ETV Bharat / state

रायगढ़ : नए ऑडिटोरियम में होगा चक्रधर समारोह, बिखरेगी सांस्कृतिक छटा

author img

By

Published : Aug 2, 2019, 10:34 PM IST

जिले में इस बार होने वाले चक्रधर समारोह का आयोजन नवनिर्मित ऑडिटोरियम में होगा. समारोह में अलग ही भव्यता देखने को मिलेगी.

जिले में इस बार होने वाले चक्रधर समारोह का आयोजन नवनिर्मित ऑडिटोरियम में होगा.

रायगढ़ : जिले में हर साल 13 से 22 सितंबर तक होने वाले चक्रधर समारोह का आयोजन इस बार जिले के नवनिर्मित ऑडिटोरियम में होगा. इसमें भव्य स्टेज और दर्शकों के बैठने के लिए बेहतर व्यवस्था है. ऑडिटोरियम में एक साथ 1100 लोग बैठ सकते हैं.

जिले में इस बार होने वाले चक्रधर समारोह का आयोजन नवनिर्मित ऑडिटोरियम में होगा.

सन् 1985 में हुई थी शुरुआत
जिले में हर साल सितंबर में चक्रधर समारोह होता है, जिसमें गायन, वादन और नृत्य के शीर्ष कलाकारों को बुलाया जाता है. रायगढ़ राजघराने के राजा भूपदेव सिंह के दूसरे बेटे राजा चक्रधर सिंह के नाम से इस समारोह का आयोजन किया जाता है. 10 दिवसीय चक्रधर समारोह की शुरुआत सन् 1985 में हुई थी.

पारंपरिक खेलों का भी होगा आयोजन
समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ ही पारंपरिक खेलों का भी आयोजन होता है, जिसमें महिला-पुरुष कबड्डी और कुश्ती जैसे खेल होते हैं. 16, 17 और 18 सितंबर को 3 दिनों तक कुश्ती का आयोजन किया जाता है और 20, 21 और 22 सितंबर को कबड्डी होता है.

ये है कहानी
रायगढ़ के राजा चक्रधर सिंह एक कुशल तबला वादक और संगीत में निपुण थे. स्वतंत्रता के पूर्व से ही गणेश उत्सव पर यहां सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता था, जो धीरे-धीरे एक बड़े आयोजन में बदल गया. महाराजा चक्रधर सिंह की मृत्यु के बाद इस संस्कृति कार्यक्रम का नाम चक्रधर समारोह पड़ गया.

इस बार है कुछ खास
इस बार समारोह इसलिए खास है क्योंकि इससे पहले कभी भी इसका आयोजन किसी ऑडिटोरियम या अन्य बंद जगह पर न होकर अस्थाई डोम बनाकर किया जाता था, लेकिन इस बार कार्यक्रम ऑडिटोरियम में होगा.

रायगढ़ : जिले में हर साल 13 से 22 सितंबर तक होने वाले चक्रधर समारोह का आयोजन इस बार जिले के नवनिर्मित ऑडिटोरियम में होगा. इसमें भव्य स्टेज और दर्शकों के बैठने के लिए बेहतर व्यवस्था है. ऑडिटोरियम में एक साथ 1100 लोग बैठ सकते हैं.

जिले में इस बार होने वाले चक्रधर समारोह का आयोजन नवनिर्मित ऑडिटोरियम में होगा.

सन् 1985 में हुई थी शुरुआत
जिले में हर साल सितंबर में चक्रधर समारोह होता है, जिसमें गायन, वादन और नृत्य के शीर्ष कलाकारों को बुलाया जाता है. रायगढ़ राजघराने के राजा भूपदेव सिंह के दूसरे बेटे राजा चक्रधर सिंह के नाम से इस समारोह का आयोजन किया जाता है. 10 दिवसीय चक्रधर समारोह की शुरुआत सन् 1985 में हुई थी.

