रायपुर: कोरोना संक्रमण काल के दौरान आम लोग, मजदूर, व्यापारी, नौकरी पेशा सब किसी न किसी तरह की परेशानी से जूझ रहे हैं, लेकिन इस बीच एक ऐसा वर्ग है जो कहीं न कहीं खुश नजर आ रहा है. वह है प्रदेश के विभिन्न जेलों से रिहा होने वाले बंदी. क्योंकि इस कोरोना संकट के चलते इन कैदियों को नियमित जमानत, अंतरिम जमानत और पैरोल पर रिहा कर दिया गया है.
कोरोना संक्रमण का डर जेल में भी देखने को मिल रहा है. यहीं वजह है कि जेल से एक के बाद एक बंदियों को रिहा किया जा रहा है. छत्तीसगढ़ के विभिन्न जेलों में बंद कैदियों को लगातार छोड़ने का सिलसिला जारी है. अब तक छत्तीसगढ़ की जेलों में बंद लगभग साढे़ पांच हजार से ज्यादा बंदियों को जमानत और पैरोल पर छोड़ा जा चुका है.
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जेल डीआईजी केके गुप्ता का कहना है कि कोरोना संकट के दौरान सुप्रीम कोर्ट से मिले गाइडलाइन के अनुसार छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के निर्देश पर प्रदेश के विभिन्न जेलों में बंद बंदियों को पैरोल और जमानत पर छोड़ा जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के आधार पर छत्तीसगढ़ की जेलों में क्षमता से ज्यादा बंद कैदियों की संख्या कम करने के यह फैसला लिया गया है. जिसके बाद अंतरिम जमानत और पैरोल वाले 30 जून तक जेल के बाहर रहेंगे, 1 जुलाई को सभी बंदी वापस जेलों में लौटेंगे.
जेल से रिहाई के बाद बंदियों में खुशी का माहौल
26 मार्च से 30 जून तक प्रदेश के कुल 33 जेलों से 5,342 बंदियों को छोड़ा जा चुका है.
- रायपुर सेंट्रल जेल से 975 बंदी रिहा हुए
- दुर्ग जेल से 636 बंदी को रिहा किया गया
- बिलासपुर सेंट्रल जेल से 527 बंदी को रिहा किया गया
- बलौदाबाजार उप जेल से 251 बंदी छोड़े गए
- महासमुंद जेल से 382 बंदी को रिहा किया गया
- राजनांदगांव जेल से 207 बंदी को रिहा किया गया
- जांजगीर जेल से 246 बंदी को रिहा किया गया
- रायगढ़ जेल से 237 बंदी को रिहा किया गया
- जगदलपुर जेल से 199 बंदी को रिहा किया गया
- अंबिकापुर से 187 विचाराधीन बंदियों को छोड़ा गया
रायपुर जेल की बात की जाए तो यहां पहले ही क्षमता से 2 गुना ज्यादा बंदियों को रखा गया था. इस जेल में पहले लगभग 3,700 बंदी थे, लेकिन कोरोना संकटकाल में पैरोल और जमानत पर बंदियों को छोड़े जाने के बाद अब यह संख्या 2,725 हो गई है.