत्री अपने-अपने जिले के कार्यक्रम में शामिल होंगे.
हरेली पर सार्वजनिक अवकाश
बता दें कि हरेली त्यौहार के लिए भूपेश सरकार ने पहले ही अवकाश घोषित कर दिया है. छत्तीसगढ़ के गठन के बाद से आज तक इस त्यौहार को इतने बड़े स्तर पर नहीं मनाया गया है. इस बार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हरेली पर छुट्टी की घोषणा की है. साथ ही, रंगारंग आयोजन करने के निर्देश दिए हैं. संस्कृति विभाग द्वारा आयोजनों की रूपरेखा बनाई जा रही है. इन आयोजनों में मंत्री व विधायक शामिल होंगे.
गाय-बैलों की होती है पूजा
सीएम बघेल विभिन्न आयोजनों में कह चुके हैं कि यह किसानों की सरकार है. कृषि प्रधान छत्तीसगढ़ में त्योहारों की शुरुआत हरेली से होती है. इस दिन किसान खेती में उपयोग होने वाले सभी औजारों की पूजा करते हैं. साथ ही गाय-बैलों की भी पूजा की जाती है. गेंड़ी सहित कई तरह के पारंपरिक खेल हरेली के लिए आकर्षण होते हैं.
घर-घर जाकर चौखट पर कील गाड़ा जाता है
इस दिन कुलदेवता और ग्राम देवता की भी पूजा की जाती है. गाय-बैलों को बीमारी से बचाने के लिए बरगंडा व नमक खिलाया जाता है. घर में बारिश के दिनों में संक्रमण न फैले, इसलिए दरवाजों पर नीम की पत्तियां लगाते हैं. लोहार घर-घर जाकर चौखट पर कील गाड़ते हैं, जिससे घर के सदस्य अनिष्ट से दूर रहें. इसके बदले में उन्हें गांव के लोग भेंट देते हैं. इस दिन गुड़ का चीला भी बनाकर खाते हैं.