पारंपरिक खेलों का भी होगा आयोजन
समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ ही पारंपरिक खेलों का भी आयोजन होता है, जिसमें महिला-पुरुष कबड्डी और कुश्ती जैसे खेल होते हैं. 16, 17 और 18 सितंबर को 3 दिनों तक कुश्ती का आयोजन किया जाता है और 20, 21 और 22 सितंबर को कबड्डी होता है.

ये है कहानी
रायगढ़ के राजा चक्रधर सिंह एक कुशल तबला वादक और संगीत में निपुण थे. स्वतंत्रता के पूर्व से ही गणेश उत्सव पर यहां सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता था, जो धीरे-धीरे एक बड़े आयोजन में बदल गया. महाराजा चक्रधर सिंह की मृत्यु के बाद इस संस्कृति कार्यक्रम का नाम चक्रधर समारोह पड़ गया.

इस बार है कुछ खास
इस बार समारोह इसलिए खास है क्योंकि इससे पहले कभी भी इसका आयोजन किसी ऑडिटोरियम या अन्य बंद जगह पर न होकर अस्थाई डोम बनाकर किया जाता था, लेकिन इस बार कार्यक्रम ऑडिटोरियम में होगा.

Intro:जिले में प्रति वर्ष 13 से 22 सितंबर तक होने वाली चक्रधर समारोह का आयोजन इस बार रायगढ़ के नवनिर्मित ऑडिटोरियम में किया जाएगा जहां बेहतर स्टेज और दर्शकों के लिए उत्तम बैठने की व्यवस्था है. बता दें कि ऑडिटोरियम में एक साथ 11 सौ लोग बैठ सकते हैं.

byte01 रमेश जायसवाल नगर निगम आयुक्त



Body: रायगढ़ जिले में प्रतिवर्ष सितंबर माह में चक्रधर समारोह आयोजन करके गायन वादन और नृत्य के शीर्षस्थ से कलाकारों को बुलाया जाता है. बता दें कि चक्रधर समारोह का आयोजन रायगढ़ राजघराने के राजा भूपदेव सिंह के द्वितीय पुत्र राजा चक्रधर सिंह के नाम से सुरुवात किया गया। 1985 से 10 दिवसीय चक्रधर समारोह का प्रारंभ हुआ। चक्रधर समारोह में संस्कृतिक कार्यक्रम के साथ ही पारंपरिक खेलों का आयोजन किया जाता है जिसमें महिला पुरुष कबड्डी कुश्ती आदि होते हैं। 16, 17 और 18 सितंबर को 3 दिनों तक कुश्ती का आयोजन किया जाता है जबकि 20, 21 एवं 22 सितंबर को कबड्डी का आयोजन किया जाता है।
बता दे कि रायगढ़ के राजा चक्रधर सिंह एक कुशल तबला वादक एवं संगीत में निपुण थे स्वतंत्रता के पहले से ही गणेश उत्सव के समय यहां सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता था जो धीरे धीरे एक बड़ा आयोजन का रूप ले लिया और यही संस्कृतिक कार्यक्रम महाराजा चक्रधर सिंह की मृत्यु के बाद उनकी याद में चक्रधर समारोह का नाम पड़ गया।
इस बार चक्रधर समारोह इसलिए भी खास माना जा रहा है क्योंकि इससे पहले कभी भी इसका आयोजन किसी ऑडिटोरियम या अन्य बंद जगह पर ना होकर अस्थाई डोम बनाकर किया जाता था लेकिन इस बार कार्यक्रम ऑडिटोरियम में संचालित होगा।


Conclusion:कार्यक्रम की तैयारी को लेकर नगर निगम आयुक्त रमेश जायसवाल का कहना है कि यह पहली बार हो रहा है कि चक्रधर समारोह ऑडिटोरियम में होगा इससे पहले अस्थाई डोम बनाकर ही किया जाता था फिलहाल ऑडिटोरियम की तैयारी की जा रही है ऑडिटोरियम में एक साथ लगभग 11 सौ लोग बैठकर चक्रधर समारोह का लुत्फ ले सकते हैं।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.