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नगर सरकार : रायगढ़ नगर निगम का लेखा जोखा, कौन से मुद्दे हैं हावी ?

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Published : Dec 18, 2019, 1:16 PM IST

Updated : Dec 18, 2019, 9:19 PM IST

रायगढ़ नगर निगम में किए गए कार्यों को लेकर जनता ने अपनी राय दी है, महापौर के कामकाज से कुछ लोग खुश हैं तो कुछ ने कमियां भी गिनाई हैं.

नगर सरकार रायगढ़
नगर सरकार रायगढ़

रायगढ़: रायगढ़ नगर निगम 2014 के चुनाव में रायगढ़ वासियों ने एक अप्रत्याशित जनादेश दिया. इस जनादेश में निर्दलीय प्रत्याशी मधुबाई किन्नर को महापौर बनाया गया. मधुबाई के महापौर बनने का बाद रायगढ़ वासियों को लगा कि विकास की बयार बहेगी, लेकिन राजनीतिक अनुभव न होने और किसी पार्टी से नहीं जुड़े होने के कारण इसका नुकसान रायगढ़ वासियों को उठाना पड़ा.

निगम का हाल.

इस चुनाव में महापौर के पद के लिए भाजपा से महावीर चौहान और कांग्रेस के जेठूराम मनहर चुनावी मैदान में उतरे थे जिसमें भाजपा दूसरे स्थान पर रही.

रायगढ़ नगर निगम में एक नजर

  • कुल वार्ड- 48
  • कुल मतदाता- 1लाख 34 हजार 433
  • पुरुष मतदाता - 68 हजार 417
  • महिला मतदाता- 66007
  • अन्य मतदाता- 9
  • कुल मतदान केंद्र 173
  • सहायक मतदान केंद्र 2
  • अति संवेदनशील मतदान केंद्र 26

रायगढ़ नगर निगम का इतिहास

  • 2002 में रायगढ़ नगर पालिका को भंग कर नगर निगम बनाया गया
  • 2002 से 2004 तक प्रशासन ने किया निगम का संचालन
  • 2004 में पहला प्रत्यक्ष चुनाव हुआ
  • 2004 में कांग्रेस के जेठूराम मनहर महापौर बने
  • 2009 में भाजपा के महेंद्र चौथा महापौर बने

स्थानीय लोगों ने महापौर के काम को लेकर मिली जुली प्रतिक्रिया दी है. कुछ लोगों का कहना है कि महापौर को जिताना समझ में आया उसने काम किया. कार्यकाल के अंत में कुछ विकास दिखे है.सड़क की मरम्मत भी करवाई जा रही है. वहीं कुछ लोगों ने शहर में पानी बिजली और गंदगी की समस्या बताई है.

रायगढ़ नगर निगम की समस्याएं

  • पीने के पानी की समस्या
  • अमृत मीशन का काम अधूरा
  • सड़क पर गंगदगी
  • जर्जर सड़क
  • सफाई स्थिति बदहाल
  • नालियों में भराव के कारण गंदगी
  • बिजली की समस्या
  • बढ़ता प्रदूषण
  • गंदे तालाब
  • गलियों में अवैध निर्माण
  • छोटी सड़के
  • यातायात की समस्या

विपक्ष का आरोप

  • विकास कार्य ठप्प
  • 5 साल पहले शुरू विकास कार्य भी रूके
  • मूलभूत सुविधाओं की कमी
  • बिजली पानी के क्षेत्र में नहीं हुआ कोई काम
  • कोई बडे़ विकास कार्य नहीं
  • चिकित्सा के क्षेत्र में नहीं हुआ कोई काम

महापौर मधुरबाई का कहना है कि निर्दलीय प्रत्याशी होने की वजह से मुझे किसी पार्टी का समर्थन नहीं मिला. सभी मेरे काम को रोकने में लगे रहे. जब मैं पार्टी में शामिल होने गई तब मुझे किन्नर कहकर किसी पार्टी में शामिल नहीं किया गया. विकास के लिए राशि भी नहीं मिली जिस वजह से विकास नहीं हुआ है. महापौर ने जनता से इपने कार्यकाल में हुई गलतियों के लिए माफी मांगी है.

नगर निगम की उपलब्धियां

  • अमृत योजना के लिए पानी की सुविधा उपलब्ध कारई
  • सड़क की मरम्मत करवाई गई
  • बिजली की सुविधा दी गई
  • पानी की समस्या नहीं

रायगढ़: रायगढ़ नगर निगम 2014 के चुनाव में रायगढ़ वासियों ने एक अप्रत्याशित जनादेश दिया. इस जनादेश में निर्दलीय प्रत्याशी मधुबाई किन्नर को महापौर बनाया गया. मधुबाई के महापौर बनने का बाद रायगढ़ वासियों को लगा कि विकास की बयार बहेगी, लेकिन राजनीतिक अनुभव न होने और किसी पार्टी से नहीं जुड़े होने के कारण इसका नुकसान रायगढ़ वासियों को उठाना पड़ा.

निगम का हाल.

