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अंतरराष्ट्रीय पंडवानी गायिका समप्रिया को नेशनल अवार्ड, नई दिल्ली में किया जाएगा सम्मान - NATIONAL AWARD 2024

छत्तीसगढ़ की अंतरराष्ट्रीय पंडवानी गायिका समप्रिया को केंद्रीय सांस्कृतिक मंत्रालय ने राष्ट्रीय अवार्ड उस्ताद बिस्मिल्लाह खान पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए चयन किया है.

Sampriya honoured National Award
पंडवानी गायिका समप्रिया को नेशनल अवार्ड (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Nov 18, 2024, 9:33 PM IST

Updated : Nov 19, 2024, 11:43 AM IST

दुर्ग : जामुल निवासी अंतरराष्ट्रीय पंडवानी गायिका समप्रिया पूजा निषाद को भारत सरकार नेशनल अवार्ड से सम्मानित करने जा रही है. पिछले दिनों संगीत नाटक अकादमी नई दिल्ली सांस्कृतिक मंत्रालय भारत सरकार की ओर से समप्रिया पूजा निषाद को नेशनल अवार्ज के लिए चुना गया. अब 22 नवंबर को नई दिल्ली में पंडवानी गायिका समप्रिया को सांस्कृतिक मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत राष्ट्रीय अवार्ड "उस्ताद बिस्मिल्लाह खान पुरस्कार" से सम्मानित करेंगे.

"तीजन बाई की शाबासी से मिली नई ऊर्जा" : अंतरराष्ट्रीय पंडवानी गायिका समप्रिया पूजा निषाद ने कहा कि मुझे जो सम्मान मिला है, उससे हमारे गांव, हमारे जिला और छत्तीसगढ़ का नाम रौशन हो रहा है. हमारे साथ 8 कलाकार जुड़े हैं और इसमें संगीतकार, हार्मोनियम, तबला, बेंजो, बांसुरी, शहनाई, मंजिरा बजानेवाले शामिल हैं. मेरे पति अंतरराष्ट्रीय रंगकर्मी संतोष निषाद रागी का किरदार निभाते हैं.

पंडवानी गायिका समप्रिया को उस्ताद बिस्मिल्लाह खान पुरस्कार (ETV Bharat)

वैसे तो मैं 8 वर्ष की उम्र से ही लोक गायन कर रही हूं, लेकिन साल 2016 में मेरी पंडवानी गायन प्रस्तुति देखकर पद्म विभूषण तीजन बाई ने जो शाबासी दी, उससे मुझे नई ऊर्जा मिली. यह अवार्ड छत्तीसगढ़ में मेरे ससुर जी पद्मश्री पूनाराम निषाद, डॉ. तीजन बाई, उषा बारले को मिला है. इनके बाद यह अवार्ड मुझे मिला है. : समप्रिया पूजा निषाद, अंतरराष्ट्रीय पंडवानी गायिका

20 नवंबर को दिल्ली रवाना होंगी समप्रिया : समप्रिया पूजा निषाद ने आगे बताती हैं कि हमारा पुराना ग्राम रिंगनी है, जो जामुल से करीब 5 किलोमीटर के आसपास में है. दिल्ली में एक कार्यक्रम है, जिसकी तैयारी अभी चल रही है. फिलहाल, सभी कलाकारों की पूरी टीम 20 नवंबर को दिल्ली के लिए रवाना होंगे.

