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विधानसभा का घेराव करने आए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका संघ को पुलिस ने रोका

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Published : Dec 14, 2021, 7:26 PM IST

Updated : Dec 14, 2021, 11:17 PM IST

छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता (Chhattisgarh Anganwadi worker) और सहायिका संघ छत्तीसगढ़ विधानसभा का घेराव (Gherao of chhattisgarh assembly) करने निकले. लेकिन बीच रास्ते में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोक दिया है.

anganwadi workers
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता

रायपुर: छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता (Chhattisgarh Anganwadi worker) और सहायिका संघ (Subsidiary Association) 8 सूत्रीय मांग को लेकर छत्तीसगढ़ विधानसभा का घेराव (Gherao of chhattisgarh assembly) करने जा रहे थे. पुलिस ने सप्रे स्कूल के पास प्रदर्शनकारियों को रोका. प्रदर्शनकारियों ने सप्रे स्कूल के पास सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का प्रदर्शन

यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ विधानसभा परिसर में धरने पर बैठे बीजेपी विधायक

राज्य सरकार पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका संघ धरना स्थल से नगाड़े के साथ विधानसभा घेराव के लिए निकले थे. जिसे पुलिस ने रास्ते में रोक दिया. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इसके बाद भी सरकार अगर इनकी मांगों पर विचार नहीं करती है तो आने वाले दिनों में अनिश्चितकालीन हड़ताल करने के साथ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विधानसभा क्षेत्र पाटन में विशाल रैली निकालकर प्रदर्शन करेंगे. प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है.

मानदेय बढ़ाए जाने की मांग

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं का कहना है कि इतने कम वेतन में परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है. ऐसे में सरकार को आंगनबाड़ी के कार्यकर्ता और सहायिकाओं का मानदेय बढ़ाना चाहिए. इसके पहले भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका संघ ने 30 नवंबर को संभाग स्तर पर प्रदर्शन किया था.

एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को सरकार की ओर से मानदेय के रूप में 6,500 रुपये और एक सहायिका को महज 3,500 रुपए प्रतिमाह मिलते हैं. ऐसे में वे अपना और अपने परिवार का गुजर बसर कैसे करेंगे? पूरे प्रदेश में लगभग 1 लाख आंगनबाड़ी हैं जिसमें काम करने वाली कार्यकर्ता और सहायिका की संख्या 2 लाख हैं.

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका संघ की मांगें

  • शिक्षाकर्मियों की तरह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका को भी शासकीय कर्मचारी घोषित किया जाए.
  • चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वादों को पूरा कर, मिनी आंगनबाड़ी को पूर्ण आंगनबाड़ी बनाए. सुपरवाइजर के रिक्त पदों को सौ फीसदी वरिष्ठता के क्रम में कार्यकर्ताओं से शीघ्र भरा जाए.
  • कार्यकर्ता के रिक्त पदों को सहायिकाओ से ही भरा जाए. 25 फीसदी के बंधन को समाप्त किया जाए.
  • मासिक पेंशन, ग्रेच्युटी और समूह बीमा का लाभ दिया जाए. मोबाइल नेट चार्ज और मोबाइल भत्ता दिया जाए. इस दौरान मोबाइल से कोई कार्य ना लिया जाए.
  • चुनाव में बीएलओ का कार्य भी मोबाइल से ना लिया जाए.
  • आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं की आकस्मिक मृत्यु होने पर परिवार के एक सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति दी जाए
  • कोविड-19 में कार्य करने वाले कर्मियों को प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाए.
  • विभिन्न कारणों से सेवा मुक्त किए गए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका को निशर्त सेवा में पुनः बहाल किया जाए.

रायपुर: छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता (Chhattisgarh Anganwadi worker) और सहायिका संघ (Subsidiary Association) 8 सूत्रीय मांग को लेकर छत्तीसगढ़ विधानसभा का घेराव (Gherao of chhattisgarh assembly) करने जा रहे थे. पुलिस ने सप्रे स्कूल के पास प्रदर्शनकारियों को रोका. प्रदर्शनकारियों ने सप्रे स्कूल के पास सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का प्रदर्शन

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राज्य सरकार पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका संघ धरना स्थल से नगाड़े के साथ विधानसभा घेराव के लिए निकले थे. जिसे पुलिस ने रास्ते में रोक दिया. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इसके बाद भी सरकार अगर इनकी मांगों पर विचार नहीं करती है तो आने वाले दिनों में अनिश्चितकालीन हड़ताल करने के साथ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विधानसभा क्षेत्र पाटन में विशाल रैली निकालकर प्रदर्शन करेंगे. प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है.

मानदेय बढ़ाए जाने की मांग

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं का कहना है कि इतने कम वेतन में परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है. ऐसे में सरकार को आंगनबाड़ी के कार्यकर्ता और सहायिकाओं का मानदेय बढ़ाना चाहिए. इसके पहले भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका संघ ने 30 नवंबर को संभाग स्तर पर प्रदर्शन किया था.

एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को सरकार की ओर से मानदेय के रूप में 6,500 रुपये और एक सहायिका को महज 3,500 रुपए प्रतिमाह मिलते हैं. ऐसे में वे अपना और अपने परिवार का गुजर बसर कैसे करेंगे? पूरे प्रदेश में लगभग 1 लाख आंगनबाड़ी हैं जिसमें काम करने वाली कार्यकर्ता और सहायिका की संख्या 2 लाख हैं.

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका संघ की मांगें

  • शिक्षाकर्मियों की तरह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका को भी शासकीय कर्मचारी घोषित किया जाए.
  • चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वादों को पूरा कर, मिनी आंगनबाड़ी को पूर्ण आंगनबाड़ी बनाए. सुपरवाइजर के रिक्त पदों को सौ फीसदी वरिष्ठता के क्रम में कार्यकर्ताओं से शीघ्र भरा जाए.
  • कार्यकर्ता के रिक्त पदों को सहायिकाओ से ही भरा जाए. 25 फीसदी के बंधन को समाप्त किया जाए.
  • मासिक पेंशन, ग्रेच्युटी और समूह बीमा का लाभ दिया जाए. मोबाइल नेट चार्ज और मोबाइल भत्ता दिया जाए. इस दौरान मोबाइल से कोई कार्य ना लिया जाए.
  • चुनाव में बीएलओ का कार्य भी मोबाइल से ना लिया जाए.
  • आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं की आकस्मिक मृत्यु होने पर परिवार के एक सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति दी जाए
  • कोविड-19 में कार्य करने वाले कर्मियों को प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाए.
  • विभिन्न कारणों से सेवा मुक्त किए गए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका को निशर्त सेवा में पुनः बहाल किया जाए.
Last Updated : Dec 14, 2021, 11:17 PM IST
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