ETV Bharat / state

छत्तीसगढ़ 12वीं बोर्ड : डॉक्टर बन समाजसेवा करना चाहती हैं फोर्थ टॉपर क्षमा राजपूत - 12वीं बोर्ड में लोरमी की क्षमा राजपूत चौथे स्थान पर रहीं.

12वीं बोर्ड में लोरमी की क्षमा राजपूत चौथे स्थान पर रहीं. आगे पढ़ लिखकर डॉक्टर बनना चाहती हैं, क्योंकि उन्हें समाजसेवा करनी है और लोगों की मदद भी

टॉपर क्षमा राजपूत
author img

By

Published : May 10, 2019, 11:45 PM IST

मुंगेली : छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल ने 10वीं और 12वीं बोर्ड के नतीजे घोषित किए हैं. 12वीं बोर्ड में लोरमी की क्षमा राजपूत चौथे स्थान पर रहीं. क्षमा ने 478 अंकों के साथ 95.60% हासिल करके पूरे प्रदेश में चौथा स्थान हासिल किया है. जबकि छात्रा वर्ग में पूरे प्रदेश में दूसरे स्थान पर रही.

टॉपर क्षमा राजपूत से खास बातचीत

क्षमा राजपूत बिलासपुर के एचएसएम ग्लोबल पब्लिक स्कूल दयालबंद में पढ़ती हैं. उनके पिता विष्णु राजपूत शिक्षक हैं. वे बेटी की इस सफलता से बेहद खुश हैं. उनका कहना है कि उनकी बेटी बचपन से ही मेधावी रही हैं. यही वजह है कि दसवीं बोर्ड में क्षमा ने पूरे प्रदेश में आठवां स्थान हासिल किया था. वहीं इस बार भी चौथे पायदान पर रहीं.

समाजसेवा करना चाहती हैं
वह कहती हैं कि, आगे पढ़ लिखकर डॉक्टर बनना चाहती हैं, क्योंकि उन्हें समाजसेवा करनी है और लोगों की मदद भी. माता-पिता का आशीर्वाद है, इस वजह से वह प्रदेश में चौथे स्थान पर रहीं.

7 से 8 घंटे की पढ़ाई
उन्होंने कहा कि एग्जाम से पहले सिर्फ 3 घंटे पढ़ती थीं. एग्जाम के आते ही 7 से 8 घंटे पढ़ने लगी. उन्हें पढ़ाई के अलावा पेंटिंग करने का भी शौक है.

मुंगेली : छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल ने 10वीं और 12वीं बोर्ड के नतीजे घोषित किए हैं. 12वीं बोर्ड में लोरमी की क्षमा राजपूत चौथे स्थान पर रहीं. क्षमा ने 478 अंकों के साथ 95.60% हासिल करके पूरे प्रदेश में चौथा स्थान हासिल किया है. जबकि छात्रा वर्ग में पूरे प्रदेश में दूसरे स्थान पर रही.

टॉपर क्षमा राजपूत से खास बातचीत

क्षमा राजपूत बिलासपुर के एचएसएम ग्लोबल पब्लिक स्कूल दयालबंद में पढ़ती हैं. उनके पिता विष्णु राजपूत शिक्षक हैं. वे बेटी की इस सफलता से बेहद खुश हैं. उनका कहना है कि उनकी बेटी बचपन से ही मेधावी रही हैं. यही वजह है कि दसवीं बोर्ड में क्षमा ने पूरे प्रदेश में आठवां स्थान हासिल किया था. वहीं इस बार भी चौथे पायदान पर रहीं.

समाजसेवा करना चाहती हैं
वह कहती हैं कि, आगे पढ़ लिखकर डॉक्टर बनना चाहती हैं, क्योंकि उन्हें समाजसेवा करनी है और लोगों की मदद भी. माता-पिता का आशीर्वाद है, इस वजह से वह प्रदेश में चौथे स्थान पर रहीं.

7 से 8 घंटे की पढ़ाई
उन्होंने कहा कि एग्जाम से पहले सिर्फ 3 घंटे पढ़ती थीं. एग्जाम के आते ही 7 से 8 घंटे पढ़ने लगी. उन्हें पढ़ाई के अलावा पेंटिंग करने का भी शौक है.

