नारायणपुर: लॉकडाउन का आज 36वां दिन है. 3 मई को लॉकडाउन का दूसरा चरण भी खत्म होने वाला है, ऐसे में लोगों के बीच इस बात को लेकर उत्सुकता है कि लॉकडाउन खत्म होगा या बढ़ेगा. छत्तीसगढ़ में कम हो रही कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या सामने आने के बाद कई जिलों में लॉकडाउन के दौरान कुछ क्षेत्रों में राहत दी जा रही है. जरूरी सामानों की दुकानों के साथ ही ऐसी दुकानों को भी खोला जा रहा है, जो बहुत जरूरी तो नहीं, लेकिन जरूरी से कम भी नहीं.
नारायणपुर जिले की मोची कुंतीबाई की दुकान भी ऐसी ही है, जो पिछले महीनेभर से बंद रहने के बाद दोबारा खुली. मुंह पर मास्क लगाकर अपनी दुकान में काम कर कुंती ने दो घंटे में 200 रुपए कमाए. दरअसल सड़क के किनारे छोटी सी जूते-चप्पल मरम्मत की दुकान चलाने वाली कुंतीबाई किसी तरह अपने परिवार का गुजारा करती है. पति की मौत के बाद छोटी सी ये दुकान ही उसके जीने का सहारा थी, लेकिन कोरोना वायरस के कहर के बाद किए गए लॉकडाउन ने उसकी जिंदगी बदल दी. हर रोज दिनभर 100-200 रुपए कमाने वाली कुंती की कमाई का जरिया अचानक बंद हो गया. पिछले 20 सालों से जिस दुकान के सहारे उसके घर का चूल्हा जलता था, उस पर अचानक लॉकडाउन ने पानी फेर दिया.
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हालांकि सरकार ने ऐसे लोगों की सुध ली और कुंती और उसके जैसे कई गरीबों को दो महीने का राशन दिलाया. सरकार के साथ ही कई सामाजिक संगठनों ने भी मदद की, जिससे कुंती को कुछ राहत तो मिली, लेकिन नकदी की कमी हमेशा खलती रही. अब दुकान खुलने के बाद कुंती की ये समस्या भी दूर हो गई है और वो फिर से लोगों के जूते-चप्पल सिलने के काम में लग गई है. इससे कुंती को तो सहारा मिला ही, साथ ही उन लोगों को भी मदद मिली, जो पिछले कई दिनों से इस दुकान के खुलने के इंतजार में थे, ताकि अपनी एक जोड़ी चप्पल को सिलवाकर अपनी मंजिल तक पहुंच सकें.