इस चुनाव में महापौर के पद के लिए भाजपा से महावीर चौहान और कांग्रेस के जेठूराम मनहर चुनावी मैदान में उतरे थे जिसमें भाजपा दूसरे स्थान पर रही.

रायगढ़ नगर निगम में एक नजर

  • कुल वार्ड- 48
  • कुल मतदाता- 1लाख 34 हजार 433
  • पुरुष मतदाता - 68 हजार 417
  • महिला मतदाता- 66007
  • अन्य मतदाता- 9
  • कुल मतदान केंद्र 173
  • सहायक मतदान केंद्र 2
  • अति संवेदनशील मतदान केंद्र 26

रायगढ़ नगर निगम का इतिहास

  • 2002 में रायगढ़ नगर पालिका को भंग कर नगर निगम बनाया गया
  • 2002 से 2004 तक प्रशासन ने किया निगम का संचालन
  • 2004 में पहला प्रत्यक्ष चुनाव हुआ
  • 2004 में कांग्रेस के जेठूराम मनहर महापौर बने
  • 2009 में भाजपा के महेंद्र चौथा महापौर बने

स्थानीय लोगों ने महापौर के काम को लेकर मिली जुली प्रतिक्रिया दी है. कुछ लोगों का कहना है कि महापौर को जिताना समझ में आया उसने काम किया. कार्यकाल के अंत में कुछ विकास दिखे है.सड़क की मरम्मत भी करवाई जा रही है. वहीं कुछ लोगों ने शहर में पानी बिजली और गंदगी की समस्या बताई है.

रायगढ़ नगर निगम की समस्याएं

  • पीने के पानी की समस्या
  • अमृत मीशन का काम अधूरा
  • सड़क पर गंगदगी
  • जर्जर सड़क
  • सफाई स्थिति बदहाल
  • नालियों में भराव के कारण गंदगी
  • बिजली की समस्या
  • बढ़ता प्रदूषण
  • गंदे तालाब
  • गलियों में अवैध निर्माण
  • छोटी सड़के
  • यातायात की समस्या

विपक्ष का आरोप

  • विकास कार्य ठप्प
  • 5 साल पहले शुरू विकास कार्य भी रूके
  • मूलभूत सुविधाओं की कमी
  • बिजली पानी के क्षेत्र में नहीं हुआ कोई काम
  • कोई बडे़ विकास कार्य नहीं
  • चिकित्सा के क्षेत्र में नहीं हुआ कोई काम

महापौर मधुरबाई का कहना है कि निर्दलीय प्रत्याशी होने की वजह से मुझे किसी पार्टी का समर्थन नहीं मिला. सभी मेरे काम को रोकने में लगे रहे. जब मैं पार्टी में शामिल होने गई तब मुझे किन्नर कहकर किसी पार्टी में शामिल नहीं किया गया. विकास के लिए राशि भी नहीं मिली जिस वजह से विकास नहीं हुआ है. महापौर ने जनता से इपने कार्यकाल में हुई गलतियों के लिए माफी मांगी है.

नगर निगम की उपलब्धियां

  • अमृत योजना के लिए पानी की सुविधा उपलब्ध कारई
  • सड़क की मरम्मत करवाई गई
  • बिजली की सुविधा दी गई
  • पानी की समस्या नहीं
Intro:छत्तीसगढ़ प्रदेश बनने के बाद रायगढ़ नगर पालिका को भंग करके 2002 में नगर निगम बनाया गया। 2002 से 2004 तक प्रशासन ने निगम का संचालन किया। 2004 में प्रत्यक्ष चुनाव हुआ, इसमें कांग्रेस के जेठूराम मनहर ने भाजपा के सीताराम चौहान को हराकर महापौर बने। 2009 में भाजपा के महेंद्र चौथा ने कांग्रेस के जेठूराम मनहर को हराकर महापौर बने। रायगढ़ की जनता ने भाजपा कांग्रेस दोनों के कार्यकाल को देखा विकास कहीं भी नहीं दिखा तो 2014 के चुनाव में रायगढ़ वासियों ने एक अप्रत्याशित जनादेश दिया। जनादेश में निर्दलीय प्रत्याशी मधुबाई किन्नर (नरेश चौहान) को मटका छाप चुनाव चिन्ह को महापौर बनाया। इस चुनाव में महापौर के पद के लिए भाजपा से महावीर चौहान और कांग्रेस के जेठूराम मनहर चुनावी मैदान में उतरे थे जिसमें भाजपा दूसरे स्थान पर रही। byte 01 सलीम नियारिया, सभापति (सफेद सर्ट) byte 02 पंकज कंकरवाल, नेता प्रतिपक्ष (काला सर्ट) byte 03 मधुबाई, महापौर