मैं दोनों ही शैली में पंडवानी गायन करती हूं. यह अवार्ड मिलने से परिवार और गांववालों के साथ ही मुझे भी बहुत ही खुशी है. दिल्ली के अंबेडकर जनपद में कार्यक्रम होगा, जिसके लिए हमारी पूरी टीम यहां से 20 नवंबर को रवाना होगा. वहां जाकर हम कार्यक्रम के एक दिन पहले अभ्यास करेंगे. : समप्रिया पूजा निषाद, अंतरराष्ट्रीय पंडवानी गायिका

बचपन से तंबूरा बजाने का है जुनून : तंबूरा बजाना तो एक कला है, इसे सीखने को लेकर एक जुनून था. तंबूरा बजाने की कला घर में ही हमारे पूर्वजों की विरासत में मिली. पद्मश्री पूनाराम निषाद जी को इस कला में महारत हासिल था. वे पंडवानी के व्याख्याता थे. इसके साथ ही डॉ तीजन बाई को देखकर छत्तीसगढ़ के भावी पीढ़ी सीख रहे हैं. पूनाराम निषाद वेदमत शैली के पंडवानी गायक हैं और तीजन बाई कापालिक शैली की पंडवानी गायक हैं.

मेरी धर्मपत्नी को यह अवार्ड मिला रहा है, इसलिए मुझे बहुत ही खुशी महसूस हो रही है, जिसका मैं बखान नहीं कर सकता. क्योंकि हम सब मिलकर नव ज्योति कलश संस्कृति समिति का गठन किया है, जिसमें संगीतकार, वाद्ययंत्र के कलाकार शामिल हैं. मैं इसमें महाभारत की जो कथा है, उसका सार और व्यंग को बढ़ाने का काम करता हूं. साथ ही बीच बीच में जो गीत-गायन होता है, उसमें मैं कोरस का भी काम करता हूं. : संतोष निषाद, अंतरराष्ट्रीय रंगकर्मी और समप्रिया के पति

20 राज्यों सहित कई देशों में दी है प्रस्तुति : जामुल निवासी पंडवानी गायिका समप्रिया पूजा निषाद अब तक देश के 20 राज्यों के साथ ही इंग्लैंड, फ्रांस, अफ्रीका और जापान जैसे देशों में 500 से अधिक प्रस्तुतियां दे चुकीं हैं. पंडवानी गायन में पद्मश्री पूनाराम निषाद एक बड़ा नाम थे. वे समप्रिया पूजा निषाद के बड़े ससुर थे. जामुल निवासी समप्रिया 2009 से मंचीय कार्यक्रमों में उनके साथ जाने लगी थीं. इसके चलते उनका रुझान पंडवानी गायन की ओर गया. वे कहती हैं कि दिवंगत पूनाराम से उन्हें काफी कुछ सीखने को मिला.

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दुर्ग : जामुल निवासी अंतरराष्ट्रीय पंडवानी गायिका समप्रिया पूजा निषाद को भारत सरकार नेशनल अवार्ड से सम्मानित करने जा रही है. पिछले दिनों संगीत नाटक अकादमी नई दिल्ली सांस्कृतिक मंत्रालय भारत सरकार की ओर से समप्रिया पूजा निषाद को नेशनल अवार्ज के लिए चुना गया. अब 22 नवंबर को नई दिल्ली में पंडवानी गायिका समप्रिया को सांस्कृतिक मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत राष्ट्रीय अवार्ड "उस्ताद बिस्मिल्लाह खान पुरस्कार" से सम्मानित करेंगे.

"तीजन बाई की शाबासी से मिली नई ऊर्जा" : अंतरराष्ट्रीय पंडवानी गायिका समप्रिया पूजा निषाद ने कहा कि मुझे जो सम्मान मिला है, उससे हमारे गांव, हमारे जिला और छत्तीसगढ़ का नाम रौशन हो रहा है. हमारे साथ 8 कलाकार जुड़े हैं और इसमें संगीतकार, हार्मोनियम, तबला, बेंजो, बांसुरी, शहनाई, मंजिरा बजानेवाले शामिल हैं. मेरे पति अंतरराष्ट्रीय रंगकर्मी संतोष निषाद रागी का किरदार निभाते हैं.

