रायगढ़: जातिगत समीकरण का असर संसदीय क्षेत्र में पड़ने वाला है. यहां पैकरा कंवर आदिवासियों की संख्या राठिया कंवर आदिवासियों के मुकाबले लगभग दो गुना है. लालजीत राठिया कंवर समाज के हैं और धर्मजयगढ़ और खरसिया में ही इनकी बहुतायत है. पैंकरा कंवर आदिवासियों की संख्या पत्थलगांव, कुनकुरी, जशपुर नगर में ज्यादा है.
गोमती साय को मिल सकता है फायदा
वर्तमान सांसद विष्णुदेव साय भी पैकरा कंवर आदिवासी हैं, जिसका फायदा उनको जशपुर जिले में मिलता था और कहीं न कहीं इसका लाभ गोमती को भी मिल सकता है. लोकसभा सीट क्रमांक दो अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीट है. रायगढ़ और जशपुर जिले की आठ विधानसभा इसमें शामिल हैं, जिसमें से पांच विधानसभा अनुसूचित जनजाति के लिए, एक अनुसूचित जाति के लिए और दो सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित है.
पैकरा कंवर आदिवासियों की सख्यां है ज्यादा
जातिगत समीकरण की बात करें तो, संसदीय क्षेत्र में पैकरा कंवर आदिवासियों की संख्या राठिया कंवर आदिवासियों के मुकाबले करीब दो गुना है. लालजीत इसी राठिया कंवर समाज के हैं और धर्मजयगढ़ और खरसिया में ही इनकी बहुतायत है. पैंकरा कंवर आदिवासी पत्थलगांव, कुनकुरी, जशपुर नगर में ज्यादा संख्या में हैं.
ज्यादा विधायकों वाली पार्टी की होती है जीत
सांसद विष्णुदेव साय भी पैकरा कंवर आदिवासी हैं, जिसका फायदा उनको जशपुर जिले में मिलता था. कहीं ना कहीं इसका लाभ गोमती को भी मिलेगा. रायगढ़ लोकसभा के इतिहास को अगर देखें तो यहां की विधानसभाओं में जिस पार्टी के विधायक होते हैं, लोकसभा में भी परचम उसी का लहराता है. वर्तमान में रायगढ़ के आठों विधानसभा में कांग्रेस का परचम लहरा रहा है, ऐसे में भाजपा के लिए यह टेढ़ी खीर साबित हो सकती है.
17 लाख 27 हजार से ज्यादा वोटर डालेंगे वोट
आगामी लोकसभा चुनाव में रायगढ़ लोकसभा से 17 लाख 27 हजार तीन सौ 32 वोटर अपनी भागीदारी करेंगे. बता दें कि इस बार यहां एक लाख 10 हजार नए मतदाता जुड़े हैं. इस बार के लोकसभा चुनावों में 14 लोगों ने नामांकन दाखिल है. हमेशा से ही रायगढ़ लोकसभा सीट के लिए भाजपा और कांग्रेस में कांटे की टक्कर रहती है. बीजेपी ने इस बार गोमती साय को मैदान में उतारा है, तो वहीं कांग्रेस ने धर्मजयगढ़ विधायक लालजीत सिंह राठिया पर दांव लगाया है.
प्रत्याशियों के पास इतनी है संपत्ति
सभी प्रत्याशियों ने नामांकन के दौरान अपनी संपत्ति का ब्योरा दिया है, जिसमें से लालजीत सिंह राठिया के पास 54 लाख 65 हजार रुपए की संपत्ति है, जबकी उन पर 21 लाख रुपए का कर्ज है. वहीं गोमती साय के पास 3 लाख 41 हजार रुपए की संपत्ति है और कोई भी बकाया उनके ऊपर नहीं है.