रायगढ़: भूपेश बघेल सरकार की गोधन न्याय योजना जिले में शुरू हो गई है. इसके तहत विभिन्न गौठानों में गोबर की खरीदी शुरू हो गई है. प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आते ही स्थानीय लोगों तक रोजगार पहुंचाने उद्देश्य से महत्वकांक्षी योजना नरवा, गरुवा, घुरवा, बारी की शुरुआत की थी. इससे प्रदेश में नदी, पशु, उर्वरा और बाड़ी का उद्धार होने और साथ ही इससे जुड़े लोगों को प्रत्यक्ष रूप से आर्थिक लाभ मिलने की बात कही गई थी. सरकार ने इस ओर एक और कदम बढ़ाते हुए गोधन न्याय योजना की शुरुआत की है.
वरिष्ठ कृषि अधिकारी का कहना है कि जिले में गोबर खरीदी के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में 114 और निकाय क्षेत्रों में 22 गोबर खरीद केंद्र बनाए गए हैं. गोबर खरीदी केंद्र गौठान में ही बनाए हैं, जहां पर किसानों से कच्चा गोबर लेकर उसे वर्मी कंपोस्ट टैंक में डाल कर जैविक खाद बनाया जायेगा. जिले में कुछ दिन पहले ही गोबर खरीदी शुरू हुई है. इसलिए अभी जैविक खाद नहीं बन पाया है. हालांकि खरीदी रोज हो रही है. किसानों से गोबर खरीदने के लिए खाता भी बनाया गया है, जिसकी एक कॉपी खरीदी केंद्र में होती है. खाते की दूसरी कॉपी किसानों के पास होती है. जिस भी किसान से गोबर खरीदना होता है, उसके खाते में एंट्री किया जाता है. 2 रुपए प्रति किलो की दर से उनको राशी दी जाती है.
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2 उद्देश्य होंगे पूरे
योजना के तहत गरुवा (मवेशी) के गोबर खरीद कर छत्तीसगढ़ शासन मवेशी पलकों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने का काम कर रही है. इस योजना से किसानों और ग्रामीणों में मवेशियों के प्रति मोह बढ़ने का अनुमान भी लगाया गया था. मवेशियों के गोबर से जैविक खाद बनाया जाएगा और उस खाद को किसान अपने खेत में डालकर भूमि की उर्वरा क्षमता भी बढ़ाएंगे.