Body:रायगढ़ नगर निगम क्षेत्र में कुल 1लाख 34 हजार 433 मतदाता है। इसमें 68 हजार 417 पुरुष जबकि 66 हजार सात महिला मतदाता है। निगम क्षेत्र में 9 तृतीय लिंग मतदाता हैं। निगम क्षेत्र में कुल 173 मतदान केंद्र है जिनमे 2 सहायक मतदान केंद्र हैं। मतदान केंद्रों में 26 अति संवेदनशील मतदान केंद्र हैं। नगर निगम के 48 वार्ड लैलूंगा और राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में आते हैं। लैलूंगा विधानसभा के 5 वर्ड रायगढ़ शहर में शामिल है। यह पांच वार्ड भगवानपुर, उर्दना, विजयपुर, बरमूडा और पतरापाली है। इन पांचों वार्डों में 17 मतदान केंद्र हैं। निर्दलीय प्रत्याशी को महापौर बनाकर रायगढ़ वासियों को लगा कि विकास की बयार बहेगी। लेकिन राजनीतिक अनुभव ना होने और किसी पार्टी से नहीं जुड़े होने के कारण इसका नुकसान रायगढ़ वासियों को उठाना पड़ा। स्थानीय कहते हैं कि उसको जितना समझ में आया उसने काम किया लेकिन कार्यकाल के अंत तक कुछ विकास जरूर दिखा। वही निगम में नेता प्रतिपक्ष रहे भाजपा का कहना है कि महापौर रहते शहर में कोई विकास कार्य नहीं है बल्कि जो 5 साल पहले काम शुरू हुए थे वह भी पूरा नहीं हो पाए शहर में मूलभूत सुविधा जैसे बिजली पानी सड़क कुछ भी नहीं बना। जबकि सभापति का कहना है कि विकास यादव एक सतत प्रक्रिया है जो होती रहती है शहर में कई विकास कार्य हुए लेकिन कोई बड़ा काम नहीं हो पाया। 45 वार्ड वाली नगर निगम में सभापति कांग्रेस के हैं और प्रतिपक्ष में भाजपा बैठी है निगम क्षेत्र के 48 वार्डो में भाजपा पार्षदों की संख्या कांग्रेस से ज्यादा है। विपक्ष का आरोप है कि राज्य शासन ने निजी तौर पर कांग्रेस के पार्षदों को लाभ पहुंचाया है तथा उनके वादों में काम करने के लिए राशि दिए हैं जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी और रायगढ़ से कांग्रेस के प्रकाश नायक विधायक बने तब उन्होंने कांग्रेस समर्थक पार्षदों के राशि वापस नहीं किए जबकि अन्य जो भाजपा पार्षद वार्ड में स्वीकृत कार्य योजना की राशि सरकार वापस ले लिए। नगर निगम महापौर मधुरबाई का कहना है कि निर्दलीय प्रत्याशी होने की वजह से मुझे किसी पार्टी का समर्थन नहीं मिला। सभी मेरे काम को रोकने लगे। जब मैं पार्टी में शामिल होने गई तब मुझे किन्नर कहकर किसी पार्टी में शामिल नहीं किया गया कहना था कि किन्नर को शामिल करने से पार्टी का नाम खराब होगा। महापौर ने भाजपा और कांग्रेस दोनों के प्रदेश सरकार के रायगढ़ विधायक को अपने कार्यकाल में देखा और शहर के विकास के लिए आवेदन भी लगाएं लेकिन कहीं भी राशि नहीं मिला जिस वजह से कोई विकास नहीं हुआ। महापौर का कहना है कि अपने दम पर शहर में अमृत योजना के लिए पानी की सुविधा कराएं। वहीं विपक्ष के आरोप को कहती है कि मुझे विपक्ष ने नहीं जनता ने चुनकर महापौर बनाया था इसलिए अगर मेरे से कोई गलती हुई हो तो जनता मुझे माफ कर देना।


Conclusion: रायगढ़ नगर निगम क्षेत्र में चुनावी मुद्दे की बात करें तो मधु बाई के 5 साल के कार्यकाल को भाजपा पूरी तरह से निष्क्रिय बता रहें। वही महापौर का भी कहना है कि कोई बड़ा विकास कार्य उनके कार्यकाल में नहीं हुआ. सभापति रहे कांग्रेस के पार्षद इन 5 सालों में सड़कों की मरम्मत तथा बिजली पानी अन्य जो मूलभूत सुविधाओं में काम हुए हैं उनको लेकर मैदान में उतरेंगे. समस्या . निगम क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है बिजली-सड़क-पानी और चिकित्सा के लिए कोई काम नहीं हुआ . बाजार, पार्किंग, नाली, सड़क चौड़ीकरण के काम नहीं हुए . स्वास्थ्य आंगनबाड़ी निगम क्षेत्र के स्कूल तथा शहर सुंदरीकरण के लिए कोई काम नहीं हुआ. . निगम क्षेत्र के अंतर्गत बसे उद्योग, जिंदल, राइस मिल तथा अन्य छोटे-बड़े कई उद्योगों के बढ़ते प्रदूषण . गलियों में अवैध निर्माण से सड़के छोटी होना, ट्रैफिक कंट्रोल करने के लिए चौराहों में सिग्नल न लगाना.
Last Updated : Dec 18, 2019, 9:19 PM IST
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