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VIDEO: महिला की संदिग्ध मौत पर 'बवाल', मायकापक्ष ने पुलिस की जांच पर उठाए सवाल - खुदकुशी

मुंगेली: शुक्रवार रात लोरमी के सारधा इलाके महिला की संदिग्ध हालत में हुई मौत के मामले में पुलिस की जांच सवालों के घेरे में आ गयी है. मृतिका के परिजन ने पुलिस की जांच पर सवाल खड़े किए हैं.

परिजन ने किया प्रदर्शन
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Published : Feb 3, 2019, 9:01 PM IST

दरअसल पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों की टीम ने पुलिस को एक सुसाइड नोट सौंपा है. मृतक महिला के मायके पक्ष का कहना है कि, 'जब लाश के पंचनामा करने के दौरान पुलिस को सुसाइड नोट नहीं मिला, तो फिर पोस्टमार्टम के वक्त ये कहां से आया'. पोस्टमार्टम रिपोर्ट और पुलिस की जांच पर शक जताते हुए महिला के परिजन ने लोरमी थाना का घेराव भी किया.
'कलेक्टर के आश्वासन के बाद होगा अंतिम संस्कार'
नाराज परिजन मुंगेली कलेक्टर और एसपी से निष्पक्ष जांच का आश्वासन मिलने के बाद ही शव का अंतिम संस्कार करने की बात कह रहे हैं. फिलहाल शव को मरच्यूरी में रखा गया है.
नौ महीने पहली हुई थी शादी
बता दें कि, लोरमी के सारधा निवासी नितेश राजपूत की शादी 9 महीने पहले डिंडोल की रहने वाली सविता राजपूत के साथ हुई थी. बीते शुक्रवार की रात संदिग्ध सविता की मौत हो गयी. सविता के पति और ससुरालवालों ने थाने में सूचना दी कि, उसने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली है.

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गले पर मिले चोट के निशान
सूचना मिलते ही पुलिस की टीम जांच के लिए मौके पर पहुंची. जांच के दौरान पुलिस की टीम को सविता के गले में चोट के निशान मिले. वहीं दूसरी ओर महिला के मायकेवाले इसे आत्महत्या मानने से इंकार करते हुए हत्या की आशंका जता रहे हैं. पुलिस को दिए बयान में मायकेवालों ने सविता के ससुरालवालों पर दहेज के लिए प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है.
पुलिस की जांच पर उसे सवाल
⦁ शव के पंचनामा के दौरान महिला पुलिस मौजूद होने के बावजूद कमरे में क्यूं उपस्थित नहीं रही ?
⦁ जब नवविवाहिता से जुड़ा मामला होने की वजह से मजिस्ट्रेट (नायब तहसीलदार) की उपस्थिति में पंचनामा कार्रवाई हुई, उस दौरान सुसाइड नोट क्यों बरामद नहीं हुआ?
⦁ किसी भी मर्ग के मामले में शव के पंचनामा कार्रवाई के बाद पीएम होने तक उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस की होती है. ऐसे में भला सुसाइड नोट को कपड़े के अंदर छिपाना कैसे संभव है.
⦁ पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक़ मृतिका का पोस्टमार्टम दो डॉक्टरों के द्वारा किया गया. क्या पुलिस इन चिकित्सकों से अभी तक सुसाइड नोट के संबंध में कोई पूछताछ की है,क्यूंकि सुपुर्दगी इन्हीं के द्वारा किया गया.
इस मामले में एडिशनल एसपी सीडी तिर्की ने कहा कि, 'परिजन दोबारा पोस्टमार्टम या फारेंसिक जांच की मांग कर रहे हैं, तो पुलिस जांच कराने को तैयार है'. उन्होंने कहा कि, 'इस बात का भी पता लगाया जाएगा कि, सुसाइड नोट बाद में कैसे मिला और किसके द्वारा लिखा गया, इसकी बारीकी से जांच की जाएगी.

