रायपुर: कोरोना वायरस से चल रही जंग में हर विभाग अपनी भूमिका निभा रहा है. देश में बढ़ते वायरस के संक्रमण को देखते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य सरकारों को जेल में बंद कैदियों की संख्या घटाने के निर्देश दिए थे. जिसके बाद बिना देरी किए प्रदेशभर की जेलों से करीब 2200 से ज्यादा कैदियों को सशर्त रिहा किया गया. वहीं बाकी बचे कैदी जेल में सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन कर रहे हैं. केंद्रीय जेल में सैनिटाइजर टनल लगाया गया है. जेल प्रशासन लगातार नए कैदियों की थर्मल स्क्रीनिंग से जांच कर रहा है.
कैदियों की नेक पहल
कोरोना संकट की इस घड़ी में जेल प्रबंधन अलर्ट है. जेल के मेन गेट पर अलग से भी एक गेट लगाया गया है, जिसमें सैनिटाइजेशन का इंतजाम है. इस गेट से होकर ही आप जेल में एंट्री कर सकते हैं. जेल एम्पोरियम में भी कोरोना की रोकथाम के लिए मास्क बेचे जा रहे हैं. प्रदेश की दूसरी जेलों के कैदियों की तरह ही राजधानी की केंद्रीय जेल के कैदी भी मास्क बना रहे हैं. खास बात ये भी है कि कैदियों ने जेल में हुई अपनी मेहनत की कमाई के 1 लाख 79 हजार 858 रुपए की राशि मुख्यमंत्री राहत कोष में दान की है. कैदियों की इस भावना ने हमारे समाज के सामने एक मिसाल पेश की है. जिसके बाद खुद CM भूपेश बघेल ने ट्वीट कर कैदियों का शुक्रिया अदा किया है.
कुल 2201 कैदियों को रिहा किया गया
- अंतरिम जमानत पर 1,096 कैदियों रिहा किया गया.
- नियमित जमानत पर 731 कैदियों को रिहा किया गया.
- सबसे अधिक केंद्रीय जेल रायपुर से 450 कैदियों को रिहा किया गया.
- केंद्रीय जेल दुर्ग से 321 कैदियों को रिहा किया गया.
- केंद्रीय जेल बिलासपुर से 295 कैदियों को रिहा किया गया.
- केंद्रीय जेल अम्बिकापुर से 78 कैदियों को रिहा किया गया.
- केंद्रीय जेल जगदलपुर से 86 कैदियों को रिहा किया गया.
- इसके अलावा जिला जेल और उप जेलों से भी कुछ कैदियों को रिहा किया गया.
सरकार सतर्क
सरकार ने जेल से रिहा किए गए कैदियों की समय अवधि बढ़ाने के लिए उच्च न्यायालय से मांग की थी, जिसे सही मानते हुए न्यायालय ने 31 मई तक इस अवधि को बढ़ा दिया है. छत्तीसगढ़ जेल प्रशासन की कामयाबी ही कहा जाएगा कि जहां लॉकडाउन में पूरे प्रदेश में कामकाज ठप पड़े हैं, वहीं इस जेल में स्टैंडर्ड सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए कैदियों के दैनिक काम जिसमें शिक्षा भी शामिल हैं, कराई जा रही है.