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रायगढ़ : जिला अस्पताल में बढ़ रही मरीजों की संख्या, कई घंटे लाइन में खड़े रहने को हैं मजबूर

जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने मरीजों और उनके परिजनों को होने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है.

अपनी बारी का इंतजार करते लाइन में खड़े परिजन
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Published : Jul 17, 2019, 8:58 PM IST

रायगढ़ : जिले में बदलते मौसम का असर लोगों पर भी पड़ रहा है और अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ती जा रही है. जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में रोजाना कई मरीजों की भीड़ लगी रहती है, लेकिन अस्पताल में सुविधाएं कम होने पर मरीजों और उनके परिजनों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है

काउंटर 2, मरीज 100
जिला अस्पताल के मुख्य गेट पर दो ओपीडी और एक आईपीडी है, जहां से मरीजों को भर्ती किया जाता है. यहां मरीजों की पर्ची देने के लिए सिर्फ 2 ही काउंटर हैं. रोजाना सैकड़ों की संख्या में मरीज जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं और सिर्फ 2 ही काउंटरों के होने से लोगों को दिक्कतें आ रही हैं. यही वजह है कि मरीजों के परिजनों की लंबी कतार अस्पताल के बाहर तक लगी रहती है. अगर किसी भी वजह से काउंटर थोड़ी देर के लिए बंद किया जाता है, तो अफरा-तफरी जैसा माहौल बन जाता है.

मरीजों के परिजनों का कहना है कि, 'काउंटर में बैठे स्लिप देने वाले कर्मचारी घंटों तक गायब रहते हैं और उनकी अनुपस्थिति में कोई भी कर्मचारी भर्ती नहीं लेता, जिसके चलते कई घंटों तक लाइन में खड़ा रहना पड़ता है'.

अस्पताल प्रबंधन की सुस्ती या अनदेखी
इन सब परेशानियों के बाद भी अस्पताल प्रबंधन ने मरीजों को राहत पहुंचाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है और न ही पर्ची काउंटरों की संख्या बढ़ाई गई है.

रायगढ़ : जिले में बदलते मौसम का असर लोगों पर भी पड़ रहा है और अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ती जा रही है. जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में रोजाना कई मरीजों की भीड़ लगी रहती है, लेकिन अस्पताल में सुविधाएं कम होने पर मरीजों और उनके परिजनों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है

काउंटर 2, मरीज 100
जिला अस्पताल के मुख्य गेट पर दो ओपीडी और एक आईपीडी है, जहां से मरीजों को भर्ती किया जाता है. यहां मरीजों की पर्ची देने के लिए सिर्फ 2 ही काउंटर हैं. रोजाना सैकड़ों की संख्या में मरीज जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं और सिर्फ 2 ही काउंटरों के होने से लोगों को दिक्कतें आ रही हैं. यही वजह है कि मरीजों के परिजनों की लंबी कतार अस्पताल के बाहर तक लगी रहती है. अगर किसी भी वजह से काउंटर थोड़ी देर के लिए बंद किया जाता है, तो अफरा-तफरी जैसा माहौल बन जाता है.

मरीजों के परिजनों का कहना है कि, 'काउंटर में बैठे स्लिप देने वाले कर्मचारी घंटों तक गायब रहते हैं और उनकी अनुपस्थिति में कोई भी कर्मचारी भर्ती नहीं लेता, जिसके चलते कई घंटों तक लाइन में खड़ा रहना पड़ता है'.

अस्पताल प्रबंधन की सुस्ती या अनदेखी
इन सब परेशानियों के बाद भी अस्पताल प्रबंधन ने मरीजों को राहत पहुंचाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है और न ही पर्ची काउंटरों की संख्या बढ़ाई गई है.

Intro:जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इन दिनों लोगों के भीड़ लगा रही है। इसके पीछे बदलते मौसम से होने वाली बीमारी। लेकिन इस मौसम और अस्पताल की व्यवस्था से परिजनों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

byte परिजन।



Body: जिला मेडिकल कॉलेज के मुख्य गेट पर दो ओपीडी और एक आईपीडी है जहां से मरीजों को भर्ती लिया जाता है अब रोजाना सैकड़ों की संख्या में मरीज मेडिकल कॉलेज पहुंच रहे हैं जिसके बाद भी अस्पताल प्रबंधन द्वारा कोई तत्परता दिखाने के लिए काउंटरों की संख्या बढ़ाई नहीं गई है ऐसे में दो काउंटर में ही महिला और पुरुष को भर्ती किया जा रहा है। 2 लोगों के भरोसे सैकड़ों की जिम्मेदारी मुख्य वजह है कि मरीजों के परिजनों की लंबी कतार अस्पताल के बाहर तक लगी रहती है। अगर किसी काम के लिए काउंटर पर थोड़ी देर के लिए भी बंद किया जाता है तब यह लाइनें घटने की जगह बढ़ने लगती है ऐसे में लोग घंटों तक खड़े रहकर परेशान होते हैं।


Conclusion: मरीजों के परिजनों का कहना है कि काउंटर में बैठे स्लीप देने वाले कर्मचारी घंटों तक गायब रहते हैं और उनकी अनुपस्थिति में कोई भी कर्मचारी भर्ती नहीं लेता इस वजह से भी घंटों तक लाइन में खड़े रहना पड़ता है। फिलहाल मेडिकल कॉलेज से संबद्ध इस अस्पताल में रोजाना सैकड़ों मरीज भर्ती हो रहे हैं तो इस लिहाज से भी अस्पताल प्रबंधन को काउंटरों की संख्या बढ़ानी चाहिए।
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