बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में बीते दिनों हुई हाथियों की मौत का मुद्दा अब हाईकोर्ट में है. रायगढ़ जिले के घरघोड़ा में हाथियों की मौत हुई थी. इन मौतों पर मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायाधीश रविन्द्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई. इस मसले पर कर्नाटक हाथी टास्क फोर्स रिपोर्ट 2012 को लेकर सुनवाई हुई.
महाधिवक्ता ने मांगा समय: कर्नाटक हाथी टास्क फोर्स रिपोर्ट 2012 में न्यूनतम ऊंचाई को लेकर निर्देशों का पालन किए जाने पर शपथपत्र दाखिल करने को लेकर कोर्ट ने पूछा. कोर्ट के सवाल पर महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि शपथ पत्र की जानकारी काफी ज्यादा है, जिसपर समय लग रहा है,और कुछ दिनों का समय मांगा. जिसपर कोर्ट ने 2 सप्ताह का समय दे दिया है.
रायगढ़ में करंट से हुई थी तीन हाथियों की मौत: रायगढ़ में 26 अक्टूबर 2024 को बिजली का तार गिरने से तीन हाथियों की मौत हो गई थी. इस मामले में हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था. यह घटना घरघोजडा वन परिक्षेत्र की थी. इस याचिका पर ऊर्जा सचिव के अलावा प्रबंध निदेशक छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत पारेषण कंपनी,प्रधान मुख्य वन संरक्षक व, राज्य शासन को पक्षकार बनाया गया था. इस घटना के कुछ दिनों बाद दीपावली से ठीक पहले अचानकमार वन क्षेत्र में भी इसी तरह करंट लगाए जाने से एक और हाथी मारा गया. पहले हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ऊर्जा सचिव को जवाब देने कहा कि इस तरह ऊपर लगे हुए तार के सम्पर्क में हाथी कैसे आ गए.
हाईकोर्ट ने हलफनामा पेश करने का दिया था आदेश: हाथियों की मौत पर हाईकोर्ट ने सरकार से हलफनामा मांगा. पिछली सुनवाई के दौरान अधिवक्ता अदिति सिंघवी ने कहा कि वन क्षेत्रों में न्यूनतम निकासी 20 फीट होनी चाहिए, जैसा कि कर्नाटक हाथी टास्क फोर्स रिपोर्ट, 2012 द्वारा अनुशंसित किया गया है, लेकिन छत्तीसगढ़ राज्य में न्यूनतम निकासी उक्त ऊंचाई से काफी कम है. जैसा कि प्रतिवादी अधिकारियों ने 10 दिसंबर 2024 को दायर हलफनामे के पैराग्राफ संख्या 6 में भी स्पष्ट किया है.
इस तर्क के बाद हाइकोर्ट की डिवीजन बैंच ने छत्तीसगढ़ सरकार के ऊर्जा विभाग के सचिव और छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध निदेशक को निर्देश दिया. हस्तक्षेपकर्ता द्वारा 30 जनवरी 2025 के मामले में दायर अपना उत्तर-शपथपत्र दाखिल करने का निर्देश दिया. महाधिवक्ता के समय मांगने पर कोर्ट ने इस मसले पर शपथ पत्र दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है.