बस्तर: बस्तर के कोंडागांव जिले के केशकाल में एक सुरंग का निर्माण किया जा रहा है. इस सुरंग का नाम केशकाल सुरंग रखा गया है. इस सुरंग के बन जाने से रायपुर से विशाखापट्टनम की दूरी घट जाएगी. यात्रा का समय घटकर 12 घंटे से 7 घंटे हो जाएगा. इस बात की जानकारी सड़क निर्माण से जुड़े विभाग और एजेंसी ने दी है.
सुरंग बनने से विकास को मिलेगी रफ्तार: इस सुरंग के बन जाने से विकास को रफ्तार मिलेगी. छत्तीसगढ़ की दक्षिण भारत से दूरी कम हो जाएगी. सुरंग से व्यापार, पर्यटन और स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है. सुरंग बन जाने से लोगों को खतरनाक पहाड़ी रास्तों में एक सुरक्षित मार्ग का विकल्प मिल जाएगा. यात्री बस्तर की बीहड़ घाटियों की घुमावदार और कठिन सड़कों से जूझ रहे हैं. सुरंग बन जाने से यह तकलीफ दूर हो जाएगी.
कई मायने में अहम है केशकाल सुरंग: यह आधुनिक सड़क सुरंग क्षेत्र की अर्थव्यवस्था, पर्यटन और परिवहन को बदलने के लिए तैयार है, जिससे यात्रा तेज, सुरक्षित और अधिक सुविधाजनक हो जाएगी. वर्तमान में, रायपुर से विशाखापत्तनम की यात्रा में लगभग 12 घंटे लगते हैं. इस बेहतर कनेक्टिविटी से क्षेत्र के व्यापारियों, किसानों और पर्यटन उद्योग को बहुत लाभ मिलेगा. सुरंग का सबसे बड़ा लाभ बस्तर में पर्यटन पर इसका प्रभाव होगा. यह क्षेत्र पहले से ही अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है, लेकिन कठिन भूभाग के कारण, यह काफी हद तक दुर्गम बना हुआ है.
पर्यटन सेक्टर को मिलेगी गति: सुरंग बन जाने से छत्तीसगढ़ के पर्यटन सेक्टर को भी तेजी मिलेगी. सुरक्षित मार्ग के साथ, चित्रकोट जलप्रपात, तीरथगढ़ जलप्रपात, कुटुमसर गुफाएं और प्रसिद्ध दंतेश्वरी मंदिर पहुंचना पर्यटकों के लिए आसान हो जाएगा. इससे छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था को भी फायदा मिलेगा. सुरंग व्यापार और उद्योग के लिए नए रास्ते खोलेगी.
बस्तर के उत्पादों को ले जाने में मिलेगी मदद: इस सड़क के निर्माण से बस्तर के उत्पादों को दूसरे बाजार ले जाने में मदद मिलेगी. खतरनाक पहाड़ी सड़क एक चौड़ी और सुरक्षित सुरंग में बदल जाएगा, जिससे सुगम और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित होगी. इस सुरंग और सड़क के निर्माण से राज्य में रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे और विकास में गतिशीलता आएगी.
सोर्स: ANI