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मनरेगा मजदूरी नहीं मिलने से किसान परेशान, सरपंच पर लगाया गबन का आरोप

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत काम करने वाले मजदूर अपनी मजदूरी के लिए दर दर भटक रहे हैं. मजदूरों का आरोप है कि सरपंच ने खाते से उनकी मेहनत की कमाई को निकाल लिया है.

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किसान परेशान
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Published : Sep 4, 2020, 6:19 PM IST

Updated : Sep 4, 2020, 8:00 PM IST

महासमुंद : ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को रोजगार मिल सके, इसी उद्देश्य के साथ केंद्र सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना की शुरुआत की थी. इसके तहत ग्रामीण इलाकों में तालाब गहरीकरण सहित अन्य रोजगार मूलक कार्य मजदूरों के माध्यम से कराया जाता है, ताकि ग्रामीणों को इस योजना का लाभ मिल सके. महासमुंद जिले के सुदूरवर्ती ग्राम पंचायत भगत सरायपाली में मनरेगा मजदूरी में गबन का मामला सामने आया है. तालाब गहरीकरण के कार्य में लगे मजदूरों को अब तक मजदूरी का भुगतान नहीं हुआ है, जिससे वे दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं.

मनरेगा मजदूर किसान

दरअसल, पूरा मामला सरायपाली जनपद पंचायत क्षेत्र के ग्राम पंचायत भगत का है. महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत ग्राम सूखा पाली में कराए गए तालाब गहरीकरण के काम में मजदूरी का भुगतान अबतक नहीं किया गया है. इस कारण ग्रामीण मजदूर अपनी मजदूरी के लिए लगातार सरपंच, सचिव से गुहार लगा रहे हैं लेकिन फिर भी उन्हें मजदूरी नहीं मिल रही है.

पढ़ें : पिछले 24 घंटे में कोरोना के 80 हजार से अधिक मामले, 1096 मौतें

सरपंच के पति तपन पटेल का कहना है कि एक व्यक्ति की ही मजदूरी नहीं मिली है, जबकि सचिव का कहना है कि मजदूरों के खाते में राशि आ गई है. वहीं मजदूरों का कहना है कि उन्हें मजदूरी अभी तक मिली ही नहीं है और ना ही उनके खाते में मजदूरी आई है. मजदूरों का यह भी आरोप है कि सरपंच की ओर से उनका बैंक खाता ले जाया गया है, जिससे मजदूरी निकाल लिए जाने का भी उन्हें अंदेशा है.

महासमुंद : ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को रोजगार मिल सके, इसी उद्देश्य के साथ केंद्र सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना की शुरुआत की थी. इसके तहत ग्रामीण इलाकों में तालाब गहरीकरण सहित अन्य रोजगार मूलक कार्य मजदूरों के माध्यम से कराया जाता है, ताकि ग्रामीणों को इस योजना का लाभ मिल सके. महासमुंद जिले के सुदूरवर्ती ग्राम पंचायत भगत सरायपाली में मनरेगा मजदूरी में गबन का मामला सामने आया है. तालाब गहरीकरण के कार्य में लगे मजदूरों को अब तक मजदूरी का भुगतान नहीं हुआ है, जिससे वे दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं.

मनरेगा मजदूर किसान

दरअसल, पूरा मामला सरायपाली जनपद पंचायत क्षेत्र के ग्राम पंचायत भगत का है. महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत ग्राम सूखा पाली में कराए गए तालाब गहरीकरण के काम में मजदूरी का भुगतान अबतक नहीं किया गया है. इस कारण ग्रामीण मजदूर अपनी मजदूरी के लिए लगातार सरपंच, सचिव से गुहार लगा रहे हैं लेकिन फिर भी उन्हें मजदूरी नहीं मिल रही है.

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सरपंच के पति तपन पटेल का कहना है कि एक व्यक्ति की ही मजदूरी नहीं मिली है, जबकि सचिव का कहना है कि मजदूरों के खाते में राशि आ गई है. वहीं मजदूरों का कहना है कि उन्हें मजदूरी अभी तक मिली ही नहीं है और ना ही उनके खाते में मजदूरी आई है. मजदूरों का यह भी आरोप है कि सरपंच की ओर से उनका बैंक खाता ले जाया गया है, जिससे मजदूरी निकाल लिए जाने का भी उन्हें अंदेशा है.

Last Updated : Sep 4, 2020, 8:00 PM IST
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