दरअसल पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों की टीम ने पुलिस को एक सुसाइड नोट सौंपा है. मृतक महिला के मायके पक्ष का कहना है कि, 'जब लाश के पंचनामा करने के दौरान पुलिस को सुसाइड नोट नहीं मिला, तो फिर पोस्टमार्टम के वक्त ये कहां से आया'. पोस्टमार्टम रिपोर्ट और पुलिस की जांच पर शक जताते हुए महिला के परिजन ने लोरमी थाना का घेराव भी किया.
'कलेक्टर के आश्वासन के बाद होगा अंतिम संस्कार'
नाराज परिजन मुंगेली कलेक्टर और एसपी से निष्पक्ष जांच का आश्वासन मिलने के बाद ही शव का अंतिम संस्कार करने की बात कह रहे हैं. फिलहाल शव को मरच्यूरी में रखा गया है.
नौ महीने पहली हुई थी शादी
बता दें कि, लोरमी के सारधा निवासी नितेश राजपूत की शादी 9 महीने पहले डिंडोल की रहने वाली सविता राजपूत के साथ हुई थी. बीते शुक्रवार की रात संदिग्ध सविता की मौत हो गयी. सविता के पति और ससुरालवालों ने थाने में सूचना दी कि, उसने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली है.

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गले पर मिले चोट के निशान
सूचना मिलते ही पुलिस की टीम जांच के लिए मौके पर पहुंची. जांच के दौरान पुलिस की टीम को सविता के गले में चोट के निशान मिले. वहीं दूसरी ओर महिला के मायकेवाले इसे आत्महत्या मानने से इंकार करते हुए हत्या की आशंका जता रहे हैं. पुलिस को दिए बयान में मायकेवालों ने सविता के ससुरालवालों पर दहेज के लिए प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है.
पुलिस की जांच पर उसे सवाल
⦁ शव के पंचनामा के दौरान महिला पुलिस मौजूद होने के बावजूद कमरे में क्यूं उपस्थित नहीं रही ?
⦁ जब नवविवाहिता से जुड़ा मामला होने की वजह से मजिस्ट्रेट (नायब तहसीलदार) की उपस्थिति में पंचनामा कार्रवाई हुई, उस दौरान सुसाइड नोट क्यों बरामद नहीं हुआ?
⦁ किसी भी मर्ग के मामले में शव के पंचनामा कार्रवाई के बाद पीएम होने तक उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस की होती है. ऐसे में भला सुसाइड नोट को कपड़े के अंदर छिपाना कैसे संभव है.
⦁ पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक़ मृतिका का पोस्टमार्टम दो डॉक्टरों के द्वारा किया गया. क्या पुलिस इन चिकित्सकों से अभी तक सुसाइड नोट के संबंध में कोई पूछताछ की है,क्यूंकि सुपुर्दगी इन्हीं के द्वारा किया गया.
इस मामले में एडिशनल एसपी सीडी तिर्की ने कहा कि, 'परिजन दोबारा पोस्टमार्टम या फारेंसिक जांच की मांग कर रहे हैं, तो पुलिस जांच कराने को तैयार है'. उन्होंने कहा कि, 'इस बात का भी पता लगाया जाएगा कि, सुसाइड नोट बाद में कैसे मिला और किसके द्वारा लिखा गया, इसकी बारीकी से जांच की जाएगी.
Intro:महिला की संदिग्ध मौत मामले में घिरी लोरमी पुलिस,नाराज़ परिजनों ने शव लेने से इंकार करते हुए किया लोरमी थाना का घेराव
लोरमी: शुक्रवार की रात को लोरमी के सारधा इलाके में हुई एक महिला की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले में पुलिस की जांच सवालों के घेरे में आ गयी है।पुलिस को पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों की टीम ने एक सुसाइड नोट बरामद करके सौंपा है।जिसके बाद पूरी जांच पर परिजन सवाल उठा रहे हैं।मृतिका के मायके के परिजनों और ग्रामीणों का कहना है कि जब शव के पंचनामा कार्रवाई में कहीं कोई सुसाइड नोट नही मिला तो अचानक से ये पोस्ट मार्टम के दौरान कैसे मिल गया।पूरे मामले पर लोरमी पुलिस की जांच और पीएम रिपोर्ट पर संदेह जताते हुए परिजनों ने लोरमी थाने का घेराव कर दिया है। नाराज परिजन मुंगेली एसपी और कलेक्टर से निष्पक्ष जांच का आश्वासन मिलने के बाद ही शव का अंतिम संस्कार करने की बात कह रहे हैं।फिलहाल शव मरच्यूरी में रखा हुआ है।


