रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में मध्य क्षेत्रीय परिषद की 22वीं बैठक हुई. इस अहम मीटिंग की अध्यक्षता केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने की, इस बैठक में मध्य क्षेत्रीय परिषद के उपाध्यक्ष भूपेश बघेल, एमपी के सीएम कमलनाथ, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत मौजूद थे.
राज्यों के साथ बेहतर तालमेल चाहता है केंद्र- अमित शाह
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मीटिंग को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सभी राज्यों के साथ बेहतर तालमेल बनाए रखना चाहता है. इसके लिए केंद्र सभी राज्यों को उनकी बेहतरी के लिए हर संभव सहायता प्रदान करेगा.
नक्सली इलाकों के विकास के लिए पैकेज जारी करने की मांग
इस बैठक में सीएम भूपेश बघेल ने गृहमंत्री अमित शाह के सामने छत्तीसगढ़ की कई मांगें रखी. जिसमें नक्सली इलाकों में विकास के लिए 11 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के लंबित पैकेज को रिलीज करने की मांग थी. सीएम ने कहा कि छत्तीसगढ़ के 10 आकांक्षी जिलों में नवनिर्माण के काम होने हैं. इसके अलावा सीएम बघेल ने रायपुर एयरपोर्ट को इंटरनेशनल हवाई अड्डे का दर्जा देने और रायपुर एयरपोर्ट से कार्गो सेवा को जल्द से जल्द शुरू करने की मांग की है. सीएम ने केंद्रीय गृहमंत्री के सामने एनआईए से जुड़ा मुद्दा भी उठाया और कहा कि 'झीरम कांड की NIA ने जांच पूरी कर ली है, लेकिन इसके बाद भी NIA केस डायरी राज्य सरकार को नहीं दे रही है, जो आपत्तिजनक और अनुचित है'. इसके अलावा सीएम बघेल ने केंद्रीय गृहमंत्री से राष्ट्रीय जैव ईंधन समन्वय समिति में बायो एथेनॉल को शामिल करने और प्रदेश में एथेनॉल के प्लांट को स्थापित करने की मांग की है.
एमपी के सीएम कमलनाथ ने अतिवृष्टि का मुद्दा उठाया
इस बैठक में एमपी के सीएम कमलनाथ ने मध्यप्रदेश में अतिवृष्टि का मुद्दा उठाया और इसके लिए आर्थिक सहायता की मांग की. इसके अलावा कमलनाथ ने केंद्र सरकार से प्रदेश में काउंटर टेररिज्म और काउंटर इंसर्जेन्सी सेंटर बनाने का प्रस्ताव रखा है. मीडिया से बात करते हुए कमलनाथ ने इस बैठक को सफल बताया. इसके अलावा उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश देश का सबसे बड़ा ट्राइबल एरिया है. इसकी तुलना हरियाणा-पंजाब से नहीं की जा सकती, इसलिए यहां विशेष ध्यान देने की जरूरत है.
मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक राज्य और केंद्र के बीच समन्वय बनाने के लिए बेहतर विकल्प है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि केंद्र ने नियमित तौर पर ऐसी बैठकें करने का प्रयास किया है जिसके बेहतर नतीजे आएंगे.