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बाजार में मिली अज्ञात बुजुर्ग की लाश, जता रहे इस तरह की आशंका

धरमजयगढ़ के साप्ताहिक बाजार में एक अज्ञात बुजुर्ग की लाश मिली है.

अज्ञात लाश.
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Published : Apr 29, 2019, 11:57 PM IST

धरमजयगढ़: नगर के साप्ताहिक बाजार में एक अज्ञात बुजुर्ग की लाश मिली है. लोगों का कहना है कि यह बुजुर्ग भिक्षु था और तेज गर्मी और भूख की वजह से शायद इसकी मृत्यु हो गई है. समाज सेवकों ने पुलिस को इसकी सूचना दी, जिस पर पुलिस ने लावारिस लाश का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए शव को भेज दिया है.

अज्ञात लाश

सोमवार सुबह 10 बजे साप्ताहिक बाजार में लावारिस लाश मिली थी. यह जगह नगर पंचायत से मात्र 30 मीटर की दूरी पर है. बावजूद इसके नगर पंचायत के किसी अधिकारी कर्मचारी ने पुलिस को इसकी जानकारी तक नहीं दी और न ही कोई घटनास्थल पर शव शिनाख्ती के लिए पहुंचा. स्थानीय समाज सेवी और उनके सहयोगी नस्तर खान ने अज्ञात व्यक्ति का शव मिलने की सूचना पुलिस को दी.

नगर पंचायत के जिम्मेदारों का इस तरह का रवैया कई सवाल खड़े करता है. एक पुलिस वाले ने बताया कि जब अज्ञात व्यक्ति के अंतिम संस्कार के आर्थिक सहायता की राशी जानना चाही, तो नगर पंचायत के बाबू बेहद बेरूखी से जवाब देते हुए कहा कि यह उनकी जिम्मेदारी नहीं है और मामले से पल्ला झाड़ लिया.

जानकारों की मानें तो शासन द्वारा नगर पंचायत क्षेत्र में किसी लावारिस की मौत होने पर उसकी अंतिम संस्कार के लिए करीब 20 हजार रुपए की आर्थिक मदद का प्रावधान होता है. जहां पुलिस ने इस मामले में संवेदनशीलता दिखाई वहीँ नगर पंचायत पूरी तरह बेपरवाह नजर आई.

धरमजयगढ़: नगर के साप्ताहिक बाजार में एक अज्ञात बुजुर्ग की लाश मिली है. लोगों का कहना है कि यह बुजुर्ग भिक्षु था और तेज गर्मी और भूख की वजह से शायद इसकी मृत्यु हो गई है. समाज सेवकों ने पुलिस को इसकी सूचना दी, जिस पर पुलिस ने लावारिस लाश का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए शव को भेज दिया है.

अज्ञात लाश

सोमवार सुबह 10 बजे साप्ताहिक बाजार में लावारिस लाश मिली थी. यह जगह नगर पंचायत से मात्र 30 मीटर की दूरी पर है. बावजूद इसके नगर पंचायत के किसी अधिकारी कर्मचारी ने पुलिस को इसकी जानकारी तक नहीं दी और न ही कोई घटनास्थल पर शव शिनाख्ती के लिए पहुंचा. स्थानीय समाज सेवी और उनके सहयोगी नस्तर खान ने अज्ञात व्यक्ति का शव मिलने की सूचना पुलिस को दी.

नगर पंचायत के जिम्मेदारों का इस तरह का रवैया कई सवाल खड़े करता है. एक पुलिस वाले ने बताया कि जब अज्ञात व्यक्ति के अंतिम संस्कार के आर्थिक सहायता की राशी जानना चाही, तो नगर पंचायत के बाबू बेहद बेरूखी से जवाब देते हुए कहा कि यह उनकी जिम्मेदारी नहीं है और मामले से पल्ला झाड़ लिया.

जानकारों की मानें तो शासन द्वारा नगर पंचायत क्षेत्र में किसी लावारिस की मौत होने पर उसकी अंतिम संस्कार के लिए करीब 20 हजार रुपए की आर्थिक मदद का प्रावधान होता है. जहां पुलिस ने इस मामले में संवेदनशीलता दिखाई वहीँ नगर पंचायत पूरी तरह बेपरवाह नजर आई.

