रायगढ़ : जिले में गर्भवती महिलाओं और किशोरियों में खून की कमी ना हो इसके लिए स्वास्थ्य विभाग हर साल करोड़ों रुपए खर्च कर रहा है, लेकिन इस योजना का जमीनी स्तर पर असर होता नजर नहीं आ रहा है. पिछले एक साल में जिले में 24 हजार 371 से अधिक महिलाओं में खून की कमी पाई गई है. इनमें 12 सौ से अधिक सीवियर एनीमिया के मरीज हैं.
बता दें कि शरीर में खून की कमी को एनीमिया कहा जाता है. शरीर में 11 ग्राम से कम खून को एनीमिया की स्थिति कहते हैं और 7 ग्राम से कम खून होने पर सीवियर एनीमिया कहा जाता है, जो बेहद ही खतरनाक स्थिति होती है.
महिलाओं और किशोरियों में खून की कमी न हो इस लेकर राज्य सरकार आयरन गोली का वितरण करा रही है. स्कूल कॉलेजों के साथ-साथ सभी पंचायतों में अभियान चलाकर मितानिनों के जरिए घर-घर आयरन की गोलियां दी जा रही है, लेकिन करोड़ों के इस बजट से एनीमिया पीड़ितों की संख्या में कमी नहीं आ रही है.
पढ़ें :रायगढ़ : जर्जर शौचालय ढहा, मलबे में दबने से 7 साल की बच्ची की मौत
साल 2018-19 में एनीमिया के मरीजों की संख्या
- बरमकेला में 11 ग्राम से कम 1788, 7 ग्राम से कम 62
- सारंगढ़ -11 ग्राम से कम 2543, 7 ग्राम से कम 52
- पुसौर- 11 ग्राम से कम 1196, 7 ग्राम से कम 4
- रायगढ़ ग्रामीण- 11 ग्राम से कम 1825, 7 ग्राम से कम 15
- चपले- 11 ग्राम से कम 1795, 7 ग्राम से कम 37
- तमनार- 11 ग्राम से कम 1332, 7 ग्राम से कम 12
- घरघोड़ा-11 ग्राम से कम 3715, 7 ग्राम से कम 232
- लैलूंगा- 11 ग्राम से कम 14287, ग्राम से कम 28
- विजयनगर- 11 ग्राम से कम 4073, 7 ग्राम से कम 84
- रायगढ़ शहर- 11 ग्राम से कम 7117, ग्राम से कम 16
- मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल- 11 ग्राम से कम 3661, 7 ग्राम से कम 680
- खरसिया स्वास्थ्य केंद्र- 11 ग्राम से कम 204, 7 ग्राम से कम 63
- धरमजयगढ़ स्वास्थ्य केंद्र- 11 ग्राम से कम 100, 7 ग्राम से कम 56
पूरे मामले में जिला स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर केसरी का कहना है कि 'आंकड़े चिंताजनक है, लेकिन शासन द्वारा लगातार एनीमिया के मरीजों की संख्या में कमी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं और जल्द ही इन आंकड़ों में सुधार आएगा. फिलहाल सीवियर एनीमिया के मरीजों को आयरन के इंजेक्शन और सामान्य महिला और किशोरियों को आयरन की गोली दे रहे हैं'.