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मुदवेंडी गांव में 40 साल बाद खुला स्कूल, नियाद नेल्लनार और नक्सल प्रभावित गांव वालों की सहमति से हुआ संभव - FROM NAXAL HOTSPOT TO HOPE

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में अब स्कूल की घंटी और बच्चों के पढ़ने की आवाज सुनाई दे रही है.

BIJAPUR NAXAL EFFECTED MUTVENDI
मुदवेंडी में स्कूल (ANI)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 1, 2025, 10:06 AM IST

बीजापुर: चार दशकों से ज्यादा के लंबे संघर्ष के बाद आखिरकार अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र बीजापुर जिले के मुदवेंडी गांव में पहला स्कूल खुल गया. मुदवेंडी गांव गंगालूर से कई किलोमीटर अंदर घने जंगल के बीच बसा है. जहां अब बच्चों के पहाड़े और ककहरा पढ़ने की आवाजें सुनाई दे रही है.

नक्सल प्रभावित मुदवेंडी में पहला स्कूल: मुदवेंडी गांव में पहले भी कई बार स्कूल खोलने की योजना बनाई गई. लेकिन धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण स्कूल खोलने की योजना जमीनी हकीकत में नहीं पहुंच सकी. साल 2025 में छत्तीसगढ़ सरकार की 'नियाद नेल्लनार' योजना के तहत मुदवेंडी में स्कूल खुला.

नक्सल प्रभावित क्षेत्र में बज रही स्कूल की घंटी: मुदवेंडी में फिलहाल टिन शेड में प्राथमिक स्कूल खोला गया है. जहां लगभग 45 से 50 बच्चे पढ़ रहे हैं. जितनी संख्या लड़कों की है, उतनी ही संख्या लड़कियों की भी हैं, यानी नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के बावजूद यहां रहने वाले लोग अपने बच्चों को शिक्षा देना चाहते हैं फिर वह लड़का हो या लड़की. शुक्रवार को बीजापुर जिला शिक्षा विभाग के अधिकारी मुदवेंडी पहुंचे और बच्चों को स्कूल बैग और कॉपी किताब बांटे. अपने ही गांव में स्कूल खुलने से ना सिर्फ बच्चे उत्साहित है बल्कि उनके माता पिता भी काफी खुश है.

जिला शिक्षा अधिकारी बीएल धनेलिया ने बताया-" मुदवेंडी गांव में जब स्कूल की स्वीकृती मिली थी तब स्कूल खोलने के लिए परिस्थितियां अनुकूल नहीं थी. विपरीत परिस्थतियां थी. अभी तैयारी करने के बाद सभी की सहमति से साल 2025 में स्कूल खोला गया. पीडिया गांव में भी सभी की सहमति और सहयोग से स्कूल खोला जाएगा."

नियद नेल्लानर योजना से खुला स्कूल: जिला शिक्षा विभाग के अधिकारी मो. जाकिर खान ने बताया "गंगालूर से बहुत अंदर के एरिया में मुदवेंडी गांव स्थित है. यहां कई सालों से स्कूल शुरू नहीं हो पाया था. बच्चे शिक्षा से वंचित थे. साल 2024-25 के सत्र में नियद नेल्लानर योजना के तहत मुदवेंडी में विकास का काम शुरू हुआ. बड़ी संख्या में बच्चे स्कूल पहुंच रहे हैं. जंगल के वातावरण में काफी परिवर्तन दिख रहा है. भय और आतंक का माहौल दूर हो रहा है. गांव के लोग भी विकास चाह रहे हैं.

मुदवेंडी में पक्का स्कूल भवन जल्द: जाकिर खान ने बताया कि पिछले साल मई जून के महीने में गांव में सर्वे किया गया. ग्रामीणों से बात की गई, सभी ने स्कूल को लेकर सहमति दी. जिसेक बाद अभी झोपड़ीनुमा स्कूल खोला गया है. स्कूल बिल्डिंग काफी पहले स्वीकृत हो चुकी है. बारिश के कारण काम शुरू नहीं हो सका. जनवरी में स्कूल भवन की नींव रखी गई हैं. आने वाले 2 से 3 महीने में स्कूल भवन बन जाएगा. कांवड़ और हीरामुंडा में भी स्कूल खोले गए हैं.

