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SPECIAL: कोरोना से 'जंग' जीतने के बाद भी जीने की जद्दोजहद, ठीक हुई बीमारी लेकिन नहीं गए लक्षण - पोस्ट कोविड 19 ओपीडी

राजधानी रायपुर में कोरोना के केसेज़ पिछले दिनों सबसे ज्यादा रहे. हालांकि मरीजों का रिकवर रेट भी काफी अच्छा रहा, मरीज ठीक भी हुए, लेकिन अधिकतर मरीजों में पोस्ट कोविड की समस्या अब भी देखने को मिल रही है. इन्हीं दिक्कतों को देखते हुए मेकाहारा में पोस्ट कोविड ओपीडी शुरू की गई है, जहां काफी संख्या में मरीज कई स्वास्थ्य संबंधी शिकायतों को लेकर आ रहे हैं. उनका कहना है कि कोरोना ने उनके स्वास्थ्य को पूरी तरह से तबाह कर दिया है.

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ठीक हुई बीमारी लेकिन नहीं गए लक्षण
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Published : Nov 5, 2020, 12:58 PM IST

रायपुर: कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को कई साल पीछे धकेल दिया है. इसकी वजह से न केवल लोगों का रोजगार छिन गया, काम-धंधे बंद हो गए, अर्थव्यवस्था सालों पीछे चली गई, बल्कि जिन लोगों को भी इसने अपनी चपेट में लिया, उनकी सेहत को तबाह कर दिया. कई लोग जो बिल्कुल तंदरुस्त थे, इसके होने के बाद और ठीक हो जाने के बाद भी स्वास्थ्य समस्याओं से उबर नहीं पाए हैं.

कोविड 19 ठीक होने के बाद भी कई तरह की समस्याएं

राजधानी रायपुर में कोरोना के केसेज़ पिछले दिनों सबसे ज्यादा रहे. हालांकि मरीजों का रिकवर रेट भी काफी अच्छा रहा, मरीज ठीक भी हुए, लेकिन अधिकतर मरीजों में पोस्ट कोविड की समस्या अब भी देखने को मिल रही है. इन्हीं दिक्कतों को देखते हुए मेकाहारा में पोस्ट कोविड ओपीडी शुरू की गई है. जिसका समय सुबह 8:00 बजे से लेकर दोपहर 1:00 बजे तक है.

ठीक हुई बीमारी लेकिन नहीं गए लक्षण

EXCLUSIVE: कोरोना काल कलाकारों की जिंदगी का सबसे मुश्किल समय- तीजन बाई

मेकाहारा में पोस्ट कोविड 19 ओपीडी

रोजाना इस ओपीडी में बड़ी संख्या में मरीज आ रहे हैं. कोविड-19 की जंग जीतने के बाद कई लोगों में शुगर की शिकायत सामने आई है, जबकि इन लोगों को पहले शुगर नहीं था. शुगर की समस्या से पीड़ित होने वाले लोगों में युवा भी शामिल हैं. कोरोना लंग्स और पैनक्रियाज़ पर बहुत बुरा असर डालता है.

ठीक हो चुके मरीजों में एंग्जायटी और डर

कुछ लोगों को अभी भी एग्जाइटी लगातार बनी हुई है. जो मरीज आते हैं वे बताते हैं कि उन्हें रात में अचानक से डर लगना शुरू हो जाता है. लोगों के मन पर भी कोरोना ने नकारात्मक असर डाला है. कई लोगों में घबराहट जैसे लक्षण देखने को मिल रहे हैं. उन्हें अपने परिवार से दूर होने का डर सता रहा है.

