रायगढ़: जिले के खरसिया विधायक और छत्तीसगढ़ के उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल जिला कलेक्टर कार्यालय में खनिज न्यास निधि (DMF) की बैठक में शामिल हुए. जिला कलेक्टर, एसपी सहित जिले के अन्य चार विधायक भी इस बैठक में शामिल हुए. वहीं जिले के प्रभारी मंत्री रविंद्र चौबे की कोरोना काल में न आ पाने की वजह से रायगढ़ जिले में DMF की बैठक नहीं हो पा रही थी, जो बुधवार को उच्च शिक्षा मंत्री और कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त विधायक लालजीत राठिया कि अध्यक्षता में संपन्न हुआ. इस बैठक का मुख्य उद्देश्य DMF से जिले में विकास कार्यों के लिए राशि का व्यय और उसका निर्धारण करना था.
उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने बताया कि DMF की बैठक में सभी विधायकों के प्रस्ताव और आदिवासी क्षेत्रों में विकास के लिए फैसला लिया गया है. फिलहाल जिले में 40 करोड़ रुपये DMF में है, जिसे निर्माण कार्य नहीं कराए जाएंगे. इसे सिर्फ नई योजना और आदिवासी अंचल में विकास के लिए लगाया जाएगा. वहीं जो आदिवासी हॉस्टल हैं उनको मॉडल के रूप में बनाया जाएगा.
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इधर, कोरबा में 10 जुलाई को जिला खनिज संस्थान न्यास की राशि को लेकर वर्तमान राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल और पूर्व गृह मंत्री ननकीराम कंवर ने एक-दूसरे पर आरोप लगाया था. ननकीराम कंवर ने मंत्री जयसिंह अग्रवाल पर DMF राशि के दुरुपयोग का आरोप लगाया था, जिस पर तंज कसते हुए जयसिंह अग्रवाल ने भी कहा था कि विधायकों का तो काम ही सवाल उठाना है, जनता ने उन्हें इसलिए ही चुना है.
खनिज संस्थान न्यास की बैठक
जानकारी के मुताबिक 25 जून को जिला खनिज संस्थान न्यास के शासी परिषद की बैठक में प्रदेश के दोनों ही कद्दावर नेताओं में तीखी नोकझोंक हुई थी. वर्तमान में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है, कोरबा विधायक जयसिंह अग्रवाल राजस्व मंत्री हैं. जब प्रदेश में BJP की सरकार थी और जयसिंह अग्रवाल विपक्ष के विधायक हुआ करते थे, तब उन्होंने खनिज न्यास की भारी-भरकम राशि पर सवाल उठाए थे. इस दौरान तत्कालीन कलेक्टर पी दयानंद से उनकी नोकझोंक ने प्रदेश भर में सुर्खियां बटोरी थी.