Body:ये है विवाद की वजह
लोरमी के सारधा निवासी नितेश राजपूत का विवाह 9 माह पूर्व डिंडोल निवासी सविता राजपूत के साथ हुआ था।इसी दौरान बीते शुक्रवार की रात को अचानक संदिग्ध अवस्था मे मृतिका सविता की मौत हो गयी। मृतक के पति और ससुराल वालों ने थाने में सूचना दी कि सविता ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली।मर्ग सूचना देने आए पति ने ये भी बताया कि फांसी से बचाने के लिए उसने फंदे से सविता को अलग भी किया है।सूचना पाकर लोरमी थाना पुलिस और मृतिका के मायके के लोग उसके घर पहुंचे।जहां पर उन्होंने देखा कि मृतिका के गले मे चोंट के निशान है।इस दौरान मायके के लोगों ने इसे सुसाइड मानने से इंकार करते हुए हत्या की आशंका जताई।साथ ही साथ पुलिस को दिए बयान में परिजनों ने दहेज में मोटरसाइकिल के लिए प्रताड़ित करने का आरोप भी लगाया।
ये है सुलगते सवाल
(1)- मृतिका के पंचनामा कार्रवाई के दौरान महिला पुलिस होने के बावजूद वो कमरे में क्यूं उपस्थित नही रही?
(2)-जब नवविवाहिता से जुड़ा मामला होने की वजह से मजिस्ट्रेट (नायब तहसीलदार) की उपस्थिति में पंचनामा कार्रवाई हुई तो सुसाइड नोट क्यूं बरामद नही हुआ?
(3)-किसी भी मर्ग के मामले में शव के पंचनामा कार्रवाई के बाद पीएम होने तक उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस की होती है।ऐसे में यदि शव के कपड़े में सुसाइड नोट बाद में किसी के द्वारा छुपाया गया तो आखिर ऐसा कैसे हो गया।क्या पुलिस के द्वारा शव की सुरक्षा के मामले में लापरवाही बरती गयी?
(4)- पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक़ मृतिका का पोस्टमार्टम दो चिकित्सकों के द्वारा किया गया।क्या पुलिस इन चिकित्सकों से अभी तक सुसाइड नोट के संबंध में कोई पूछताछ की है,क्यूंकि सुपुर्दगी इन्ही के द्वारा किया गया।



Conclusion:थाने के आगे डटे हुए हैं परिजन
नाराज परिजन पुलिस की कार्यप्रणाली से बेहद नाराज है।वहीं इस मामले में पुलिस का रवैय्या भी बेहद नकारात्मक निकलकर आया।परिजन जिले के एसपी और कलेक्टर को बुलाने की मांग करते रहे।लेकिन कोई भी जिम्मेदार अफसर पीड़ित परिवार का दुख कम करने उनसे मिलने आना तक मुनासिब नही समझा।लिहाजा असंवेदनशील पुलिस के आगे दिनभर नाराज परिजन और ग्रामीण जिसमे भारी संख्या में महिलाएं भी शामिल हैं।भूखे प्यासे थाने के आगे बाहर धूप में बैठी रही।
जांच को तैयार पुलिस
इस पूरे मामले में जिले के एडिशनल एसपी सीडी तिर्की ने कहा कि परिजन दोबारा पीएम या फिर फारेंसिक जांच की मांग कर रहे हैं तो पुलिस जांच कराने को तैयार है।वहीँ इस बात का भी पता लगाया जाएगा कि सुसाइड नोट बाद में कैसे मिला साथ ही साथ सुसाइड नोट किसके द्वारा लिखा गया है,क्या ये मृतिका के द्वारा लिखा गया है या फिर किसी और ने इसे लिखा है सभी बिदुओं की बारीकी से जांच की जाएगी।
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