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मासूम बच्ची से दुष्कर्म के मामले में आरोपी को 20 साल का सश्रम कारावास

सरगुजा में दुष्कर्म के आरोपी को कोर्ट ने कड़ी सजा सुनाई है.

SURGUJA CRIME
दुष्कर्म के आरोपी को सजा (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Nov 13, 2024, 7:55 AM IST

सरगुजा: ढाई साल पहले 12 साल की नाबालिग से जबरन दुष्कर्म करने के मामले में कोर्ट ने फैसला सुनाया है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट कमलेश जगदल्ला ने मासूम बच्ची से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 20 साल के सश्रम कारावास की सजा दी है. इसके साथ ही उस पर 20-20 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है.

साल 2022 की घटना: न्यायालयीन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मैनपाट में रहने वाली नाबालिग 31 मई 2022 को सुबह 7.30 बजे ढोढ़ी से पानी लेने गई हुई थी इसी दौरान 32 साल के युवक ने उसके साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया. आरोपी ने बच्ची को डराकर किसी को घटना की जानकारी देने से मना किया. जिसके बाद बच्ची चुपचाप घर चली गई. लेकिन इसी दौरान बच्ची की तबीयत खराब हुई तो परिजनों को उसके साथ हुई घटना के बारे में पता चला. जिसके बाद बच्ची के माता पिता ने थाने में जाकर आरोपी युवक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया.

आरोपी को 20 साल के सश्रम कारावास की सजा: परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने मामले में आरोपी को गिरफ्तार किया कोर्ट में पेश कर जेल भेजा गया. मंगलवार को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट कमलेश जगदल्ला ने मामले की सुनवाई की सुनवाई के दौरान शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक विद्याभूषण श्रीवास्तव ने पैरवी की.

कोर्ट ने सुनवाई के दौरान आरोपी युवक को दोषी मानते हुए धारा 376 (3) के तहत सश्रम 20 वर्ष, 20 हजार रुपए अर्थदंड व अर्थदंड की राशि जमा नहीं करने पर 1 वर्ष के अतिरिक्त सश्रम कारावास, धारा 3(क), 4(2) पॉक्सो एक्ट 2012 के तहत सश्रम 20 वर्ष, 20 हजार रुपए अर्थदंड व अर्थदंड की राशि जमा नहीं करने पर 1 वर्ष के अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने नाबालिग बच्ची को क्षतिपूर्ति योजना के तहत 5 लाख रुपए की क्षतिपूर्ति राशि देने की अनुशंसा की है.

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साल 2022 की घटना: न्यायालयीन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मैनपाट में रहने वाली नाबालिग 31 मई 2022 को सुबह 7.30 बजे ढोढ़ी से पानी लेने गई हुई थी इसी दौरान 32 साल के युवक ने उसके साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया. आरोपी ने बच्ची को डराकर किसी को घटना की जानकारी देने से मना किया. जिसके बाद बच्ची चुपचाप घर चली गई. लेकिन इसी दौरान बच्ची की तबीयत खराब हुई तो परिजनों को उसके साथ हुई घटना के बारे में पता चला. जिसके बाद बच्ची के माता पिता ने थाने में जाकर आरोपी युवक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया.

आरोपी को 20 साल के सश्रम कारावास की सजा: परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने मामले में आरोपी को गिरफ्तार किया कोर्ट में पेश कर जेल भेजा गया. मंगलवार को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट कमलेश जगदल्ला ने मामले की सुनवाई की सुनवाई के दौरान शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक विद्याभूषण श्रीवास्तव ने पैरवी की.

कोर्ट ने सुनवाई के दौरान आरोपी युवक को दोषी मानते हुए धारा 376 (3) के तहत सश्रम 20 वर्ष, 20 हजार रुपए अर्थदंड व अर्थदंड की राशि जमा नहीं करने पर 1 वर्ष के अतिरिक्त सश्रम कारावास, धारा 3(क), 4(2) पॉक्सो एक्ट 2012 के तहत सश्रम 20 वर्ष, 20 हजार रुपए अर्थदंड व अर्थदंड की राशि जमा नहीं करने पर 1 वर्ष के अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने नाबालिग बच्ची को क्षतिपूर्ति योजना के तहत 5 लाख रुपए की क्षतिपूर्ति राशि देने की अनुशंसा की है.

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