रायपुर: भूपेश सरकार के बजट से अनियमित कर्मचारियों में आक्रोश देखने को मिल रहा है. अनियमित कर्मचारियों के संघ ने सरकार की वादाखिलाफी और नियमितीकरण की मांग को लेकर 17 मार्च को विधानसभा का घेराव करने का ऐलान किया है. प्रदेश के मुख्यमंत्री ने 3 मार्च को बजट पेश किया था जिसमें अनियमित कर्मचारियों के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है. इसे लेकर कर्मचारियों में खासी नराजगी है.
घोषणा पत्र में कांग्रेस की ओर से किए गए वादे के मुताबिक अनियमित कर्मचारियों को नियमित किए जाने और छंटनी नहीं किए जाने का वादा किया गया था. लेकिन सरकार की ओर से अनियमित कर्मचारियों की छटनी जारी है. जिस पर कर्मचारी संघ ने तत्काल रोक लगाने की मांग की है. अनियमित कर्मचारियों की मांगों में मुख्य रूप से नियमितीकरण किए जाने की मांग शामिल है.
कर्मचारियों में आक्रोश
छत्तीसगढ़ संयुक्त प्रगतिशील कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय संयोजक विजय झा का कहना है कि 'भूपेश सरकार का यह दूसरा बजट था जिसमें 1 लाख करोड़ से ज्यादा का होने के बावजूद भी इस बजट में अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण किए जाने को लेकर बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है. जिसके कारण अनियमित अधिकारी और कर्मचारी अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं.' झा का कहना है कि 'सरकार ने इस बजट में 2 साल पूरे कर चुके शिक्षाकर्मियों को संविलियन करने की बात कही है. वहीं दूसरी तरफ अनियमित कर्मचारियों को नियमितीकरण करने की बात को दरकिनार कर दिया गया है. जिसको लेकर अनियमित अधिकारी और कर्मचारियों में आक्रोश देखा जा रहा है.