कोरोना महामारी से जंग में छत्तीसगढ़ की बेटियों का संदेश

फिर से आइसोलेशन का सता रहा है डर

एक बीमार व्यक्ति अपने परिवार, अपने अपनों का साथ चाहता है. डॉक्टर्स भी मानते हैं कि स्पर्श थेरेपी बहुत काम करती है. इससे मरीज को भावनात्मक सपोर्ट मिलता है. किसी भी बीमारी में दवाई के साथ-साथ अपनों का साथ बहुत महत्वपूर्ण होता है. लेकिन कोरोना ने अपनों को अपनों से दूर कर दिया, क्योंकि सोशल डिस्टेंसिंग इसमें सबसे ज्यादा जरूरी है. ऐसे में मरीजों को ये डर ठीक हो जाने के बाद भी सता रहा है कि उन्हें कहीं फिर से आइसोलेट नहीं कर दिया जाए. इसके अलावा उन्हें पहले की तरह नींद भी नहीं आ रही है. वे खुद को पहले की तरह फिट महसूस नहीं कर पा रहे हैं.

कोरोना ठीक होने के बाद भी नहीं गए लक्षण

अब तक सबसे ज्यादा शिकायत एंग्जायटी, इनसिक्योरिटी को लेकर ही है. इसके अलावा लोग कई लोग ऐसे हैं, जिनको सर्दी-खांसी भी लगातार बनी हुई है. ओपीडी में खुद की जांच करवाने आई एक महिला ने बताया कि उन्हें 2 महीने पहले कोविड-19 हुआ था, लेकिन अब तक उनकी सर्दी ठीक नहीं हुई है.

साइकोलॉजिस्ट से कराई जा रही काउंसिलिंग

इधर स्वास्थ्य विभाग की ओर से जो टीम तैयार की गई है, उसमें इस पर विशेष ध्यान रखते हुए मनोरोग विशेषज्ञ को भी बैठाया गया है और उनसे भी मरीजों की लगातार काउंसिलिंग कराई जा रही है.

छत्तीसगढ़ में कोरोना के केसेज़

छत्तीसगढ़ में बुधवार को 2 हजार 262 नए कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पहचान की गई है. वहीं 1 हजार 165 मरीजों को स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक राज्य में फिलहाल एक्टिव मरीजों की संख्या 22 हजार 773 है. जबकि प्रदेश में अब तक कोरोना वायरस से 1 लाख 94 हजार 499 लोग संक्रमित हो चुके हैं. वहीं कोरोना वायरस से अब तक 2316 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि बुधवार को कोरोना वायरस से 9 लोगों की मौत हुई है. हालांकि रायपुर से 100 दिन बाद अच्छी खबर आई है और यहां बुधवार को किसी भी कोरोना पेशेंट की मौत नहीं हुई है.

देश में कोरोना की हालत

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अब तक कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों की कुल संख्या 83,13,876 बताई है. इसके अलावा मंत्रालय ने बताया कि 1,23,611 लोगों की मौत हुई है और उपचार के बाद 76,56,478 लोग ठीक हो चुके हैं.

रायपुर: कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को कई साल पीछे धकेल दिया है. इसकी वजह से न केवल लोगों का रोजगार छिन गया, काम-धंधे बंद हो गए, अर्थव्यवस्था सालों पीछे चली गई, बल्कि जिन लोगों को भी इसने अपनी चपेट में लिया, उनकी सेहत को तबाह कर दिया. कई लोग जो बिल्कुल तंदरुस्त थे, इसके होने के बाद और ठीक हो जाने के बाद भी स्वास्थ्य समस्याओं से उबर नहीं पाए हैं.

कोविड 19 ठीक होने के बाद भी कई तरह की समस्याएं

राजधानी रायपुर में कोरोना के केसेज़ पिछले दिनों सबसे ज्यादा रहे. हालांकि मरीजों का रिकवर रेट भी काफी अच्छा रहा, मरीज ठीक भी हुए, लेकिन अधिकतर मरीजों में पोस्ट कोविड की समस्या अब भी देखने को मिल रही है. इन्हीं दिक्कतों को देखते हुए मेकाहारा में पोस्ट कोविड ओपीडी शुरू की गई है. जिसका समय सुबह 8:00 बजे से लेकर दोपहर 1:00 बजे तक है.