पंडवानी गायिका समप्रिया को उस्ताद बिस्मिल्लाह खान पुरस्कार (ETV Bharat)

वैसे तो मैं 8 वर्ष की उम्र से ही लोक गायन कर रही हूं, लेकिन साल 2016 में मेरी पंडवानी गायन प्रस्तुति देखकर पद्म विभूषण तीजन बाई ने जो शाबासी दी, उससे मुझे नई ऊर्जा मिली. यह अवार्ड छत्तीसगढ़ में मेरे ससुर जी पद्मश्री पूनाराम निषाद, डॉ. तीजन बाई, उषा बारले को मिला है. इनके बाद यह अवार्ड मुझे मिला है. : समप्रिया पूजा निषाद, अंतरराष्ट्रीय पंडवानी गायिका

20 नवंबर को दिल्ली रवाना होंगी समप्रिया : समप्रिया पूजा निषाद ने आगे बताती हैं कि हमारा पुराना ग्राम रिंगनी है, जो जामुल से करीब 5 किलोमीटर के आसपास में है. दिल्ली में एक कार्यक्रम है, जिसकी तैयारी अभी चल रही है. फिलहाल, सभी कलाकारों की पूरी टीम 20 नवंबर को दिल्ली के लिए रवाना होंगे.

मैं दोनों ही शैली में पंडवानी गायन करती हूं. यह अवार्ड मिलने से परिवार और गांववालों के साथ ही मुझे भी बहुत ही खुशी है. दिल्ली के अंबेडकर जनपद में कार्यक्रम होगा, जिसके लिए हमारी पूरी टीम यहां से 20 नवंबर को रवाना होगा. वहां जाकर हम कार्यक्रम के एक दिन पहले अभ्यास करेंगे. : समप्रिया पूजा निषाद, अंतरराष्ट्रीय पंडवानी गायिका

बचपन से तंबूरा बजाने का है जुनून : तंबूरा बजाना तो एक कला है, इसे सीखने को लेकर एक जुनून था. तंबूरा बजाने की कला घर में ही हमारे पूर्वजों की विरासत में मिली. पद्मश्री पूनाराम निषाद जी को इस कला में महारत हासिल था. वे पंडवानी के व्याख्याता थे. इसके साथ ही डॉ तीजन बाई को देखकर छत्तीसगढ़ के भावी पीढ़ी सीख रहे हैं. पूनाराम निषाद वेदमत शैली के पंडवानी गायक हैं और तीजन बाई कापालिक शैली की पंडवानी गायक हैं.

मेरी धर्मपत्नी को यह अवार्ड मिला रहा है, इसलिए मुझे बहुत ही खुशी महसूस हो रही है, जिसका मैं बखान नहीं कर सकता. क्योंकि हम सब मिलकर नव ज्योति कलश संस्कृति समिति का गठन किया है, जिसमें संगीतकार, वाद्ययंत्र के कलाकार शामिल हैं. मैं इसमें महाभारत की जो कथा है, उसका सार और व्यंग को बढ़ाने का काम करता हूं. साथ ही बीच बीच में जो गीत-गायन होता है, उसमें मैं कोरस का भी काम करता हूं. : संतोष निषाद, अंतरराष्ट्रीय रंगकर्मी और समप्रिया के पति

20 राज्यों सहित कई देशों में दी है प्रस्तुति : जामुल निवासी पंडवानी गायिका समप्रिया पूजा निषाद अब तक देश के 20 राज्यों के साथ ही इंग्लैंड, फ्रांस, अफ्रीका और जापान जैसे देशों में 500 से अधिक प्रस्तुतियां दे चुकीं हैं. पंडवानी गायन में पद्मश्री पूनाराम निषाद एक बड़ा नाम थे. वे समप्रिया पूजा निषाद के बड़े ससुर थे. जामुल निवासी समप्रिया 2009 से मंचीय कार्यक्रमों में उनके साथ जाने लगी थीं. इसके चलते उनका रुझान पंडवानी गायन की ओर गया. वे कहती हैं कि दिवंगत पूनाराम से उन्हें काफी कुछ सीखने को मिला.

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Last Updated : Nov 19, 2024, 11:43 AM IST
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