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रायगढ़ : कुपोषण को दूर करेगा पोषण आहार केंद्र, हर ब्लॉक में बनाया जा रहा 'NRC' - Malnutrition data in Raigarh

रायगढ़ के कुपोषित बच्चों के लिए हर ब्लॉक में न्यूट्रिशनल रिहैबिलिटेशन सेंटर बनाया जा रहा है, जिसके तहत बच्चों को 15 दिनों तक पोषण पुनर्वास केंद्र में रखा जाएगा और उनकी देखरेख की जाएगी.

Nutritional Rehabilitation Center is being built in every block of Raigarh
कुपोषण को दूर करेगा पोषण आहार केंद्र
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Published : Jun 24, 2020, 4:44 PM IST

रायगढ़ : जिले में कुपोषित बच्चों के लिए हर ब्लॉक में NRC बनाई जा रही है. NRC मतलब (न्यूट्रिशनल रिहैबिलिटेशन सेंटर) या पोषण पुनर्वास केंद्र यह कुपोषित बच्चों को पोषण देने के उद्देश्य से बनाया गया है. इस अभियान के तहत कुपोषित बच्चों को यहां 15 दिन तक रखा जाएगा और उनका पालन पोषण किया जाएगा. बता दें कि जिले में लगभग 18 हजार बच्चे कुपोषण की श्रेणी में आ रहे हैं.

कुपोषण को दूर करेगा पोषण आहार केंद्र

दरअसल कुपोषित बच्चे को पोषण देने और उनकी बेहतर देखभाल के लिए पोषण आहार अभियान के तहत पहले से ही काम किया जा रहा है, लेकिन इसमें कुछ खासा असर देखने को नहीं मिल रहा है. इसीलिए इस अभियान के तहत पोषण पुनर्वास केंद्र बनाए जाएंगे जहां पर ऐसे बच्चों को रखा जाएगा, जिनकी स्थिति ठीक नहीं है और बच्चे कुपोषित हैं.

अधिकारी ने दी जानकारी

महिला एवं बाल विकास अधिकारी T.K जाटवर का कहना है कि, जिले के सभी ब्लॉक में NRC सेंटर बनाए जाएंगे और कुपोषित बच्चों को वहां पर 15 दिनों के लिए रखा जाएगा. जहां उनको पोषण और विशेष डाइट दी जाएगी, जिसके बाद उनकी शारीरिक जांच, वजन और स्थिति को देखकर 15 दिनों के बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया जाएगा.

जिले में कुपोषित बच्चों की संख्या ब्लॉक के आधार पर इस प्रकार है-

ब्लॉक कुपोषित बच्चों की संख्या
रायगढ़2170
पुसौर1401
बरमकेला1997
सारंगढ़2553
खरसिया1834
तमनार1472
घरघोड़ा1632
धर्मजयगढ़3230

सुपोषण योजना

बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के मौके पर राज्य के विकास के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की थी, जिसमें से एक सुपोषण योजना भी थी. इसके तहत राज्य में बच्चों को कुपोषण से दूर करने के लिए पोषण युक्त आहार दिया जाता है. बता दें कि छत्तीसगढ़ में कुल आबादी के लगभग 40% लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन कर रहे हैं. यही वजह थी कि छत्तीसगढ़ में कुपोषित बच्चों की संख्या बढ़ रही है.

पढ़ें: मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत 67 हजार से अधिक बच्चे हुए कुपोषण मुक्त

इसके साथ ही कोरोना काल के बीच खबर आई है कि, इस महामारी के कारण 10 मिलियन यानी कि एक करोड़ बच्चे कुपोषण के शिकार हो सकते हैं. संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) का अनुमान है कि कोविड ​​-19 महामारी के परिणाम स्वरूप कुपोषण के इस खतरनाक रूप से पीड़ित बच्चों की संख्या में 20 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है. सबसे ज्यादा डराने वाली बात तो यह है कि जो बच्चे कमजोर हैं, उन पर वायरस के संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है. अगर बच्चों को अच्छा भोजन नहीं मिलेगा तो वे महामारी की चपेट में भी आ सकते हैं.

रायगढ़ : जिले में कुपोषित बच्चों के लिए हर ब्लॉक में NRC बनाई जा रही है. NRC मतलब (न्यूट्रिशनल रिहैबिलिटेशन सेंटर) या पोषण पुनर्वास केंद्र यह कुपोषित बच्चों को पोषण देने के उद्देश्य से बनाया गया है. इस अभियान के तहत कुपोषित बच्चों को यहां 15 दिन तक रखा जाएगा और उनका पालन पोषण किया जाएगा. बता दें कि जिले में लगभग 18 हजार बच्चे कुपोषण की श्रेणी में आ रहे हैं.

कुपोषण को दूर करेगा पोषण आहार केंद्र

दरअसल कुपोषित बच्चे को पोषण देने और उनकी बेहतर देखभाल के लिए पोषण आहार अभियान के तहत पहले से ही काम किया जा रहा है, लेकिन इसमें कुछ खासा असर देखने को नहीं मिल रहा है. इसीलिए इस अभियान के तहत पोषण पुनर्वास केंद्र बनाए जाएंगे जहां पर ऐसे बच्चों को रखा जाएगा, जिनकी स्थिति ठीक नहीं है और बच्चे कुपोषित हैं.

अधिकारी ने दी जानकारी

महिला एवं बाल विकास अधिकारी T.K जाटवर का कहना है कि, जिले के सभी ब्लॉक में NRC सेंटर बनाए जाएंगे और कुपोषित बच्चों को वहां पर 15 दिनों के लिए रखा जाएगा. जहां उनको पोषण और विशेष डाइट दी जाएगी, जिसके बाद उनकी शारीरिक जांच, वजन और स्थिति को देखकर 15 दिनों के बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया जाएगा.

जिले में कुपोषित बच्चों की संख्या ब्लॉक के आधार पर इस प्रकार है-

ब्लॉक कुपोषित बच्चों की संख्या
रायगढ़2170
पुसौर1401
बरमकेला1997
सारंगढ़2553
खरसिया1834
तमनार1472
घरघोड़ा1632
धर्मजयगढ़3230

सुपोषण योजना

बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के मौके पर राज्य के विकास के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की थी, जिसमें से एक सुपोषण योजना भी थी. इसके तहत राज्य में बच्चों को कुपोषण से दूर करने के लिए पोषण युक्त आहार दिया जाता है. बता दें कि छत्तीसगढ़ में कुल आबादी के लगभग 40% लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन कर रहे हैं. यही वजह थी कि छत्तीसगढ़ में कुपोषित बच्चों की संख्या बढ़ रही है.

पढ़ें: मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत 67 हजार से अधिक बच्चे हुए कुपोषण मुक्त

इसके साथ ही कोरोना काल के बीच खबर आई है कि, इस महामारी के कारण 10 मिलियन यानी कि एक करोड़ बच्चे कुपोषण के शिकार हो सकते हैं. संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) का अनुमान है कि कोविड ​​-19 महामारी के परिणाम स्वरूप कुपोषण के इस खतरनाक रूप से पीड़ित बच्चों की संख्या में 20 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है. सबसे ज्यादा डराने वाली बात तो यह है कि जो बच्चे कमजोर हैं, उन पर वायरस के संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है. अगर बच्चों को अच्छा भोजन नहीं मिलेगा तो वे महामारी की चपेट में भी आ सकते हैं.

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