Intro:डाक्टर बनकर लोरमी की ये बेटी करना चाहती है समाज सेवा, 12 वीं बोर्ड में पूरे प्रदेश में पाया चौथा स्थान


Body:मुंगेली- आज छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल ने 10वीं और 12वीं बोर्ड के नतीजे घोषित कर दिए छत्तीसगढ़ प्रदेश में चौथा स्थान पाया है मुंगेली जिले के लोरमी में रहनेवाली क्षमा राजपूत ने। क्षमा राजपूत बिलासपुर के एच एस एम ग्लोबल पब्लिक स्कूल दयालबंद में पढ़ती हैं। क्षमा ने 478 अंकों के साथ 95.60% हासिल करके पूरे प्रदेश में चौथा स्थान जबकि महिला वर्ग में पूरे प्रदेश में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। क्षमा के पिता विष्णु राजपूत पेशे से शिक्षक हैं, और वह लोरमी के कन्या हाई स्कूल में शिक्षक के पद पर पदस्थ हैं। क्षमा के पिता विष्णु राजपूत बेटी क्षमा की इस सफलता से बेहद खुश हैं उनका कहना है कि उनकी बेटी बचपन से ही मेघावी छात्रा रही है यही वजह है कि दसवीं बोर्ड में क्षमा ने पूरे प्रदेश में आठवां स्थान भी हासिल किया था। क्षमा के माता पिता आज क्षमा के रिजल्ट को देख कर खुशी के मारे थोड़े भावुक भी नज़र आये।

डाक्टर बनकर समाजसेवा करना चाहती है क्षमा
क्षमा राजपूत आगे पढ़ लिखकर डॉक्टर बनना चाहती है ईटीवी भारत से खास बातचीत में क्षमा ने कहा कि आज परीक्षा परिणाम देख कर मुझे अच्छा लग रहा है कि मैं अपने प्रदेश का नाम आगे बढ़ा रही हूं और अपने मम्मी पापा का नाम रोशन कर रही हूं मैंने एचएसएम ग्लोबल पब्लिक स्कूल दयालबंद बिलासपुर से पढ़ाई की है वहां बहुत अच्छे टीचर थे उन्होंने मुझे सपोर्ट किया और मेरे मम्मी पापा का आशीर्वाद था इसकी वजह से मैं आज पूरे प्रदेश में चौथा स्थान प्राप्त कर पाई हूं मैं तो प्रारंभ में सिर्फ 3 घंटे पढ़ती थी उसके बाद जब एग्जाम का टाइम आया तब 7 से 8 घंटे पढ़ती थी मैं आगे पढ़ लिखकर डॉक्टर बनना चाहती हूं क्योंकि मुझे समाज समाज सेवा करना है और लोगों की मदद भी करनी है। क्षमा ने कहा कि जो बच्चे बोर्ड एग्जाम की तैयारी करते हैं उन्हें मन लगाकर पढ़ना चाहिए और उन्हें अपना ऐम सेट करना चाहिए कि उन्हें आगे चलकर क्या बनना है। क्षमा ने बताया कि उन्हें पढ़ाई के अलावा पेंटिंग करने का भी शौक है।
मेरी बेटी शुरू से मेहनती
क्षमा के रिजल्ट को देखकर उसके मम्मी पापा बेहद खुश हैं क्षमा के पिता विष्णु कुमार राजपूत के मुताबिक बच्ची ने जो सफलता हासिल किया और जो स्थान पाया है उससे वो बहुत खुश हैं। उनके मुताबिक उनकी बेटी बचपन से ही प्रयत्नशील और मेहनत करने वाली रही है। जिसकी वजह से वह सफलता की ओर अग्रसर रहती है। उन्होंने कहा कि मैं चाहूंगा कि इलाके के और दूसरे बच्चे मेहनत करके अपने माता-पिता का नाम रोशन करें। मेरी बच्ची का केवल एक ही उद्देश्य है सतत अध्ययनशील रहना और सतत मेहनत करना। उसके लिए हमें ज्यादा उसे मोटिवेट करने की जरूरत ही नहीं पड़ती वह स्वयं ही इस बारे में समझती है उसे आगे क्या करना है।


Conclusion:बाइट-1-क्षमा राजपूत (छात्रा)
बाइट-2-विष्णु राजपूत (पिता)

रिपोर्ट-शशांक दुबे,ईटीवी भारत मुंगेली
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.