मुंगेली: अचानकमार टाइगर रिजर्व में घूमने आने वाले सैलानियों को एक बड़ी सौगात मिलने जा रही है. जल्द ही यहां आने वाले पर्यटक हाथी पर बैठ जंगल सफारी का मजा ले सकेंगे. इसके लिए एटीआर प्रबंधन ने तैयारी शुरू कर दी है. अचानकमार टाइगर रिजर्व के दो हाथियों को तमोर पिंगला अभयारण्य में इसके लिए ट्रेनिंग दी जा रही है.
अचानकमार टाइगर रिजर्व
मैकल पर्वत की श्रृंखला पर बसे अचानकमार टाइगर रिजर्व की स्थापना 1975 में वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट-1972 के तहत की गई थी. इसके बाद 2007 में इसे बायोस्फियर और 2009 में टाइगर रिजर्व घोषित किया गया था. लगभग 914 वर्ग किलोमीटर में फैला ये टाइगर रिजर्व अपने अंदर अनेक जैव विविधिता समेटे हुए है. एटीआर का कोर एरिया का क्षेत्रफल 649 वर्ग किलोमीटर है. वहीं बफर एरिया का क्षेत्रफल 265 वर्ग किलोमीटर तक फैला हुआ है.
कई तरह के वन्य जीव मौजूद
यहां के जंगलों में बाघ, तेंदुआ, गौर, उड़न गिलहरी, बायसन, भालू, हिरण, चीतल समेत लगभग 50 से ज्यादा स्तनधारी जीव और अलग-अलग प्रकार के 200 से ज्यादा पक्षियों के प्रजाति पाए जाते हैं.
हाथी पर सैर करेंगे सैलानी
अभी तक यहां सैलानी जिप्सी से ही जंगल सफारी का मजा लेते थे. वहीं अब सैलानियों को देश के दूसरे टाइगर रिजर्व की तर्ज पर हाथियों के जरिये सैर कराने की योजना पर काम चल रहा है. वर्तमान में एटीआर में केवल 4 हाथी उपलब्ध हैं. इनमें से पूर्णिमा और जंगबहादुर नाम के हाथियों की ट्रेनिंग के लिए तमोर पिंगला अभयारण भेजा गया है. एटीआर के डिप्टी डायरेक्टर संदीप बलगा के मुताबिक ट्रेनिंग लेकर आने वाले हाथियों को महावत के साथ जंगल सफारी के काम में लगाया जाएगा.