ठीक हुई बीमारी लेकिन नहीं गए लक्षण

EXCLUSIVE: कोरोना काल कलाकारों की जिंदगी का सबसे मुश्किल समय- तीजन बाई

मेकाहारा में पोस्ट कोविड 19 ओपीडी

रोजाना इस ओपीडी में बड़ी संख्या में मरीज आ रहे हैं. कोविड-19 की जंग जीतने के बाद कई लोगों में शुगर की शिकायत सामने आई है, जबकि इन लोगों को पहले शुगर नहीं था. शुगर की समस्या से पीड़ित होने वाले लोगों में युवा भी शामिल हैं. कोरोना लंग्स और पैनक्रियाज़ पर बहुत बुरा असर डालता है.

ठीक हो चुके मरीजों में एंग्जायटी और डर

कुछ लोगों को अभी भी एग्जाइटी लगातार बनी हुई है. जो मरीज आते हैं वे बताते हैं कि उन्हें रात में अचानक से डर लगना शुरू हो जाता है. लोगों के मन पर भी कोरोना ने नकारात्मक असर डाला है. कई लोगों में घबराहट जैसे लक्षण देखने को मिल रहे हैं. उन्हें अपने परिवार से दूर होने का डर सता रहा है.

कोरोना महामारी से जंग में छत्तीसगढ़ की बेटियों का संदेश

फिर से आइसोलेशन का सता रहा है डर

एक बीमार व्यक्ति अपने परिवार, अपने अपनों का साथ चाहता है. डॉक्टर्स भी मानते हैं कि स्पर्श थेरेपी बहुत काम करती है. इससे मरीज को भावनात्मक सपोर्ट मिलता है. किसी भी बीमारी में दवाई के साथ-साथ अपनों का साथ बहुत महत्वपूर्ण होता है. लेकिन कोरोना ने अपनों को अपनों से दूर कर दिया, क्योंकि सोशल डिस्टेंसिंग इसमें सबसे ज्यादा जरूरी है. ऐसे में मरीजों को ये डर ठीक हो जाने के बाद भी सता रहा है कि उन्हें कहीं फिर से आइसोलेट नहीं कर दिया जाए. इसके अलावा उन्हें पहले की तरह नींद भी नहीं आ रही है. वे खुद को पहले की तरह फिट महसूस नहीं कर पा रहे हैं.

कोरोना ठीक होने के बाद भी नहीं गए लक्षण

अब तक सबसे ज्यादा शिकायत एंग्जायटी, इनसिक्योरिटी को लेकर ही है. इसके अलावा लोग कई लोग ऐसे हैं, जिनको सर्दी-खांसी भी लगातार बनी हुई है. ओपीडी में खुद की जांच करवाने आई एक महिला ने बताया कि उन्हें 2 महीने पहले कोविड-19 हुआ था, लेकिन अब तक उनकी सर्दी ठीक नहीं हुई है.

साइकोलॉजिस्ट से कराई जा रही काउंसिलिंग

इधर स्वास्थ्य विभाग की ओर से जो टीम तैयार की गई है, उसमें इस पर विशेष ध्यान रखते हुए मनोरोग विशेषज्ञ को भी बैठाया गया है और उनसे भी मरीजों की लगातार काउंसिलिंग कराई जा रही है.

छत्तीसगढ़ में कोरोना के केसेज़

छत्तीसगढ़ में बुधवार को 2 हजार 262 नए कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पहचान की गई है. वहीं 1 हजार 165 मरीजों को स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक राज्य में फिलहाल एक्टिव मरीजों की संख्या 22 हजार 773 है. जबकि प्रदेश में अब तक कोरोना वायरस से 1 लाख 94 हजार 499 लोग संक्रमित हो चुके हैं. वहीं कोरोना वायरस से अब तक 2316 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि बुधवार को कोरोना वायरस से 9 लोगों की मौत हुई है. हालांकि रायपुर से 100 दिन बाद अच्छी खबर आई है और यहां बुधवार को किसी भी कोरोना पेशेंट की मौत नहीं हुई है.

देश में कोरोना की हालत

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अब तक कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों की कुल संख्या 83,13,876 बताई है. इसके अलावा मंत्रालय ने बताया कि 1,23,611 लोगों की मौत हुई है और उपचार के बाद 76,56,478 लोग ठीक हो चुके हैं.

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