नियाद नेल्लनार क्या है: नियाद नेल्लनार का अर्थ है "आपका आदर्श गांव" यानी ऐसा गांव जहां रहने वालों को सभी बुनियादी सुविधाएं मिल रही हो. नियाद नेल्लनार योजना राज्य के 5 जिलों सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर और कांकेर में क्रियान्वित की जा रही है. जिसमें इन जिलों के कुल 8 विकासखंडों में 23 सुरक्षा शिविरों के आसपास के 90 गांवों का विकास किया जा रहा है. इन सुरक्षा शिविरों के 5 किलोमीटर के दायरे में आने वाले गांवों में विभिन्न विभागों की योजनाएं चलाकर इन गांवों में मूलभूत सुविधाओं और सरकार की संचालित व्यक्तिगत योजनाओं का लाभ पहुंचाया जा रहा है.

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नक्सल प्रभावित मुदवेंडी में पहला स्कूल: मुदवेंडी गांव में पहले भी कई बार स्कूल खोलने की योजना बनाई गई. लेकिन धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण स्कूल खोलने की योजना जमीनी हकीकत में नहीं पहुंच सकी. साल 2025 में छत्तीसगढ़ सरकार की 'नियाद नेल्लनार' योजना के तहत मुदवेंडी में स्कूल खुला.

नक्सल प्रभावित क्षेत्र में बज रही स्कूल की घंटी: मुदवेंडी में फिलहाल टिन शेड में प्राथमिक स्कूल खोला गया है. जहां लगभग 45 से 50 बच्चे पढ़ रहे हैं. जितनी संख्या लड़कों की है, उतनी ही संख्या लड़कियों की भी हैं, यानी नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के बावजूद यहां रहने वाले लोग अपने बच्चों को शिक्षा देना चाहते हैं फिर वह लड़का हो या लड़की. शुक्रवार को बीजापुर जिला शिक्षा विभाग के अधिकारी मुदवेंडी पहुंचे और बच्चों को स्कूल बैग और कॉपी किताब बांटे. अपने ही गांव में स्कूल खुलने से ना सिर्फ बच्चे उत्साहित है बल्कि उनके माता पिता भी काफी खुश है.

जिला शिक्षा अधिकारी बीएल धनेलिया ने बताया-" मुदवेंडी गांव में जब स्कूल की स्वीकृती मिली थी तब स्कूल खोलने के लिए परिस्थितियां अनुकूल नहीं थी. विपरीत परिस्थतियां थी. अभी तैयारी करने के बाद सभी की सहमति से साल 2025 में स्कूल खोला गया. पीडिया गांव में भी सभी की सहमति और सहयोग से स्कूल खोला जाएगा."

नियद नेल्लानर योजना से खुला स्कूल: जिला शिक्षा विभाग के अधिकारी मो. जाकिर खान ने बताया "गंगालूर से बहुत अंदर के एरिया में मुदवेंडी गांव स्थित है. यहां कई सालों से स्कूल शुरू नहीं हो पाया था. बच्चे शिक्षा से वंचित थे. साल 2024-25 के सत्र में नियद नेल्लानर योजना के तहत मुदवेंडी में विकास का काम शुरू हुआ. बड़ी संख्या में बच्चे स्कूल पहुंच रहे हैं. जंगल के वातावरण में काफी परिवर्तन दिख रहा है. भय और आतंक का माहौल दूर हो रहा है. गांव के लोग भी विकास चाह रहे हैं.

मुदवेंडी में पक्का स्कूल भवन जल्द: जाकिर खान ने बताया कि पिछले साल मई जून के महीने में गांव में सर्वे किया गया. ग्रामीणों से बात की गई, सभी ने स्कूल को लेकर सहमति दी. जिसेक बाद अभी झोपड़ीनुमा स्कूल खोला गया है. स्कूल बिल्डिंग काफी पहले स्वीकृत हो चुकी है. बारिश के कारण काम शुरू नहीं हो सका. जनवरी में स्कूल भवन की नींव रखी गई हैं. आने वाले 2 से 3 महीने में स्कूल भवन बन जाएगा. कांवड़ और हीरामुंडा में भी स्कूल खोले गए हैं.

नियाद नेल्लनार क्या है: नियाद नेल्लनार का अर्थ है "आपका आदर्श गांव" यानी ऐसा गांव जहां रहने वालों को सभी बुनियादी सुविधाएं मिल रही हो. नियाद नेल्लनार योजना राज्य के 5 जिलों सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर और कांकेर में क्रियान्वित की जा रही है. जिसमें इन जिलों के कुल 8 विकासखंडों में 23 सुरक्षा शिविरों के आसपास के 90 गांवों का विकास किया जा रहा है. इन सुरक्षा शिविरों के 5 किलोमीटर के दायरे में आने वाले गांवों में विभिन्न विभागों की योजनाएं चलाकर इन गांवों में मूलभूत सुविधाओं और सरकार की संचालित व्यक्तिगत योजनाओं का लाभ पहुंचाया जा रहा है.

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