रायपुर: कोरोना संकट और लॉकडाउन की वजह से लगभग ढाई महीने तक हर तरह के व्यवसाय बंद थे. लेकिन सरकार ने 26 मई से ऑटो चालकों को ऑटो चलाने की अनुमति नियम और शर्तों के साथ दे दी है. बावजूद इसके ऑटो ड्राइवरों की स्थिति बदहाल होते जा रही है. रायपुर शहर के साथ ही रेलवे स्टेशन के ऑटो प्रीपेड बूथ भी पिछले कई महीनों से बंद पड़े हैं. ट्रेनों की आवाजाही भी नहीं हो रही है, जिसके कारण रेलवे स्टेशन के ऑटो ड्राइवर तमाम तरह की दिक्कतों से गुजर रहे है. यहां तक की इन ऑटो ड्राइवरों के पास लोन की किस्त चुकाने के लिए भी पैसे नहीं है. जैसे-तैसे परिवार का गुजर बसर कर रहे हैं.
राजधानी रायपुर में लगभग 12 हजार ऑटो हैं और रेलवे स्टेशन के ऑटो प्रीपेड बूथ से चलने वाले लगभग 350 ऑटो हैं. ट्रेनों की आवाजाही नहीं होने के कारण रेलवे स्टेशन से इन ऑटो ड्राइवरों को सवारी भी नहीं मिल पा रही है. ऑटो चालक कर्जा लेकर अपना परिवार चला रहे हैं. कई ऐसे ऑटो ड्राइवर हैं जिन्होंने अपना ऑटो लोन में लिया हुआ है और पिछले 6 महीने से लोन की किस्त भी नहीं पटा पा रहे है. संबंधित कंपनी या बैंक की ओर से ऑटो ड्राइवरों पर किस्त पटाने के लिए दबाव डाला जा रहा है. लेकिन ऑटो ड्राइवर कर भी क्या सकते है, ऑटो ड्राइवरों को सरकार की तरफ से भी किसी तरह की कोई आर्थिक सहायता भी नहीं मिली है. जिसकी उम्मीद और आस में ये ऑटो ड्राइवर बैठे हैं.
पढ़ें-SPECIAL: रोज कमाने खाने वालों पर लॉकडाउन की मार, सबसे ज्यादा ऑटो ड्राइवर हुए प्रभावित
रेलवे स्टेशन से संचालित होने वाले लगभग 350 ऑटो ड्राइवरों में से लगभग 200 ऑटो ड्राइवरों ने ऑटो लोन पर लिया हुआ है. जिसकी महीने की किस्त भी जमा करने की स्थिति में ऑटो ड्राइवर नहीं है. जिसकी वजह से इन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
दूसरा काम करने को मजबूर ऑटो ड्राइवर
एक ऑटो ड्राइवर ने ऑटो के लिए फाइनेंस कंपनी में 40 से 60 हजार रुपए तक डाउन पेमेंट देकर ऑटो खरीदा है. लेकिन लॉकडाउन के बाद इनकी दशा और दिशा ही बिगड़ गई. एक ऑटो का महीने में 4 हजार रुपए से 6 हजार रुपए की किस्त देनी होती है. लेकिन ऑटो ड्राइवर किस्त जमा नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में कई ऑटो ड्राइवर अब ऑटो चलाने का काम छोड़कर दूसरा काम करने की सोच रहे हैं.
पढे़ं-रायपुर : नियमों के अनुसार चल रहे ऑटो ड्राइवर, यात्री नहीं मिलने से परेशान
गाइडलाइन के अनुसार किया जा रहा काम
सरकार की ओर से कोरोना को लेकर जारी की गई गाइडलाइन के अनुसार ऑटो चालकों को सिर्फ दो सवारी ही बैठाकर ऑटो चलाना है. जिससे इनका दिनभर का पेट्रोल या डीजल का खर्चा भी नहीं निकल पा रहा.