नई दिल्ली: मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में एमएसएमई क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए बड़े कदम उठाने की घोषणा की गई है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि एमएसएमई के वर्गीकरण के लिए निवेश और टर्नओवर की सीमा को क्रमशः 2.5 और 2 गुना तक बढ़ाया जाएगा. इससे युवाओं के लिए रोजगार पैदा होगा और आर्थित स्थिति मजबूत होगी.
एमएसएमई सेक्टर में क्रेडिट कवर को बढ़ाया जाएगा. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एमएसएमई वर्गीकरण के लिए टर्नओवर सीमा दोगुनी की जाएगी. एमएसएमई क्षेत्र के दायरे में अधिक उद्यमों को लाने के उद्देश्य से केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को एमएसएमई के लिए नए वर्गीकरण मानदंडों की घोषणा की. मंत्री ने कहा कि एमएसएमई वर्गीकरण के लिए निवेश सीमा 2.5 गुना की जाएगी जबकि एमएसएमई वर्गीकरण के लिए टर्नओवर सीमा दोगुनी की जाएगी.
New Classification Criteria for MSMEs
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) February 1, 2025
· Investment limit for MSME classification to be made 2.5 times
· Turnover limits for MSME classification to be doubled#ViksitBharatBudget2025 #Budget2025 #UnionBudget2025 pic.twitter.com/ymPVjGfn3x
संशोधित टर्नओवर मानदंड सूक्ष्म उद्यमों के लिए वर्तमान 5 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये, लघु उद्यमों के लिए वर्तमान 50 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 100 करोड़ रुपये तथा मध्यम उद्यमों के लिए वर्तमान 250 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 500 करोड़ रुपये किया जाएगा.
रिपोर्ट के अनुसार देश में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की संख्या एक करोड़ है. इस क्षेत्र में 5 करोड़ से अधिक लोग जुड़े हैं. यह भारत को दुनिया में मैन्यूफैक्चरिंग के क्षेत्र में अग्रणी देशों में बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है. एमएसएमई 45 फीसदी निर्यात में हिस्सेदारी रखते हैं. एमएसएमई मंत्रालय देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में तत्पर है. इसके तहत सूक्ष्म विनिर्माण और सेवा इकाइयों को भी बढ़ावा दिया जाता है.