Intro:Body:रिपोर्टर- शेख आलम /रायगढ़ / धरमजयगढ़ /छत्तीसगढ़ CGC10044

   स्लग -     अज्ञात लाश,

एंकर - धरमजयगढ़ के धर्म की नगरी में धरम और मानवता तार-तार हो गया नगर पंचायत के समीप साप्ताहिक बाजार में एक लावारिस लाश मिली है बाताया जा रहा है भूख प्यास से गरीब की मौत हुई है अगर गरीब की मौत भूख प्यास से हुई है तो स्थानीय नगरीय प्रशासन और सरकार की हर दावे को तार तार करती है ।
आज सुबह करीब 10 बजे धरमजयगढ़ नगर पंचायत के समीप साप्ताहिक बाजार में एक अज्ञात बुजुर्ग की लाश मिलने का मामला सामने आया है ,लोगों द्वार तेज़ गर्मी बढ़ते तापमान को देखते हुए कयास लगाया जा रहा है की यह एक भिक्षु था और शायद भूख प्यास की शिद्दत से उसकी मौत हुई है.स्थानीय समाज सेवी एंव और उनके सहयोगी नस्तर खान ने अज्ञात व्यक्ति का शव मिलने की सूचना पुलिस थाने में दी जिस पर  पुलिस ने तत्काल मर्ग कायम कर पंचनामा कर लावारिश लाश को अपनी कस्टडी में लेकर अग्रिम कार्यवाही करते हुए कफ़न दफ़न के इंतेजाम जुट गए ।

आप को बता दें नगर पंचायत से महज़ 30 मीटर की दुरी पर इस तरह लाश का मिलना और नगर पंचायत के अधिकारी कर्मचारी द्वारा पुलिस में इसकी सूचना न देना और न ही शव की शिनाख्ती के लिए किसी कर्मचारी का घटना स्थल पर पहुंचना ,अपनी जिम्मेदारी से इस तरह मुंह मोड़ना  नगरपंचायत की कार्यप्रणाली पर एक बड़ा सवालिया निशान पैदा करता है, आखिर नगर पंचायत के जिम्मेदारों का ऐसे मामले में कोई कर्तव्य है की नहीं ? किसी गरीब के प्रति नगर पंचायत की इतनी बेरुखी और घोर लापरवाही आम जनता की समझ से परे है, इस सम्बन्ध में एक पुलिस कर्मी ने बताया की जब अज्ञात व्यक्ति की लाश के कफ़न दफ़न के बारे में नगर पंचायत के बाबू से आर्थिक  सहायता राशि की जानकारी पूछना चाही गई तो बाबू चिरोंजी लाल ने बेहद रुखा व्यवहार दिखाते हुए कहा की इसमें हमारी कोई जवाबदारी नहीं, हम कुछ नहीं कर सकते और पूरे मामले से पल्ला झाड़ते नज़र आए. जबकि जानकारों की माने तो शासन द्वारा नगर पंचायत क्षेत्र में किसी लावारिश की मौत होने पर उसकी अंतिम संस्कार के लिए करीब 20000 रुपए की आर्थिक मदद का प्रावधान होता है.जहाँ पुलिस ने इस मामले में संवेदनशीलता दिखाई वहीँ नगर पंचायत पूरी तरह बेपरवाह नज़र आई.बहरहाल अभी तक शव का पोस्ट मार्टम नहीं हो सका है  रिपोर्ट नहीं आया ,जिसमे लावारिश व्यक्ति की मौत के कारण का पता चल सके लेकिन एक बात तो साफ़ है की यदि भिक्षु की मौत का कारण भूख प्यास से हुई है तो ये बात शासन प्रशासन के लिए बेहद शर्मनाक होगी और साथ ही इस मामले में नगर पंचायत की जो नकारात्मक भूमिका सामने आई है।
जो बिलकुल भी अनुचित है ।


Conclusion:
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